एस. जयशंकर, राजनेता
सुब्रह्मण्यम जयशंकर (S. Jaishankar Diplomat and Politician) एक भारतीय राजनयिक और राजनीतिज्ञ हैं, जो 31 मई 2019 से भारत सरकार के विदेश मंत्री हैं S. Jaishankar Minister of External Affairs). वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं (S. Jaishankar BJP Member) और 5 जुलाई 2019 से गुजरात से राज्यसभा में संसद सदस्य हैं (S. Jaishankar Member of Rajya Sabha from Gujarat). उन्होंने इससे पहले जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक विदेश सचिव के रूप में कार्य किया है (S. Jaishankar Foreign Secretary). वह कैबिनेट मंत्री के रूप में विदेश मंत्रालय का नेतृत्व करने वाले पहले पूर्व विदेश सचिव हैं (S. Jaishankar First Foreign Secretary to Become Cabinet Minister).
जयशंकर का जन्म 9 जनवरी 1955 (S. Jaishankar Date of Birth) को भारतीय रणनीतिक मामलों के विश्लेषक, टिप्पणीकार और सिविल सेवक के. सुब्रह्मण्यम और सुलोचना सुब्रह्मण्यम के यहां दिल्ली में हुआ था (S. Jaishankar Parents). उनके दो भाई हैं: इतिहासकार संजय सुब्रह्मण्यम और आईएएस अधिकारी एस. विजय कुमार (S. Jaishankar Siblings). जयशंकर ने अपनी स्कूली शिक्षा द एयर फोर्स स्कूल, सुब्रतो पार्क, नई दिल्ली से प्राप्त की. वे दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से रसायन विज्ञान में स्नातक हैं. उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से राजनीति विज्ञान में एमए और एम.फिल. और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पीएचडी की और परमाणु कूटनीति में विशेषज्ञता हासिल की (S. Jaishankar Education).
जयशंकर जापानी मूल की क्योको (S. Jaishankar Wife) से शादी की है और उनके दो बेटे, ध्रुव और अर्जुन और एक बेटी, मेधा है (S. Jaishankar Children). वह रूसी, अंग्रेजी, तमिल, हिंदी, संवादी जापानी और कुछ हंगेरियन बोलते हैं (S. Jaishankar Languages Known).
वह 1977 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए और 38 वर्षों से अधिक के अपने राजनयिक करियर के दौरान, उन्होंने 2007 से 2009 तक सिंगापुर में उच्चायुक्त, 2001 से 2004 तक चेक गणराज्य, 2009 से 2013 तक चीन और 2014 से 2015 तक संयुक्त राज्य अमेरिका में चेक गणराज्य में राजदूत रहे. जयशंकर ने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते पर बातचीत करने में अहम भूमिका निभाई (S. Jaishankar Diplomatic Career).
सेवानिवृत्ति पर, जयशंकर टाटा संस में वैश्विक कॉर्पोरेट मामलों के अध्यक्ष के रूप में शामिल हुए (S. Jaishankar in Tata Sons). 2019 में, उन्हें भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया (S. Jaishankar Padma Shri).
उनका ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @DrSJaishankar है.
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने इंडिया वर्ल्ड एनुअल कॉन्क्लेव 2025 में वर्कफोर्स मोबिलिटी की अहमियत पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि कानूनी मोबिलिटी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद है लेकिन अवैध प्रवास आपराधिक और राजनीतिक एजेंडों को बढ़ावा देता है.
भारत तथा अमेरिका के बीच टैरिफ से जुड़े मुद्दों और व्यापक व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है. दोनों देश आपसी व्यापार बढ़ाने और बाजार संबंधी अड़चनों को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं और वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखते हैं.
जयशंकर ने कहा कि चीन काफी समय से अपने तरीके से काम करता आया है और अब इसका स्तर और बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण, बढ़ती खेमेबंदी और सप्लाई चेन की असुरक्षा ने बाकी दुनिया को हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने वाली नीति अपनाने पर मजबूर कर दिया है.
रूस में SCO बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है और SCO को बदलते हालात के अनुरूप ढलना चाहिए. वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, निष्पक्ष व्यापार और व्यापक सहयोग पर भी जोर दिया.
दिसंबर में पुतिन की भारत यात्रा से पहले जयशंकर–लावरोव और डोभाल–पत्रुशेव की अहम बैठकें हुईं. दोनों देशों ने समिट के एजेंडा, वैश्विक संकटों और द्विपक्षीय समझौतों पर गहन चर्चा की. यूक्रेन, पश्चिम एशिया और अफगानिस्तान पर भी विचार हुआ.
