एडप्पादी के. पलानीस्वामी
एडप्पादी के. पलानीस्वामी (Edappadi K. Palaniswami), जिन्हें ई.पी.एस. के नाम से भी जाना जाता है (E P S). वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं. साथ ही, तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं. उन्होंने 2017 से 2021 तक तमिलनाडु के 7वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया (E K Palaniswami 7th CM Tamil Nadu). वह 11 जुलाई 2022 से अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के अंतरिम महासचिव रहे हैं, जिसे 2 सितंबर 2022 को मद्रास उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था. पलानीस्वामी ने 2017 से 2022 तक AIADMK के संयुक्त समन्वयक के रूप में भी कार्य किया. उन्होंने 2014 से 2022 तक AIADMK के मुख्यालय सचिव के रूप में भी कार्य किया है (E K Palaniswami Political Career).
पलानीस्वामी ने 2011 से विधानसभा के सदस्य के रूप में एडप्पादी का प्रतिनिधित्व किया है. 1998 के भारतीय आम चुनाव में उन्हें तिरुचेंगोडे का प्रतिनिधित्व करने वाले लोकसभा के संसद सदस्य के रूप में चुना गया था (E K Palaniswami).
जब अन्नाद्रमुक ने 2011 तमिलनाडु विधानसभा चुनाव जीता, तो उन्हें जयललिता ने मंत्री पद दिया और 16 मई 2011 को तमिलनाडु सरकार के लिए राजमार्ग और लघु बंदरगाह मंत्री के रूप में कार्य किया. 2016 तमिलनाडु विधानसभा चुनाव जीत के बाद, उन्हें जे जयललिता ने लोक निर्माण मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी थी (E K Palaniswami with Jayalalithaa).
पलानीस्वामी का जन्म 12 मई 1954 को सिलुवमपलयम, सेलम में हुआ था (E K Palaniswami Age). उनके पिता करुप्पा गौंडर और मां थवसियाम्मल थीं. उनके माता-पिता किसान थे (E K Palaniswami Parents). स्कूल पूरा करने के बाद, उन्होंने बी.एससी के लिए दाखिला लिय. श्री वासवी कॉलेज में पढ़े लेकिन स्नातक नहीं किया. वह कॉलेज में छात्र संघ के नेता थे (E K Palaniswami Education).
उन्होंने राधा से शादी की (E K Palaniswami Wife) और उनका एक बेटा है जिसका नाम मिथुन कुमार है (E K Palaniswami Son).
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में जीत का लक्ष्य लेकर उतर रही बीजेपी सूबे में एनडीए का विस्तार चाहती है. पार्टी तमिलनाडु की कई और छोटी पार्टियों को एनडीए में शामिल कराने की तैयारी में है.
एआईएडीएमके प्रमुख एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर तमिलनाडु की डीएमके सरकार पर कार्रवाई की मांग की. इस बैठक में एनडीए गठबंधन को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई.
एआईएडीएमके के महासचिव ईके पलानीस्वामी ने पार्टी में चल रहे घमासान के बीच कहा है कि आम्मसम्मान, सत्ता से ज्यादा महत्वपूर्ण है. एआईएडीएमके का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. ये कार्यकर्ताओं की संपत्ति है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल डीएमके सरकार की सफलता को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे और इसलिए जानबूझकर झूठ फैला रहे हैं. उन्होंने कहा दावा किया कि हमारी सरकार ने 404 चुनावी वादों को पूरा किया है.
तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. विधानसभा चुनाव से पहले तमिलनाडु बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष के अन्नामलाई ने स्वीकार किया है कि पार्टी अकेले सरकार नहीं बना सकती. उन्होंने कहा है कि हमारी प्राथमिकता डीएमके को सत्ता से बाहर करना है.
तमिलनाडु के उद्योग मंत्री TRB राजा ने प्रदेश की आर्थिक वृद्धि को लेकर विपक्षी नेता EPS पर हमला बोला है. मंत्री राजा ने कहा कि EPS को इस उपलब्धि पर जलन या छोटेपन का भाव नहीं दिखाना चाहिए.
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने तमिलनाडु पर अपना राजनीतिक फोकस साफ कर दिया है. काशी तमिल संगमम से लेकर संसद में सेंगोल की स्थापना तक, तमिल संस्कृति से जुड़ी सियासी कवायद लगातार देखने को मिल रही है - क्या ये सब करके बीजेपी तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में फायदा उठा सकेगी?
साल 2023 में सीएन अन्नादुरई और जयललिता पर अन्नामलाई के बयानों ने पार्टी नेतृत्व को एनडीए को अलविदा कहने के लिए उकसाया था. तो क्या अब सबकुछ भुला दिया गया है? इसका जवाब है हां, क्योंकि आज AIADMK की स्थिति बहुत खराब है और पलानीस्वामी ने यह साफ कर दिया है कि डीएमके को हराना उनकी प्राथमिकता है.
