मिनिस्ट्री ऑफ ट्राइबल अफेयर्स ने आईआईटी, आईआईएम, एम्स और एनआईटी समेत देश के प्रमुख शिक्षा संस्थानों में आदि कर्मयोगी स्टूडेंट चैप्टर लांच किए हैं. मंत्रालय के अनुसार इन्हें लांच करने का उद्देश्य ट्राइबल युवाओं का मार्गदर्शन करना और उन्हें भविष्य में सशक्त इनोवेटर और एंटरप्रेन्योर बनाना है.
आईआईटी दिल्ली से होगा संचालन
यह योजना आईआईटी दिल्ली के भगवान बिरसा मुंडा सेल से संचालित होगी. इसे वहीं लांच किया गया. आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर प्रोफेसर रंगन बनर्जी ने इसे ट्राइबल युवाओं और क्षेत्रों के लिए मार्गदर्शन, इनोवेशन और समस्याओं के समाधान का मंच बताया.
लांच कार्यक्रम के दौरान ट्राइबल अफेयर्स सेक्रेट्री विभु नायर ने कहा कि इन चैप्टर्स के जरिए भारत के प्रमुख शिक्षा संस्थानों और जनजातीय समुदायों के बीच का अंतर कम होगा, और छात्र जनजातीय विकास कार्यक्रमों से जुड़कर देश के सामाजिक, शैक्षिक और उद्यमित्ता विकास में अपना योगदान देंगे.
पीएम मोदी ने किया था योजना का अनावरण
यह चैप्टर्स दुनिया का सबसे बड़ा आदिवासी आंदोलन माने जाने वाले आदि कर्मयोगी अभियान के तहत शुरू किए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय गौरव वर्ष (नवंबर 2024-25) के दौरान 17 सितंबर 2025 को इस योजना का अनावरण किया था.
कौन-कौन से संस्थान शामिल हुए?
योजना के पहले फेज में इन संस्थानों को शामिल किया गया है-
सभी ने इसे 2047 तक विकसित भारत सुनिश्चित करने की ओर एक जरूरी कदम बताया.
स्टूडेंट चैप्टर्स के जरिए क्या-क्या होगा?
आदि कर्मयोगी चैप्टर्स इन क्षेत्रों में काम करेंगे-
इसके अलावा यह चैप्टर्स मिनिस्ट्री ऑफ ट्राइबल अफेयर्स, राज्य सरकारों और जिला प्रशासनों के साथ इंटर्नशिप की सुविधा भी देंगे. स्टूडेंट लीडरों और मार्गदर्शकों को सम्मानित भी किया जाएगा.