मसूद पेजेश्कियान (Masoud Pezeshkian, President Iran) ईरान के निर्वाचित राष्ट्रपति हैं. साथी ईरानी हृदय शल्य चिकित्सक और सुधारवादी नेता हैं. वह ईरान के अबतक के इतिहास में राष्ट्रपति का पद संभालने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति हैं. इससे पहले, पेजेश्कियन ने ईरान की संसद में तबरीज, ओस्कू और अजारशहर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था और 2016 से 2020 तक इसके पहले उपसभापति बने. वे मोहम्मद ख़ातमी की सरकार में 2001 से 2005 के बीच स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री रहे थे.
पेजेश्कियन 1980 के दशक के दौरान पश्चिमी अजरबैजान प्रांत में पिरानशहर और नागदेह काउंटियों के गवर्नर चुने गए थे. उन्होंने 2013 के राष्ट्रपति चुनाव में भाग लिया, लेकिन फिर नाम वापस ले लिया. मसूद पेजेश्कियान ने 2021 के चुनाव में फिर से भाग लिया, लेकिन उन्हें खारिज कर दिया गया था.
2024 के चुनाव के लिए, पेजेश्कियन की उम्मीदवारी को मंजूरी दे दी गई और 5 जुलाई को उन्होंने 54.76 फीसदी वोट के साथ 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की.
Tehran Water Crisis: ईरान की राजधानी तेहरान में पानी की भारी किल्लत, अमीर कबीर बांध लगभग सूख चुका. राष्ट्रपति ने चेताया—बारिश न हुई तो दिसंबर तक शहर खाली कराना पड़ सकता है. जानें Tehran Drought, Water Rationing और Iran Water Shortage के कारण.
इजरायल और अमेरिका ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर ऐतिहासिक रूप से सख्त और विरोधी रहे हैं. दोनों देश ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को, भले ही वह शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए हो, संदेह की दृष्टि से देखते हैं. दोनों देशों का मानना है कि ईरान का दावा "शांतिपूर्ण" होने का एक आवरण हो सकता है, जिसके पीछे सैन्य परमाणु हथियार विकसित करने की मंशा छिपी हो सकती है.
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर पाकिस्तान में हैं. लाहौर में नवाज शरीफ और मरियम नवाज ने उनका स्वागत किया. उन्होंने अल्लामा इकबाल की मजार पर श्रद्धांजलि दी और बाद में इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की. यह पेजेश्कियान की राष्ट्रपति बनने के बाद पाकिस्तान की पहली आधिकारिक यात्रा है.
पाकिस्तान के दौरे पर पेजेश्कियान के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी होगा, जिसमें ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अरागची से लेकर वरिष्ठ मंत्री और अन्य उच्च अधिकारी होंगे.
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने एक इंटरव्यू दिया है जिसमें उन्होंने अपने परमाणु प्रोग्राम और उसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों और धमकियों पर बात की है. उन्होंने कहा है कि यह दावा करना कि ईरान का परमाणु प्रोग्राम खत्म हो चुका है, महज एक भ्रम है.
पेजेश्कियान ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि अमेरिकी हवाई हमलों में तबाह हुए इन परमाणु ठिकानों तक अभी हमारी पहुंच नहीं है. इन तक पहुंच बनाने में अभी हमें इंतजार करना होगा.
शहबाज शरीफ ने कहा, 'पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) और इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) सहित सभी कूटनीतिक मंचों पर ईरान का समर्थन करता रहेगा. साथ ही सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का पालन करने की अपील करता है.'
इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के 57 सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की इस्तांबुल में बैठक हुई. बैठक के बाद जारी संयुक्त घोषणा पत्र में OIC ने ईरान के खिलाफ इजरायल की आक्रामकता की निंदा की और इस खतरनाक स्थिति को रोकने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया.
आज की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 22 जून, 2025 की खबरें और समाचार: अमेरिका ने ईरान के खिलाफ अपने सबसे तेज़ और खतरनाक सैन्य अभियान 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. इस ऑपरेशन में महज 25 मिनट में ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया. वहीं, रूस के पूर्व राष्ट्रपति और सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने एक चौंकाने वाला बयान दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि कई देश ईरान को अपने परमाणु हथियार सीधे देने के लिए तैयार है.
