झालावाड़ (Jhalawar) राजस्थान राज्य का एक प्रमुख जिला और ऐतिहासिक शहर है. यह राज्य के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में स्थित है और इसकी सीमाएं मध्य प्रदेश से लगती हैं.
राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी छोर पर स्थित झालावाड़ एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक दृष्टि से समृद्ध जिला है. यह क्षेत्र अपनी हरियाली, मंदिरों, प्राचीन स्थापत्य, और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है. "झीलों और महलों की भूमि" कहलाने वाले इस जिले का नाम सुनते ही एक अलग ही सौम्यता का अनुभव होता है.
झालावाड़ की स्थापना 1838 में राजा राणा मदन सिंह ने की थी. यह क्षेत्र पहले कोटा राज्य का हिस्सा हुआ करता था, जिसे विभाजित कर अलग रियासत के रूप में स्थापित किया गया. इसका नाम "झाला" वंश के शासकों के नाम पर पड़ा. झालावाड़ की रियासत की एक खास बात यह रही कि यहां की राजशाही शिक्षा, संगीत, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने में अग्रणी रही.
झालावाड़ राजस्थान के उन कुछ जिलों में से एक है जहां पूरे साल हरियाली देखने को मिलती है. यहां की जलवायु अपेक्षाकृत नम और ठंडी होती है. चंबल और कालीसिंध जैसी नदियां इस क्षेत्र को उर्वर बनाती हैं. यहां मानसून अच्छा होने के कारण खेती अच्छी होती है, और इसे 'राजस्थान का बागबानी बेल्ट' भी कहा जाता है.
झालावाड़ का आर्थिक आधार कृषि पर टिका हुआ है. यहां पर प्रमुख रूप से गेहूं, चना, सोयाबीन, और सरसों की खेती होती है. इसके अलावा, झालावाड़ संतरे और अनार की खेती के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां के संतरे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्यात भी किए जाते हैं.
झालावाड़ जिले में बड़े स्तर पर फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने का खुलासा हुआ है. ऑपरेशन शटरडाउन 2 के तहत पुलिस ने सीएमएचओ ऑफिस के ऑपरेटर, तहसील कार्यालय के रीडर और ई मित्र संचालकों सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों से डिजिटल डिवाइस, संदिग्ध डेटा और फर्जी दिव्यांग बनकर ली गई स्कूटी जब्त की गई है.
राजस्थान के झालावाड़ जिले के सरकारी आवासीय स्कूल में कुछ छात्रों को मेले में जाने के लिए दीवार कूदने पर प्रिंसिपल राजेंद्र आर्य और वार्डन मुकेश कुमार मीणा ने कथित रूप से डंडे से पीटा. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. दोनों अधिकारियों को APO में रखा गया है और तीन सदस्यीय समिति ने मामले की जांच शुरू कर दी.
MP के उज्जैन निवासी कार ड्राइवर रवि ने खुद को मध्य प्रदेश पुलिस का ट्रैफिक इंचार्ज बताया और उसके साथी अभिषेक व सुनील ने स्वयं को पुलिस स्टाफ बताया. लेकिन राजस्थान पुलिस ने तुरंत तीनों का झूठ पकड़ लिया और गिरफ्तार कर लिया.
झालावाड़ के पिपलोदी स्कूल हादसे में अपने बच्चों को खोने वाली दो माताओं बिंती बाई और राजू बाई ने नसबंदी समाप्त करने वाली सर्जरी कराई है, जिसके बाद भविष्य में उनके घरों में फिर से किलकारियां गूंजने की उम्मीद जागी है.
राजस्थान के झालावाड़ पुलिस के ऑपरेशन 'शटर डाउन’ में पीएम किसान सम्मान निधि योजना घोटाले का मास्टरमाइंड मोहम्मद लईक पकड़ा गया है. जयपुर के नमक मंडी का रहने वाला लईक दिन में सरकारी दफ्तर में ऑपरेटर और रात में ठगी का मास्टरमाइंड बन जाता था. उसने सरकारी आईडी का दुरुपयोग कर फर्जी खातों में सरकारी पैसे ट्रांसफर किए.
राजस्थान के झालावाड़ में पुलिस ने साइबर फ्रॉड गैंग का पर्दाफाश करते हुए अंतरराज्यीय गिरोह के 30 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी डिजिटल सिस्टम का दुरुपयोग कर सरकारी योजनाओं में करोड़ों का फ्रॉड कर रहे थे. पुलिस ने ऑपरेशन 'शटरडाउन' के तहत आरोपियों के पास से 53 लाख रुपए कैश, 30 वाहन जब्त किए हैं. इसी के साथ 11,000 से अधिक संदिग्ध बैंक खाते सामने आए हैं.
राजस्थान में झालावाड़ पुलिस ने अंतरराज्यीय साइबर फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश किया है. यह गैंग सरकारी योजनाओं में करोड़ों का घोटाला कर रहा था. पुलिस ने ऑपरेशन 'शटरडाउन' के तहत इस गैंग के 30 आरोपियों को अरेस्ट किया. आरोपियों के पास से 53 लाख रुपये कैश, 30 वाहन मिले हैं, जिनमें 12 लग्जरी कारें शामिल हैं.
राजस्थान के झालावाड़ में बेहद हैरान कर देने वाली कहानी सामने आई है. यहां पति-पत्नी लैपटॉप, कलर प्रिंटर, कटर और स्याही का इंतजाम कर घर में ही असली जैसी दिखने वाली करेंसी छापना शुरू कर दिया. पुलिस ने छापा मारकर मौके से 12 लाख से ज्यादा के नकली नोट बरामद किए हैं. पुलिस का कहना है कि यह गिरोह नकली नोटों को कोरियर के जरिए बाजार में भेजता था.
