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'पाकिस्तानी रॉकेट का हमारे पास कोई जवाब नहीं था,' तालिबान ने पहली बार माना, कहा- सिर्फ कलाश्निकोव राइफलों से...

अफगानिस्तान ने रक्षा के मोर्चे पर अपनी कमजोरियों को मानते हुए कहा है कि अब सिर्फ कलाश्निकोव से वतन की रक्षा नहीं की जा सकती है. इसके लिए अब आधुनिक हथियारों की जरूरत है. अफगानिस्तान के शिक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को पंजाब के नाम से संबोधित किया और कहा कि आमने-सामने की लड़ाई में हमने उनको शिकस्त दे दी.

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तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान को नए हथियार हासिल करने की जरूरत है. (Photo: ITG)
तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान को नए हथियार हासिल करने की जरूरत है. (Photo: ITG)

अफगानिस्तान ने पहली बार माना है कि पाकिस्तान के साथ हुई हाल की लड़ाई में वह अपने लोगों की रक्षा करने में सफल नहीं रहा. तालिबान के एक मंत्री ने काबुल में छात्रों को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को 'पंजाब' के नाम से संबोधित किया और कहा, "हम ‘पंजाब’ के हमलों से खुद का बचाव करने में असमर्थ साबित हुए."

अफगानिस्तान के शिक्षा मंत्री और तालिबानी नेता हबीबुल्लाह आगा ने कहा कि कलाश्निकोव राइफलों से वतन को दिफा (रक्षा) करने का समय अब खत्म हो गया है. हबीबुल्लाह आगा ने कहा, "आज वतन की रक्षा कलाश्निकोव जैसे साधारण हथियारों से संभव नहीं है. रक्षा के लिए अब भारी तोपखाने, बम और लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है."

गौरतलब है कि तालिबान ने कभी इन्हीं कलाश्निकोव राइफलों के दम पर सोवियत रूस, अमेरिका जैसे ताकतों को परास्त कर दिया था. 

लेकिन हबीबुल्लाह आगा कहा कि अब ये दौर समाप्त हो गया है और मुल्क को जंग के नए सामानों की जरूरत है.

तालिबान के शिक्षा मंत्री हबीबुल्लाह आगा ने बताया कि इस पाकिस्तान के सामने अफगानिस्तान की असमर्थता का कारण तालिबान के पास आधुनिक तकनीक और जंग के नए साजो-सामान का अभाव है. 

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हालांकि तालिबान के मंत्री ने दावा किया कि आमने-सामने की लड़ाई में पाकिस्तान भागने को मजबूर हुए. 

उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के पास अफगानिस्तान के खिलाफ जमीनी युद्ध की क्षमता का अभाव है, लेकिन उसके पास उन्नत हवाई शक्ति जरूर है.

टोलो न्यूज ने हबीबुल्लाह आगा के हवाले से लिखा है, "हमने जमीनी लड़ाई के दौरान 'पंजाबियों' को भागते देखा, लेकिन एक बार जब उन्होंने रॉकेट दागे, तो हमारे पास बचाव का कोई ज़रिया नहीं था. ऐसी क्षमताएं केवल दृढ़ संकल्प और संकल्प से ही हासिल की जा सकती हैं."

अफगानिस्तान की तालिबान सरकार एडवांस मिलिट्री साजो-समान और एयर स्पेस पर कंट्रोल को लेकर मुल्क में बार बार जोर दे रही है और एकरुपता स्थापित कर रही है.

तालिबान के शिक्षा मंत्री हबीबुल्लाह आगा ने स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान को मुल्क में ही उच्च क्वालिटी के हथियार बनाने होंगे. और इसके लिए विदेशी पर अपनी निर्भरता समाप्त करनी होगी. 

हबीबुल्लाह आगा ने आगे कहा, "अगर रूस, भारत, ईरान या पाकिस्तान आपको सैन्य उपकरण प्रदान करते हैं, तो संभावना है कि वे आपको ऐसा कुछ ऐसा नहीं देंगे जिसका इस्तेमाल उनके खिलाफ किया जा सके. इसलिए हमें सुरक्षा के इस मामले को अपने हाथ में लेना होगा."

पाकिस्तान-अफगानिस्तान की ताजा जंग

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हुई जंग दोनों मुल्कों के बीच हाल में हुई सबसे खूनी जंग थी. इस दौरान पाकिस्तान ने काबुल, खोस्त, जलालाबाद और पक्तिका में हवाई हमले किए और पाकिस्तानी तालिबान (TTP) के ठिकानों पर हमला करने का दावा किया. 

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अफगान तालिबान ने इसे आक्रमण मानकर जवाबी कार्रवाई की, जिसमें स्पिन बोल्दाक-चमन सीमा पर भारी गोलीबारी हुई। नतीजतन, 23 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, और 29 घायल होग गए. अफगान पक्ष से 9 सैनिक शहीद हुए, 16 घायल हो गए. इस दौरान काबुल में कुछ नागरिक भी मारे गए. 
 
दोनों देशों के बीच यह 2021 के बाद सबसे गंभीर टकराव है. 

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