तमिलनाडु में AIADMK के साथ गठबंधन के लिए BJP को के. अन्नामलाई जैसे नेता की कुर्बानी देनी पड़ी है, लेकिन ई. पलानीस्वामी का मन अभी नहीं भर सका है - अमित शाह के बयान की वो अपने हिसाब से व्याख्या कर रहे हैं.
तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और AIADMK के बीच गठबंधन हो गया है. इसका ऐलान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया. इसके साथ ही आज अमित शाह और पलानीसामी की बैठक हुई, इस दौरान गठबंधन का रास्ता साफ हो गया है.
बीजेपी को एहसास है कि पीएमके और टीएमसी जैसी पार्टियों का समर्थन सिर्फ पोडियम पर कुर्सियां भरने के लिए है. ये दल सिर्फ चुनिंदा इलाकों में ही अपनी पकड़ रखते हैं. अगर DMK के नेतृत्व वाले गठबंधन के खिलाफ एक गंभीर चुनौती पेश करनी है, तो NDA को पूरे तमिलनाडु में जनाधार रखने वाली पार्टी की जरूरत है और AIADMK एकमात्र ऐसी पार्टी है.
बीजेपी और AIADMK के शीर्ष सूत्रों ने बताया है कि तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी अब AIADMK को एनडीए में वापस लाने पर अड़ी हुई है, भले ही इसके लिए पार्टी को राज्य के किसी प्रमुख नेता की बलि क्यों न देनी पड़े.
तमिलनाडु में करीब दो साल बाद बीजेपी और AIADMK फिर से करीब आ रहे हैं. अमित शाह और ई पलानीस्वामी की दिल्ली में हुई मुलाकात में चुनावी रिश्ता करीब करीब पक्का समझ लिया गया है - लेकिन, बड़ा पेंच ये है कि AIADMK की डिमांड है कि बीजेपी नेता के. अन्नामलाई की भूमिका कम कर दी जाये.
तमिलनाडु के पूर्व सीएम एडप्पाडी पलानीस्वामी से अमित शाह ने दिल्ली में मुलाकात की है. दोनों की मुलाकात के बाद एक बार फिर से एआईएडीएमके और बीजेपी के बीच गठबंधन की अटकलें तेज हो गई हैं. माना जा रहा है कि 2026 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दोनों ही दल गठबंधन कर सकते हैं.
तमिलनाडु की राजनीति में एक्टर विजय की धमाकेदार एंट्री कुछ कुछ वैसे ही हुई है, जैसे बिहार में प्रशांत किशोर और दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की. विजय ने जो पॉलिटिकल लाइन पकड़ी है, उसमें सनातन के विरोध की ध्वनि नहीं सुनाई देती - और ये बात तमिल पॉलिटिक्स में उनको बिलकुल अलग पेश करती है.
AIADMK के महासचिव ईके पलानीस्वामी ने सीएम एमके स्टालिन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि डीएमके ने सिर्फ झूठा प्रचार करके चुनाव जीता था. सैकड़ों घोषणाएं भी की गई थीं लेकिन उसका दस फीसदी भी पूरा नहीं किया गया. ईके पलानीस्वामी बीजेपी के सहयोग से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. पढ़ें उन्होंने और क्या कहा.
तमिलनाडु में बीजेपी और अन्नाद्रमुक यानी AIADMK का गठबंधन टूट गया है. बीजेपी और अन्नाद्रमुक 2019 से साथ थे. गठबंधन टूटने की एक वजह तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष अन्नमलाई को भी माना जा रहा है. अन्नामलाई के बयानों से अन्नाद्रमुक नाराज थी.
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बीजेपी विपक्षी दलों के साथ-साथ अपने सहयोगी दलों से भी घिरती नजर आ रही है. नगालैंड, मेघायल, पंजाब के बाद तमिलनाडु में उसके सहयोगी दल एआईएडीएमके ने यूसीसी का विरोध कर दिया है. सभी का कहना है कि यह कानून आने से भारत के अल्पसंख्यकों और आदिवासियों के धार्मिक अधिकारों पर बुरा असर पड़ेगा.
पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम के बीच पार्टी पर कब्जे को लेकर विवाद है. इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु हाईकोर्ट की डिविजन बेंच के फैसले को बरकरार रखा है. यानी ई पलानीस्वामी AIADMK के जनरल सेक्रेटरी बने रहेंगे. हाइकोर्ट की डिविजन बेंच ने ई पलनिस्वामी के पक्ष में फैसला सुनाया था. जिसको ओ पनीर सेल्वम ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.