झालावाड़ में 19 साल की शादीशुदा महिला अपने घर-परिवार से अलग होकर प्रेमी संग चली गई. महिला के पति ने गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई. पुलिस ने खोजबीन की और आखिरकार उस महिला को प्रेमी के साथ ढूंढ निकाला. लेकिन कहानी यहां और पेचीदा हो गई. न तो पति ने उसे अपनाया, न ही प्रेमी ने. दोनों ने उससे किनारा कर लिया. पुलिस ने उसे सखी सेंटर में भेज दिया, जहां उसने अपनी जिंदगी खत्म कर ली.
झालावाड़ में स्कूल की दीवार गिरने से 7 बच्चों की मौत के बाद राजस्थान सरकार ने राज्य भर में स्कूलों की मरम्मत का काम शुरू किया है. झालावाड़ में जिस स्कूल की दीवार और छत ढही, उसकी मरम्मत पिछले साल 2.50 लाख रुपये में की गई थी.
राजस्थान शिक्षा विभाग की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. रिपोर्ट ने बताया गया है कि राज्य में 2,7100 स्कूल बिल्डिंगों को बड़े पैमाने पर मरम्मत की जरूरत है और इसके लिए आवंटित 254 करोड़ रुपये की धनराशि वित्त विभाग में मंजूरी के लिए लंबित है, जिससे प्रशासनिक देरी और बजट क्रियान्वयन पर सवाल उठ रहे हैं.
राजस्थान के झालावाड़ में सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत के बाद एक हैरान करने वाली रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट ने बताया गया है कि राजस्थान में 2,700 से ज्यादा स्कूल बिल्डिंगों को बड़े पैमाने पर मरम्मत की जरूरत है
राजस्थान के झालावाड़ में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मृत्यु हो गई थी. इस घटना के बाद प्रशासन की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है. शनिवार को इन बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान एक बच्चे के अंतिम संस्कार में टायरों का उपयोग किया गया.
झालावाड़ के एक छोटे से गांव में कुछ दिन पहले तक एक मां के आंगन में बच्चों की खिलखिलाहट गूंजती थी. भाई-बहन की मासूम हंसी और शरारतों से भरा वह घर अब सन्नाटे से भरा पड़ा है. दरअसल, शुक्रवार को स्कूल की जर्जर इमारत ढह गई और मां की दुनिया उजड़ गई. उसके दोनों बच्चे मलबे में दबकर इस दुनिया को अलविदा कह गए.
झालावाड़ में एक स्कूल की इमारत लगभग 20 साल पहले पंचायत द्वारा बनवाई गई थी. इस इमारत की मरम्मत को लेकर पंचायती राज विभाग और शिक्षा विभाग के बीच उलझन बनी हुई थी. स्कूल की जर्जर हालत को सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया.
राजस्थान के झालावाड़ में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई है. इस हादसे में 21 बच्चे घायल भी हुए हैं. राजस्थान सरकार के अनुसार, जान गंवाने वाले और घायल हुए सभी बच्चे 6 से 13 साल की उम्र के दलित और आदिवासी समाज से हैं. यह घटना उन करोड़ों बच्चों के हक और हित पर सवाल उठाती है जिनके लिए सरकारें मुफ्त शिक्षा का वादा करती हैं.
राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलौद गांव में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए. छात्र सुबह प्रार्थना के लिए इकट्ठा हुए थे. ग्रामीणों की मदद से बच्चों को मलबे से बाहर निकाला गया. घटना में लापरवाही के आरोप में पांच शिक्षक और एक शिक्षा विभाग के अधिकारी को निलंबित किया गया है.
झालावाड़ में हुए भवन हादसे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की इमारत को पहले ही चिन्हित कर लिया जाता और उसकी समीक्षा हो जाती, तो यह दुखद हादसा नहीं होता. वसुंधरा राजे ने जोर देकर कहा, "अगर पहले चिन्हित हो जाते तो मुझे लगता हैं की किसी सुरक्षित भवन में शिफ्ट हो जाते हैं, भले ही नहीं ना बनते पर अपन सुरक्षित कर लेते हैं तो ये स्थिति में वो नहीं होते."
राजस्थान के झालावाड़ में एक स्कूल की इमारत गिरने से हादसा हुआ है. यह क्षेत्र एक वीवीआईपी चुनाव क्षेत्र रहा है. इस घटना के बाद जर्जर स्कूल इमारतों में बच्चों की सुरक्षा का मुद्दा सामने आया है. कुछ शिक्षकों और अफसरों को निलंबित किया गया है, लेकिन इसे खानापूर्ति वाली कार्रवाई बताया जा रहा है. अकेले राजस्थान में ही कई स्कूलों की इमारतें जर्जर हैं.
राजस्थान के झालावाड़ से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, जहाँ एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई और 21 बच्चे जख्मी हुए हैं. यह घटना शुक्रवार सुबह हुई जब बच्चे प्रार्थना शुरू करने वाले थे. जानकारी के अनुसार, मृतक और घायल बच्चे एसटी एसटी समाज से आते हैं. बच्चों ने बताया कि छत से कंकड़ गिर रहे थे और सीमेंट झड़ने लगी थी, लेकिन उन्हें क्लास में ही बैठा दिया गया.
राजस्थान के झालावाड़ जिले में सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई और 21 बच्चे घायल हो गए. मृत और घायल बच्चे अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय से थे. यह हादसा पंचायती राज विभाग और शिक्षा विभाग के बीच मरम्मत को लेकर चल रही खींचतान के कारण हुआ. देखें खबरदार.