राजस्थान के झालावाड़ पुलिस ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत हुए साइबर घोटाले का बड़ा खुलासा किया है. इस ठगी का मास्टरमाइंड जयपुर के किशनपोल बाजार स्थित नमक मंडी का रहने वाला मोहम्मद लईक निकला है. वह स्टेट नोडल ऑफिस में ऑपरेटर था और सरकारी सिस्टम की पहुंच का फायदा उठाकर करोड़ों रुपये की हेराफेरी कर रहा था.
पुलिस के मुताबिक, लईक दिन में सहकार भवन स्थित अपने सरकारी दफ्तर में काम करता था, जबकि रात में अपने एजेंट नेटवर्क को जिलों की नोडल आईडी और पासवर्ड दे देता था. एजेंट फर्जी लाभार्थियों के नाम से सरकारी पैसे ट्रांसफर करते थे. सुबह लईक ऑफिस पहुंचकर आईडी डिएक्टिवेट कर देता था ताकि किसी को शक न हो.
बड़े साइबर घोटाले का खुलासा
जांच में सामने आया है कि लईक अलग-अलग जिलों की आईडी एजेंटों को सौंपता था. नागौर और टोंक की आईडी वासुदेव पारीक, झालावाड़ की शफीक और फलौदी की आईडी रमेश को दी गई थी. भरतपुर में शाहिद खान को फर्जी खातों की लैंड सीडिंग करवाई गई थी. गिरोह हर ट्रांजैक्शन पर 60 प्रतिशत कमीशन एजेंटों को और 40 प्रतिशत रकम फर्जी लाभार्थियों को देता था.
पुलिस ने 6 बदमाशों को गिरफ्तार किया
झालावाड़ पुलिस ने जब ऑपरेशन ‘शटर डाउन’ के तहत 30 एजेंटों को गिरफ्तार किया, तब लईक का नाम सामने आया. एसओजी ने जयपुर से उसे गिरफ्तार कर झालावाड़ पुलिस को सौंप दिया. जांच में पता चला कि वह स्टेट आईडी से पात्रता रद्द खातों का डेटा डाउनलोड कर एजेंटों को देता था. इन्हीं खातों में सरकारी रकम ट्रांसफर कर ठगी की जाती थी.