Advertisement

सुपौल विधानसभा चुनाव परिणाम 2025 (Supaul Assembly Election Result 2025)

चुनाव 2025 के उम्मीदवार

सुपौल, जो कभी सहरसा का उप-मंडल था, वर्ष 1991 में कोसी क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों के प्रशासनिक पुनर्गठन के तहत एक स्वतंत्र जिला बना. नेपाल सीमा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 57 पर स्थित यह जिला आज भी बाढ़ और पिछड़ेपन की दोहरी चुनौतियों से जूझ रहा है. 2006 में पंचायती राज मंत्रालय ने सुपौल को भारत के 250 सबसे पिछड़े जिलों में शामिल किया, जिससे

यह "Backward Regions Grant Fund Programme" के तहत विशेष वित्तीय सहायता पाने का पात्र बना.

सुपौल की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि आधारित है. धान, मक्का और दालें यहां की प्रमुख फसलें हैं, लेकिन बार-बार आने वाली बाढ़ और मजबूत सिंचाई व्यवस्था के अभाव में उत्पादकता पर प्रतिकूल असर पड़ता है. जिले में औद्योगिक गतिविधियां न के बराबर हैं. हालांकि हाल के वर्षों में लघु कृषि प्रसंस्करण इकाइयों की दिशा में कुछ स्थानीय प्रयास हुए हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर निवेश अभी भी दूर की बात है.

सुपौल का धरहरा गांव देशभर में वर्ष 2010 में चर्चा में आया था. यहां एक विशेष परंपरा के तहत हर बार किसी बेटी के जन्म पर परिवार कम-से-कम 10 पेड़, आम या लीची के, लगाते हैं. यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है और इसने पर्यावरण संरक्षण को बेटियों के सम्मान से जोड़ते हुए एक सकारात्मक सामाजिक संदेश दिया है.

सुपौल विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई. यह सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित सीट है, इसमें पिपरा, किशनपुर और सुपौल ब्लॉक शामिल हैं. यह सुपौल लोकसभा क्षेत्र का एक हिस्सा है. सुपौल शहर पटना से लगभग 270 किलोमीटर दूर है, जबकि सहरसा (50 किमी), मधेपुरा (60 किमी) और फॉर्ब्सगंज (70 किमी) इसके निकटवर्ती नगर हैं. NH-57 द्वारा सड़क संपर्क बेहतर है, लेकिन रेल और नागरिक बुनियादी ढांचा अब भी कमजोर बना हुआ है.

2020 के विधानसभा चुनावों में 2,88,703 मतदाता दर्ज थे, जो 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले बढ़कर 3,07,471 हो गए. चुनाव आयोग के अनुसार, 2020 की मतदाता सूची में दर्ज 3,357 मतदाता 2024 से पहले स्थानांतरित हो चुके थे. 2020 में मतदाता मतदान प्रतिशत 59.55% रहा.

जनसंख्यिकी के अनुसार, मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी 20.4% (58,895 मतदाता) है, इसके बाद यादव समुदाय 16.5% (47,635), अनुसूचित जाति 13.15% (39,849) और शहरी मतदाता लगभग 15.05% (43,450) हैं.

राजनीतिक दृष्टि से सुपौल पिछले दो दशकों से जनता दल (यूनाइटेड) का मजबूत गढ़ बना हुआ है. बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव 1990 से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और लगातार आठ बार यहां से जीत दर्ज की है. उन्होंने पहली दो बार जनता दल के टिकट पर जीत हासिल की थी. 2000 में समता पार्टी से चुनाव जीतने के बाद यह पार्टी जद(यू) में विलीन हो गई. शुरुआती वर्षों में उनका जीत का अंतर कम था, लेकिन बाद में यह लगातार बढ़ता गया.

अब तक सुपौल में 18 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें 1958 का उपचुनाव भी शामिल है. कांग्रेस ने यहां सात बार जीत दर्ज की है. प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और जनता दल ने दो-दो बार, जबकि जनता पार्टी ने 1977 में जीत हासिल की. जेडीयू और उसकी पूर्ववर्ती समता पार्टी ने 2000 से लगातार छह बार यह सीट जीती है.

