अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)- AIIMS भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र के तहत उच्च शिक्षा के स्वायत्त सरकारी सार्वजनिक चिकित्सा विश्वविद्यालयों का एक समूह है. इन संस्थानों को संसद के एक अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान घोषित किया गया है.
नई दिल्ली एम्स- New Delhi AIIMS की स्थापना 1956 में की गई थी. तब से, 24 और संस्थानों की घोषणा की जी चुकी है. जनवरी 2023 तक, बीस संस्थान संचालित हो रहे हैं और 2025 तक चार और चालू होने की उम्मीद है.
दिल्ली एम्स को मूल रूप से अनुसंधान और विशेष प्रशिक्षण सुविधाओं पर प्राथमिक जोर देने के साथ, एक सुपर-स्पेशियलिटी केंद्र के रूप में स्थापित किया गया था.
दिल्ली के AIIMS अस्पताल में देशभर से मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. देश के बाहर से भी लोगों का तांता लगा रहता है. खबरों के मुताबिक, दिल्ली एम्स में हर रोज करीब 12 हजार मरीज इलाज करवाने पहुंचते हैं.
एम्स गोरखपुर के जूनियर रेजिडेंट डॉ. नीरज ने टूटी हड्डी की सर्जरी बिना पूरी बेहोशी के सफलतापूर्वक की है. उन्होंने 'नर्व ब्लॉक' तकनीक का इस्तेमाल कर केवल सर्जरी वाले हिस्से को सुन्न किया. इस दौरान मरीज पूरी तरह जागा रहा और उसे दर्द नहीं हुआ. चिकित्सा जगत में यह सफलता नई उम्मीद लेकर आई है.
एम्स, नई दिल्ली के कम्युनिटी ऑप्थल्मोलॉजी के प्रमुख, प्रोफेसर प्रवीण वशिष्ठ ने एक राष्ट्रीय सर्वे के निष्कर्षों पर चर्चा की, जिसमें भारत में नेत्र स्वास्थ्य सेवा की स्थिति पर प्रकाश डाला गया है. उन्होंने बताया कि पिछले साल देश में 99 लाख मोतियाबिंद के ऑपरेशन हुए, जो दुनिया भर में हुए कुल ऑपरेशनों का 30% है.
यूपी के मिर्जापुर निवासी आलोक द्विवेदी का 14 माह का बेटा विनायक, दुर्लभ बीमारी 'स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी' से जूझ रहा है. डॉक्टरों ने इलाज के लिए ₹9 करोड़ के 'जोलगेन्स्मा' इंजेक्शन की जरूरत बताई है. प्राइवेट नौकरी करने वाले पिता ने इतनी बड़ी रकम जुटाने के लिए सोशल मीडिया से मदद मांगी है.
टेम्परेचर में गिरावट आने और सर्दी बढ़ने के साथ दिल्ली-NCR की Air क्वालिटी बहुत खराब लेबल पर पहुंच गई है. All India Institute Of Medical Sciences के फॉर्मर डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने इसे हेल्थ इमरजेंसी माना है. और लोगों को अलर्ट किया है कि शहर में हेल्थ क्राइसिस जैसी सिचुएशन हो गई है.
बिहार के गया में हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रत्याशी अनिल कुमार पर जानलेवा हमला हुआ, जिसका आरोप आरजेडी पर लगा है. वहीं दूसरी ओर, भोपाल में एम्स के चार डॉक्टरों का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे सड़क पर शराब पीते और पुलिस के साथ दुर्व्यवहार करते देखे गए, जिसके बाद एक रेजिडेंट डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया गया है.
AIIMS भोपााल के रेजिडेंट डॉक्टर सड़क किनारे कार लगाकर उसमें बियर पार्टी कर रहे थे. कार की छत पर बियर की बोतलें और ग्लास रखे हुए थे और अंदर भी स्नैक्स व बोतलें बिखरी थीं.
जुड़वां बच्चों का जन्म हमेशा से ही लोगों और वैज्ञानिकों दोनों के लिए दिलचस्पी का विषय रहा. अब एक रिसर्च में पता चला कि भारत में जुड़वां बच्चों की संख्या बढ़ रही है. ट्विन बर्थ पर नजर रखने के लिए नेशनल ट्विन रजिस्ट्री की भी बात हो रही है. कई देश पहले ही इसकी शुरुआत कर चुके.
गोरखपुर में चार बच्चे के बच्चे के नाक के अंदर दांत उग गया. गोरखपुर एम्स के डॉक्टरों ने दांत को निकालकर चिकित्सकीय चमत्कार कर दिखाया. छह महीने से दर्द झेल रहे बच्चे के इलाज में जब किसी को वजह समझ नहीं आई, तब एम्स गोरखपुर के दंत रोग विशेषज्ञों ने जांच में पाया कि उसके नाक में दांत विकसित हो गया है.
AIIMS Bhopal: आउटसोर्स कर्मचारी को हाल ही में सीसीटीवी कैमरे में प्लाज्मा यूनिट चुराते और किसी अज्ञात व्यक्ति को सौंपते हुए रिकॉर्ड किया गया. इस घटना से एम्स अधिकारियों को आंतरिक साजिश का शक है.
IIT, IIM और AIIMS में आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से कर्मयोगी स्टूडेंट चैप्टर शुरू किया गया है. योजना का केंद्र आईआईटी दिल्ली के बिरसा मुंडा सेल बनेगा.
एम्स ने नर्सिंग भर्ती सामान्य पात्रता परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और चल रही चर्चाओं पर अपनी सफाई दी है.
भारत की सड़कों पर मौत की सबसे बड़ी वजह सिर्फ तेज रफ्तार नहीं, बल्कि ड्राइवर की थकान और नशा है. एम्स ऋषिकेश की स्टडी और सरकारी आंकड़े दोनों बताते हैं कि आधे से ज्यादा हादसों में शराब, हर पांचवें में गांजा और हर चौथे में नींद जिम्मेदार है. कानून तो हैं, लेकिन पालन नहीं. सवाल ये है कि क्या सरकार और कंपनियां अब भी सोती रहेंगी या सड़क सुरक्षा को गंभीरता से लेंगी?
एक ऐसा परिवार जिसके करीब 26 लोग अपने अंगदान कर चुके हैं. इस परिवार ने अब पांच माह के भ्रूण को दान करके एक नया इतिहास रचा है. इस परिवार की हर कोई चर्चा कर रहा है. जब परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा, पांच माह के गर्भस्थ शिशु के शरीर में धड़कन नहीं मिली थी. इस परिवार ने ऐसी कठिन घड़ी में समझदारी भरा फैसला लिया और भ्रूण को एम्स को दान कर दिया. आइए इस फैमिली के इस जज्बे के पीछे की कहानी जानती हैं.
AIIMS को पहली बार दान मिला पांच माह का भ्रूण दान किया गया है. ये ऐतिहासिक है जब एक पेरेंट्स ने अपने अजन्मे बच्चे का शरीर मेडिकल एजुकेशन की खातिर डोनेट कर दिया. अब सवाल ये उठता है कि आखिर इस भ्रूण दान का मेडिकल साइंस की दुनिया में क्या उपयोग हो सकता है. किसलिए इसे बहुत खास माना जा रहा है.
AIIMS भोपाल के डेंटल विभाग ने एक बेहद दुर्लभ और जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है. ट्यूमर के कारण युवती का काटा गया निचला जबड़ा पैर की हड्डी से दोबारा बनाया गया और उसमें 13 दांत लगाए गए. यह उपलब्धि न केवल मरीज के जीवन में नई खुशियां लेकर आई है, बल्कि चिकित्सा जगत में भी एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है.
इस दर्दभरे समय में, वंदना जैन और उनके पूरे परिवार ने जिस तरह से अपनी निजी पीड़ा को एक वैज्ञानिक और मानवतावादी उपहार में बदल दिया, इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. ये कहानी हमें यह तय करने के लिए प्रेरित करती है कि कभी-कभी संवेदना और साहस ही सबसे बड़ी विरासत होते हैं.
दिल्ली में एक ऐतिहासिक पहल हुई है. एम्स को पहली बार भ्रूण दान मिला है.. 32 साल की वंदना जैन का पांचवें महीने में गर्भपात हो गया था. इस मुश्किल घड़ी में परिवार ने भ्रूण को स्टडी और रिसर्च के लिए एम्स को दान करने का फैसला लिया है.
देश के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान AIIMS से डॉक्टरों का बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है. 2022 से 2024 के बीच 429 डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं. यह पलायन नए और पुराने, दोनों तरह के AIIMS में हो रहा है. इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे वेतन, सुविधाओं की कमी, राजनीतिक हस्तक्षेप और प्रशासनिक उदासीनता.
दिल्ली-एनसीआर में लगातार बारिश से सड़कों पर जगह-जगह पानी भर गया है जिसके चलते काफी नुकसान हुआ. दिल्ली पुलिस के कर्मी गाड़ियों को निकालने में मदद कर रहे हैं वहीं दक्षिणी दिल्ली के पॉश इलाकों में भी बुरा हाल है, साकेत मेट्रो स्टेशन के बाहर कमर तक पानी भर गया है. इस बारिश ने दिल्ली के सिविक इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
AIIMS से डॉक्टरों का छोड़कर जाना चिंता का विषय है. संसद में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2022 से 2024 के बीच 20 AIIMS से 429 डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया. सबसे ज्यादा 52 डॉक्टरों ने दिल्ली AIIMS छोड़ा, जो कि सबसे प्रतिष्ठित संस्थान है.
देशभर के 20 AIIMS में 2022-24 के बीच 429 डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया। सबसे ज्यादा इस्तीफे Delhi AIIMS से हुए. वेतन, सुविधाओं की कमी और बेहतर लाइफस्टाइल की चाह बड़ी वजह.