जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankar) भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हैं. उन्होंने 21 जुलाई 2025 को अपने सेहत का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. 2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव के वे उम्मीदवार थें. जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं (Jagdeep Dhankar, West Bengal Governor). वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनने से पहले भारतीय जनता पार्टी के सदस्य थे (Jagdeep Dhankar, BJP). उन्होंने चंद्रशेखर मंत्रालय में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया है. (Jagdeep Dhankar, Candidate for Vice President Election 2022).
धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान राज्य के झुंझुनू (Rajasthan, Jhunjhunu) के एक छोटे से गांव किठाना में हुआ था (Jagdeep Dhankar Age). वह एक हिंदू जाट परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता का नाम गोकल चंद और मां का नाम केसरी देवी था (Jagdeep Dhankar Parents).
उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ से पूरी की और फिर राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से बी.एससी और एलएलबी में स्नातक किया. धनखड़ ने अपनी प्राथमिक और मध्य विद्यालय की शिक्षा किठाना सरकारी स्कूल और घरधाना सरकारी स्कूल से पूरी की है (Jagdeep Dhankar Education).
धनखड़ ने 1979 में सुदेश धनखड़ से शादी की (Jagdeep Dhankar Wife) और उनकी एक बेटी है जिसका नाम कामना है (Jagdeep Dhankar Daughter).
वह 1989-91 के दौरान राजस्थान में झुंझुनू लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 9वीं लोकसभा में जनता दल का प्रतिनिधित्व करते हुए संसद सदस्य थे (Jagdeep Dhankar, MP). वह 10वीं विधान सभा राजस्थान में 1993-98 के दौरान किशनगढ़, राजस्थान से विधान सभा के पूर्व सदस्य (Jagdeep Dhankar MLA) भी थे.
30 जुलाई 2019 को, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया. कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीबी राधाकृष्णन ने 30 जुलाई, 2019 को राजभवन, कोलकाता में जगदीप धनखड़ को पद की शपथ दिलाई (Jagdeep Dhankar Governor).
राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने नए सभापति सीपी राधाकृष्णन को बधाई दी और उन्हें दोनों पक्षों के बीच संतुलन बनाए रखने की सलाह दी. इस दौरान, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष सदन में मुद्दों के साथ जवाब देगा.
पद से इस्तीफा देने के चार महीने बाद जगदीप धनखड़ पहली बार सार्वजनिक मंच पर दिखाई दिए और RSS की वैचारिक धारा की खुलकर प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि भारत 6000 वर्षों की सभ्यतागत शक्ति के साथ आज की वैश्विक उथल-पुथल में दुनिया का मार्गदर्शन कर सकता है.
देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शुक्रवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. दिग्विजय सिंह का दावा है कि इस दौरान कोई BJP नेता पूर्व उपराष्ट्रपति का स्वागत करने नहीं पहुंचा.
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जुलाई में इस्तीफा देने के बाद पहली बार नौ सितंबर को सार्वजनिक बयान जारी कर राधाकृष्णन को बधाई दी थी. उन्होंने अपने पत्र में कहा था कि नए उपराष्ट्रपति की यह उपलब्धि देश के प्रतिनिधियों का विश्वास दर्शाती है.
इस्तीफे के 53 दिन बाद पहली बार नजर आए Jagdeep Dhankhar, राधाकृष्णन के शपथ समारोह में पहुंचे
राधाकृष्णन् ने भारत के पंद्रहवें उपराष्ट्रपति पद के तौर पर शपथ ग्रहण की. यह शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राधाकृष्णन् को उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई. इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल उपस्थित थे. पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी इस समारोह में शामिल हुए.
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उपराष्ट्रपति चुनाव में सीपी राधाकृष्णन ने बी सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के अंतर से मात दी. ऐसे में सवाल उठता है कि राधाकृष्णन की जीत 2022 में जीते जगदीप धनखड़ से कैसे अलग है और इस बार के जीत के सियासी मायने क्या हैं?
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ फिर चर्चा में हैं. धनखड़ ने अपना आधिकारिक आवास छोड़कर दिल्ली के छतरपुर के एक निजी फॉर्महाउस में शिफ्ट किया है, जो इंडियन नेशनल लोकदल नेता अभय चौटाला का है. छह हफ्ते पहले स्वास्थ्य कारण बताते हुए उन्होंने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था.