भारतीय विदेश मंत्री S. जयशंकर ने कनाडा में G-7 के विदेश मंत्रियों के बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की. रुबिया ने दिल्ली बम धमाके को आतंकी घटना बताया और भारतीय जांच एजेंसियो की सराहना की. वहीं 1 अक्टूबर से चल रहा शटजाउन अब खत्म हो गया है, फंडिंग बिल पास होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हस्ताक्षर किया.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत गाजा में शांति स्थापना का समर्थन करता है. यहां फंसे हुए बंधकों के सफल रिटर्न का स्वागत किया गया है और उन लोगों को श्रद्धांजलि दी गई जिन्होंने अपनी जान गंवाई. भारत आशा करता है कि यह समाधान स्थायी और टिकाऊ होगा जिससे क्षेत्र में स्थायित्व आएगा और सभी पक्षों के लिए शांति सुनिश्चित हो सकेगी.
भारत और अमेरिका ने मलेशिया में 10 साल का रक्षा फ्रेमवर्क समझौता साइन किया है. राजनाथ सिंह और पीट हेगसेथ की मुलाकात में इंजन डिलीवरी, मेक इन इंडिया और औद्योगिक सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. यह समझौता भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति को नई मजबूती देगा.
कुआलालंपुर में आसियान और ईस्ट एशिया समिट के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान और मलेशिया के नेताओं से मुलाकात कर द्विपक्षीय रिश्तों और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की.
साल 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद से देश में महिलाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है. तालिबान ने महिलाओं के अधिकारों पर सख्त पाबंदियां लगा रखी है, जिस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठन आपत्ति जता चुके हैं.
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने कहा, "... बैठक के दौरान, भारतीय विदेश मंत्री ने काबुल और दिल्ली के बीच उड़ानों में वृद्धि की घोषणा की... व्यापार और अर्थव्यवस्था पर भी एक समझौता हुआ... हमने भारतीय पक्ष को निवेश के लिए भी आमंत्रित किया हैं.
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी गुरुवार को एक हफ्ते की यात्रा पर दिल्ली पहुंचे थे. अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद उनका भारत का यह पहला दौरा है.
तालिबान हुकूमत के चार साल बाद, अफगानिस्तानी विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत के दौरे पर हैं, जहां उनकी मुलाकात विदेश मंत्री एस.जयशंकर से हुई. इस मुलाकात का सबसे बड़ा नतीजा यह है कि भारत ने काबुल में अपना दूतावास फिर से खोलने का ऐलान किया है. यह कदम भारत की अफगान नीति में एक बड़े और अहम मोड़ का संकेत है.
तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की है. इस दौरान दोनों देशों ने विकास, व्यापार और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई. जयशंकर से मुलाकात के बाद तालिबानी विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर धमकी भी दी है.
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी 8 दिनों के भारत दौरे पर आए हुए हैं 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता आने के बाद भारत में किसी वरिष्ठ तालिबानी नेता का ये पहला हाई लेवल दौरा है. दिल्ली में मुत्ताकी ने विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर से मुलाकात की, इस मीटिंग में दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत बनाने की दिशा में Bilateral, पॉलिटिकल, आर्थिक और कई महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत हुई
तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी एक हफ्ते के भारत दौरे पर हैं. मुत्ताकी का भारत दौरा दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस दौरे से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सैन्य प्रमुख आसिम मुनीर घबराए हुए हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टेंशन बढ़ी हुई है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत ने तब भी किसी से गठजोड़ नहीं किया जब वह बहुत कमजोर था, और आज तो इसकी कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने जोर दिया कि भारत को दक्षिण एशिया में हर संकट का "गो-टू विकल्प" बनना होगा और 2047 की तैयारी के लिए अपनी रणनीति, विचार और नैरेटिव खुद तय करने होंगे.
JNU के पूर्व छात्र जयशंकर ने कहा कि देश के हितों की रक्षा के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर उसकी स्थिति को लगातार मजबूत करना जरूरी है. जयशंकर ने कहा, यह पड़ोसियों को प्राथमिकता देने की नीति का मूल है. भारत को इस उपमहाद्वीप में किसी भी संकट में पहला विकल्प बनना होगा. विभाजन के कारण भारत की रणनीतिक कमजोरी को दूर करना जरूरी है.
India-US Trade Deal में समस्याओं और उलझे हुए मुद्दों को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा है कि हम इनका समाधान करने के लिए प्रयास कर रहे हैं.
इस साल कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव की थीम 'उथल-पुथल भरे समय में समृद्धि की तलाश' था. इस बार कॉन्क्लेव में 30 से ज्यादा देशों के 75 के आसपास प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
भारत-ब्राजील का 6वां रणनीतिक संवाद हुआ. विदेश मंत्री ए. जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल ने ब्राजील के सलाहकार सेल्सो अमोरिम से नई दिल्ली में मुलाकात की. रक्षा, ऊर्जा, खनिज, स्वास्थ्य पर प्रगति की समीक्षा की. ब्रिक्स, आईबीएसए, सीओपी-30 में सहयोग पर बात की. ब्राजील के राष्ट्रपति लूला 2026 में भारत आएंगे.