अमेरिका ने ईरान के खिलाफ अपने सबसे तेज़ और खतरनाक सैन्य अभियान 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. इस ऑपरेशन में महज 25 मिनट में ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया.
इजरायली डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने बताया कि ये हमला इजरायली खुफिया एजेंसियों की सटीक जानकारी के आधार पर किया गया, जिसमें उन ठिकानों को निशाना बनाया गया, जहां ईरान ने मिसाइल लॉन्चर रखे थे. IDF के अनुसार इनमें से कुछ लॉन्चर पहले इज़रायल पर हमले में इस्तेमाल किए जा चुके हैं.
ईरान की राजधानी तेहरान के गिशा इलाके में आज सुबह हुए एक जोरदार धमाके में एक न्यूक्लियर साइंटिस्ट की मौत हो गई. इजरायली मीडिया Kan News के मुताबिक एक इजरायली अधिकारी ने दावा किया है कि ये हमला इजरायल की सेना IDF (इजरायल डिफेंस फोर्सेस) ने किया था. वहीं, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने साफ शब्दों में कहा कि जब तक इज़रायल के हमले जारी रहेंगे, अमेरिका या किसी अन्य देश के साथ इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं होगी.
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने अमेरिका पर सीधे तौर पर इजरायल की आक्रामकता का समर्थन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका वार्ता शुरू करना चाहता है तो पहले इजरायल की आक्रामकता रोकनी होगी. साथ ही, उन्होंने क्षेत्रीय देशों से इजरायल पर तत्काल युद्ध विराम के लिए दबाव डालने को कहा है.
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन इस समय रूस दौरे पर हैं. मॉस्को में पेजेशकियन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकत की है. ये मुलाकात तब हो रही है, जब कुछ दिन बाद ही अमेरिका की बागडोर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाथ में होगी, जिन्होने ईरान को लेकर सख्त रूख अपनाने का ऐलान किया है. देखें दुनिया आजतक.
ईरान में दो साल पहले बड़े पैमाने पर हिजाब विरोधी प्रदर्शन हुए थे. ईरान की सरकार एक विवादित कानून लेकर आई है जिसमें ड्रेस कोड का उल्लंघन करने वाली महिलाओं के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है. कानून हाल ही में लागू होने वाला था लेकिन अब इस पर रोक लगा दी गई है.
रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजेश्कियन ने पश्चिम एशिया में शांति की पहल और भारत-ईरान संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा की. चाबहार पोर्ट और INSTC जैसे अहम परियोजनाओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुए, भारत ने क्षेत्रीय बातचीत और कूटनीति की वकालत की.
कहा जा रहा है कि मिडिल ईस्ट की मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए पुतिन ईरानी राष्ट्रपति से मिलेंगे. यह मुलाकात शुक्रवार को तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात में होगी. हालांकि, पुतिन का तुर्कमेनिस्तान का यह आधिकारिक दौरा होगा
रॉयटर्स के मुताबिक लेबनान में ईरान के हिज्बुल्लाह सहयोगियों के खिलाफ इजरायल के ऑपरेशन के जवाब में ईरान ने इजरायल पर 181 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं और इजरायल ने अपने दुश्मन के खिलाफ दर्दनाक जवाब देने की कसम खाई.
ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. जिसमें उन्होंने अमेरिका से अपने रिश्तों, परमाणु हथियार और ईरान में महिलाओं पर सख्ती समेत कई अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी. राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान ने कहा कि उनका देश परमाणु हथियार बनाना नहीं चाहता. देखें 'दुनिया आजतक'.
ईरान में अंतिम फैसला सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई का होता है लेकिन पेजेशकियान ईरान की विदेश नीति को प्रभावित कर सकते हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने व्यावहारिक विदेश नीति का समर्थन करने और 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए बड़ी शक्तियों के साथ रुकी हुई बातचीत पर तनाव को कम करने का प्रण लिया है.
इस्लामी गणराज्य ईरान में राष्ट्रपति का पद शीर्ष पद जरूर है लेकिन यह सबसे शक्तिशाली पद नहीं है. देश का सबसे शक्तिशाली पद यहां के सर्वोच्च नेता के लिए रिजर्व है.