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आधिकारिक आवास छोड़ा और अब दिल्ली के छतरपुर स्थित अभय चौटाला के फार्महाउस में रह रहे हैं. परिवार संग योग और टेबल टेनिस में समय बिता रहे हैं, जबकि नए उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां जारी हैं.
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अगले हफ्ते सोमवार को छतरपुर इलाके में गदाईपुर फार्म हाउस में शिफ्ट होंगे. धनखड़ ने अपने लिए अभी सरकारी आवास के शहरी विकास मंत्रालय को पत्र लिखा है. हालांकि, अभी तक उन्हें सरकारी बंगला अलॉट नहीं किया गया है. जब तक उन्हें सरकारी बंगला अलॉट नहीं हो जाता है तब तक वो छतरपुर के फार्महाउस में रहेंगे.
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विधानसभा से पेंशन के लिए आवेदन किया है. 1993 में वह कांग्रेस के टिकट पर किशनगढ़ से विधायक बने थे. नियम कहते हैं कि 74 साल के धनखड़ को करीब 42 हजार रुपये मासिक पेंशन मिलेगी. दरअसल राजस्थान में नेताओं के लिए दोहरी-तिहरी पेंशन व्यवस्था लागू है, जिसके तहत सांसद और विधायक दोनों रहे नेता दोनों पदों की पेंशन ले सकते हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया था. उन्होंने कहा कि वह संवैधानिक पद पर थे और इस हिसाब से उन्होंने अच्छा काम किया. इनके अलावा उन्होंने संविधान के 130वें संशोधन पर भी बात की और कहा कि गिरफ्तार किए गए पीएम-सीएम को हटाने से संबंधित बिल पास होकर रहेगा.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने उपराष्ट्रपति चुनाव के बीच जगदीप धनखड़ की चुप्पी का मुद्दा उठाकर बीजेपी पर सवाल खड़े किए हैं. चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी कैंडिडेट जस्टिस (रिटा.) बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला है, लेकिन ये एकतरफा लगता है.
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के लिए दिल्ली के लुटियंस जोन में स्थित 34 एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर एक टाइप-8 बंगला तय किया है. यह बंगला पूर्व उपराष्ट्रपति को उनके कार्यकाल के बाद दिया जाता है.
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को दिल्ली के लुटियंस जोन में 34 एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर टाइप-8 श्रेणी का बंगला आवंटित किया गया है. इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार ने उन्हें यह आवास उपलब्ध कराया है. नियमों के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्रियों को टाइप-8 श्रेणी का बंगला मिलता है.
जगदीप धनकड़ के इस्तीफे के बाद खाली हुए उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को चुनाव होना है. इस चुनाव में एनडीए ने तमिलनाडु के सीपी राधाकृष्णन् को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि इंडिया गठबंधन की ओर से तेलंगाना के के बी सुदर्शन रेड्डी मैदान में हैं, जिससे यह मुकाबला दक्षिण भारत के दो प्रमुख चेहरों के बीच तय हो गया है.
जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे देने के बाद से एक बात साफ थी कि बीजेपी इस बार के चुनाव में पिछली बार जैसा राजनीतिक प्रयोग नहीं दोहराएगी, बीजेपी ने आखिरकार किया भी वही. सीपी राधाकृष्णन के नाम पर मुहर लगाकर एक साथ कई समीकरण साधने का दांव चला है.
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने चुटकी लेते हुए कहा, हमने तो 'लापता लेडीज' के बारे में सुना था, लेकिन 'लापता वाइस प्रेसिडेंट' के बारे में पहली बार पता लगा है. उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वो धनखड़ की सुरक्षा का ध्यान रखें.
देश के अगले उपराष्ट्रपति के लिए गुरुवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है. उम्मीदवार 21 अगस्त तक नामांकन दाखिल कर सकते हैं. इसके साथ ही बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक्टिव हो गई है. बीजेपी अपने सहयोगी दलों का समर्थन जुटाना भी शुरू कर दिया है तो कांग्रेस विपक्षी किलेबंदी में जुट गई है.
उपराष्ट्रपति चुनाव में सत्तारूढ़ एनडीए को अच्छी बढ़त हासिल है और ऐसे में सत्ताधारी गठबंधन की ओर से उतारे जाने वाले उम्मीदवार की जीत तय मानी जा रही है. हालांकि पक्ष और विपक्ष दोनों ने ही अब तक उम्मीदवार को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं.