अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को पत्र लिखकर भारत और इंग्लैंड के बीच आगामी श्रृंखला का नाम औपचारिक रूप से उनके दिवंगत पति मंसूर अली खान पटौदी के नाम पर रखने में क्रिकेट बोर्ड की हिचक पर नाखुशी जताई है.
मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने इस पूर्व भारतीय क्रिकेटर के नाम पर 2007 में पटौदी ट्राफी देने का विचार पेश किया था जिसे भविष्य की भारत-इंग्लैंड श्रृंखला के विजयी कप्तान को सौंपा जाना था.
वर्ष 1932 में भारत और इंग्लैंड के बीच पहली टेस्ट श्रृंखला के 75 बरस पूरा होने के जश्न के तौर पर यह विचार पेश किया गया था लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने ट्रॉफी का नाम पटौदी के नाम पर रखने को आधिकारिक स्वीकृति नहीं दी है.
दो नवंबर को श्रीनिवासन को भेजे ईमेल में शर्मिला ने इस दिवंगत क्रिकेटर के सम्मान में पटौदी स्मृति लेक्चर की औपचारिकता में देरी और इस पूर्व भारतीय कप्तान से जुड़े कुछ कानूनी मुद्दों के हल में बोर्ड की हिचक के बारे में भी लिखा है.
शर्मिला ने कहा, ‘प्रो. रत्नाकर शेट्टी ने मुझे पत्र लिखा था और मैंने श्रीनिवासन को पत्र लिखकर पूछा था कि क्या इसमें परिवार की कोई भूमिका है, क्या हम वक्ता का नाम सुझा सकते हैं. इस पर उन्होंने जवाब दिया कि परिवार की इसमें कोई भूमिका नहीं है लेकिन यह प्रत्येक वर्ष होगा.'
शर्मिला ने कहा, ‘इसको एक साल से भी अधिक समय हो गया है और चीजों जहां की तहां है. कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, किसी ने मुझसे बात नहीं की. मैंने उन्हें अपना नंबर दिया. वो शायद व्यस्त थे. मुझे नहीं पता लेकिन किसी ने मुझे फोन नहीं किया या वापस नहीं लिखा.
उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने मित्रों के जरिये बात की थी इसलिए मुझे नहीं पता कि वे क्या सोच रहे हैं. अगर वे मुझे बता देते हैं कि यह होगा या नहीं तो मुझे खुशी होगी जिससे कि मैं इस मामले को आगे नहीं बढ़ाउं.’
भारत की ओर से 46 टेस्ट में 34.91 की औसत से 2793 रन बनाने वाले पटौदी का 22 सितंबर 2011 को निधन हो गया था. उन्होंने 40 टेस्ट में भारत की कप्तानी की.
शर्मिला के पत्र पर जवाब देते हुए बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारी राजीव शुक्ला ने कहा कि इस मामले पर विचार किया जा रहा है.
शुक्ला ने कहा, ‘शर्मिला टैगोर ने बीसीसीआई अध्यक्ष श्रीनिवासन को पत्र लिखा था. उन्होंने ईमेल भेजा था जिसमें भारत-इंग्लैंड ट्रॉफी का नाम उनके दिवंगत पति के नाम पर रखने का आग्रह किया गया था जो महान क्रिकेटर थे. उनके बेटे सैफ अली खान ने भी दो बार मुझसे बात करके श्रृंखला का नाम उनके पिता के नाम पर रखने का आग्रह किया.’
उन्होंने कहा, ‘यह मामला बीसीसीआई अध्यक्ष और बीसीसीआई कार्य समिति के दायरे में आता है. किसी भी फैसले पर पहुंचने से पहले कई मुद्दों पर गौर करना होगा. मुझे लगता है कि इस मुद्दे पर विचार चल रहा है.’