scorecardresearch
 
Advertisement

अमावस्या

अमावस्या

अमावस्या

हिंदू पंचांग में अमावस्या (Amavasya) का दिन विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है. यह दिन उस समय को दर्शाता है जब चंद्रमा आकाश में पूरी तरह से अदृश्य हो जाता है, और रात का अंधकार अपने चरम पर होता है. लेकिन इस गहरे अंधकार में भी श्रद्धा, साधना और आत्मचिंतन का उजाला छिपा होता है.

अमावस्या को पितरों को समर्पित दिन माना जाता है. इस दिन लोग तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. मान्यता है कि इस दिन किए गए कर्म पूर्वजों तक अवश्य पहुंचते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है.

कुछ विशेष अमावस्या तिथियों में सत्यनारायण अमावस्या, महालय अमावस्या (पितृपक्ष की अंतिम तिथि), माघ अमावस्या (गंगा स्नान और दान के लिए प्रसिद्ध), और आषाढ़ी अमावस्या (गुरु पूजा का विशेष महत्व) शामिल है.

अमावस्या के दिन नदियों, विशेषकर गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी आदि में स्नान करना पुण्यदायी माना जाता है. साथ ही दान, विशेष रूप से अन्न, वस्त्र और तिल, करने से पापों का क्षय होता है और आत्मा को शांति मिलती है.

चूंकि अमावस्या पर ऊर्जा का प्रभाव गहरा होता है, यह दिन साधना, ध्यान और आत्ममंथन के लिए श्रेष्ठ माना गया है. तांत्रिक साधनाओं और मंत्र सिद्धि के लिए भी यह रात विशेष होती है.

अंधकार के प्रतीक इस दिन पर दीपदान करना अज्ञान और भय को दूर करने का प्रतीक माना जाता है. कुछ लोग इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा करते हैं, ताकि नकारात्मक शक्तियों से रक्षा हो.

और पढ़ें

अमावस्या न्यूज़

Advertisement
Advertisement