2020 में बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कांग्रेस प्रत्याशी मिन्नतुल्लाह रहमानी को 28,099 वोटों से हराया था. उन्होंने 86,174 (50.2%) वोट प्राप्त किए, जबकि कांग्रेस को 58,075 (33.8%) मत मिले. लोक जनशक्ति पार्टी इस चुनाव में तीसरे स्थान पर रही और कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ सकी.

लोकसभा चुनावों में भी यह रुझान देखने को मिला. सिर्फ 2014 में जब जेडीयू और बीजेपी के बीच गठबंधन टूटा था, कांग्रेस को सुपौल विधानसभा क्षेत्र में 6,427 वोटों की मामूली बढ़त मिली थी. 2024 में जेडीयू के दिलेश्वर कामैत ने आरजेडी के चंद्रहास चौपाल को इस क्षेत्र में 24,269 वोटों से हराया.

अब जब एनडीए गठबंधन मजबूत है और विपक्ष ‘इंडिया गठबंधन’ के बैनर तले एकजुट हो चुका है, सुपौल विधानसभा सीट पर आगामी लड़ाई जमी-जमाई लोकप्रियता और नए विपक्षी मोर्चे के बीच होगी. हालांकि, अब तक के रुझानों से यह स्पष्ट होता है कि सुपौल में बदलाव की अपेक्षा निरंतरता की संभावना अधिक है.

(अजय झा)

और पढ़ें
छोटा करें
Advertisement
Phase 2

चुनाव शेड्यूल

मतदान की तारीख
11 नवंबर 2025
मतगणना की तारीख
14 नवंबर 2025
पूरे चुनाव शेड्यूल के लिए
यहां क्लिक कीजिए
सुपौल विधानसभा क्षेत्र में मतदान फेज 2 में 11 नवंबर 2025 को होगा और मतगणना 14 नवंबर 2025 को की जाएगी.

सुपौल विधानसभा चुनाव के पिछले नतीजे

2020
2015
WINNER

Bijendra Prasad Yadav

JD(U)
वोट86,174
विजेता पार्टी का वोट %50.2 %
जीत अंतर %16.4 %

सुपौल विधानसभा चुनाव के अन्य उम्मीदवार

  • नाम
    पार्टी
    वोट
  • Minnatullah Rahmani

    INC

    58,075
  • Prabhash Chandra Mandal

    LJP

    8,515
  • Anil Kumar Singh

    IND

    5,736
  • Nota

    NOTA

    4,180
  • Suresh Kumar Azad

    JHP

    2,616
  • Upendra Sharma

    JVKP

    1,477
  • Shiv Nath Prasad

    RSD (R)

    1,193
  • Mritunjay Kumar

    JD(S)

    1,169
  • Rajesh Kumar

    VPI

    983
  • Pankaj Kumar Mandal

    PPI(D)

    802
  • Bhogi Mandal

    RVJP

    728
WINNER

Bijendra Prasad Yadav

JD(U)
वोट82,295
विजेता पार्टी का वोट %54.7 %
जीत अंतर %24.9 %

सुपौल विधानसभा चुनाव के अन्य उम्मीदवार

  • नाम
    पार्टी
    वोट
  • Kishor Kumar

    BJP

    44,898
  • Suresh Kumar Azad

    JHNP

    5,501
  • Md. Ziyaur Rahaman

    BSP

    4,322
  • Nota

    NOTA

    4,309
  • Bijendra Narayan Yadav

    IND

    2,907
  • Bhogi Mandal

    RJNP

    1,917
  • Arbind Kumar Sharma

    CPI(ML)(L)

    1,915
  • Jay Narayan Yadav

    LSWD

    1,261
  • Prem Hanskumar

    SP

    1,141
Advertisement

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से जुड़े Frequently Asked Questions (FAQs)

सुपौल विधानसभा सीट के लिए मतदान की तारीख क्या है? यहां किस चरण में मतदान होगा?

सुपौल विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम कब घोषित होगा?

सुपौल विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान (2020) विधायक कौन हैं?

2020 में सुपौल में JD(U) का विजयी वोट प्रतिशत कितना था?

2020 के सुपौल चुनाव में Bijendra Prasad Yadav को कितने वोट मिले थे?

2020 में सुपौल में उपविजेता कौन था?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 कब आयोजित होंगे?

पिछला बिहार विधानसभा चुनाव किस पार्टी ने जीता था?

बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम 2025 कब घोषित होंगे?

बिहार विधानसभा चुनाव के प्रमुख मुद्दे क्या होंगे?

Advertisement