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एक हादसे से एयर इंडिया को इस तरह बदनाम न करें! सुप्रीम कोर्ट ने याच‍िका पर की सख्त टिप्पणी

याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि एयर इंडिया की सुरक्षा व्यवस्था की गहन जांच हो और पीड़ितों को उचित मुआवजा मिले. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एयर इंडिया का पक्ष लेते हुए याचिकाकर्ता की मंशा पर सवाल उठाए और कहा कि एक हादसे का मतलब ये नहीं कि आप इस तरह बदनाम करें.

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Supreme court has asked state government to issue notification on the matter within 4 weeks
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सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया पर सुरक्षा लापरवाही और हादसों के आरोपों वाली एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने एयर इंडिया का समर्थन करते हुए कहा कि एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसे की वजह से हर कोई इस एयरलाइन के खिलाफ केस दायर करना चाहता है. कोर्ट ने सवाल उठाया कि अगर सुरक्षा नियमों में  बदलाव चाहिए तो सिर्फ एयर इंडिया को ही निशाना क्यों बनाया जा रहा है? अन्य एयरलाइंस को क्यों नहीं शामिल किया गया?

कोर्ट की सख्त टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जानते हैं कि एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हुआ था लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप एयर इंडिया को इस तरह बदनाम करें. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि ऐसा न लगे कि आपने किसी प्रतिद्वंद्वी एयरलाइन के लिए अपनी सेवाएं दे दी हैं. अगर आप नियामक तंत्र चाहते हैं, तो यह सभी एयरलाइंस के लिए होना चाहिए, सिर्फ एयर इंडिया के लिए नहीं. कोर्ट ने आगे कहा कि एक हादसे की वजह से पूरी एयरलाइन को बदनाम किया जा रहा है. हर कोई उनके खिलाफ केस दायर करना चाहता है. बाकी एयरलाइंस के खिलाफ क्यों नहीं?. कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि अगर आपको किसी एयरलाइन या उड़ान से व्यक्तिगत शिकायत है तो इसके लिए कंज्यूमर फोरम में शिकायत करें.

याचिकाकर्ता का दावा

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याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में कहा कि उनका एयर इंडिया के साथ व्यक्तिगत अनुभव खराब रहा है. इस पर कोर्ट ने जवाब दिया कि हम भी नियमित रूप से हवाई यात्रा करते हैं. कोर्ट ने सुझाव दिया कि अगर सुरक्षा और यात्रियों की सलामती के लिए दिशानिर्देश चाहिए, तो संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें. कोर्ट ने कहा कि अगर अधिकारी इस पर विचार नहीं करते, तो हम देखेंगे.

याचिका में क्या थी मांग?

सुरक्षा ऑडिट: एयर इंडिया के पूरे बेड़े की जांच किसी अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा एजेंसी से कराने की मांग.
पारदर्शी रिपोर्टिंग सिस्टम: डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को सभी विमानन सुरक्षा घटनाओं के लिए पारदर्शी और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रिपोर्टिंग सिस्टम लागू करने का निर्देश.
हादसे के पीड़ितों को मुआवजा: अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के विमान AI-171 हादसे के पीड़ितों के परिवारों को मॉन्ट्रियल कन्वेंशन, 1999 के तहत मुआवजा देने और AI-143 के यात्रियों को एक्स-ग्रेशिया या मुआवजा देने की मांग.

कोर्ट का रुख

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सलाह दी कि वे सुरक्षा दिशानिर्देशों के लिए संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एक हादसे की वजह से सिर्फ एयर इंडिया को निशाना बनाना ठीक नहीं है. कोर्ट ने कहा कि अगर आपको नियामक तंत्र चाहिए, तो यह सभी एयरलाइंस पर लागू होना चाहिए.

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क्या है पूरा मामला?

याचिका में एयर इंडिया पर सुरक्षा लापरवाही और हादसों के आरोप लगाए गए थे, खासकर अहमदाबाद में हुए AI-171 विमान हादसे के बाद. याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि एयर इंडिया की सुरक्षा व्यवस्था की गहन जांच हो और पीड़ितों को उचित मुआवजा मिले. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एयर इंडिया का पक्ष लेते हुए याचिकाकर्ता की मंशा पर सवाल उठाए.

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