वीरेंद्र सहवाग इंग्लैंड के खिलाफ 15 नवंबर से शुरू हो रही चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि इससे उन्हें 100 टेस्ट मैच खेलने वाले क्रिकेटरों में क्लब में शामिल होने के अलावा भारत की जीत में ‘महत्वपूर्ण भूमिका’ निभाने का मौका मिलेगा.
अब तक 98 टेस्ट मैच खेलने वाले सहवाग ने माना कि वह 100वां टेस्ट मैच खेलने को लेकर उत्साहित हैं. उन्होंने कहा, ‘मेरा पहला सपना देश की तरफ से खेलना था. उसके बाद मैं 100 टेस्ट मैच खेलने का सपना देखने लगा. मुझे खुशी है कि यह क्षण जल्द ही आएगा. यह बड़ा सम्मान है.’
भारत की तरफ से अब तक आठ क्रिकेटरों ने 100 से अधिक टेस्ट मैच खेले हैं. इंग्लैंड के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला के दौरान सहवाग के अलावा हरभजन सिंह भी इस क्लब में शामिल हो सकते हैं. हरभजन ने भी अब तक 98 टेस्ट मैच खेले हैं.
सहवाग ने कहा कि उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला का ब्रेसब्री से इंतजार है लेकिन वह इसे बदले वाली श्रृंखला नहीं मानते. उन्होंने कहा, ‘हमारे लिये महत्वपूर्ण है अच्छी क्रिकेट खेलना. बदला लेने वाली जैसी बात मीडिया करता है. हमारे लिये उन्हें हराना महत्वपूर्ण है.’
इस 34 वर्षीय बल्लेबाज ने कहा, ‘इंग्लैंड की टीम काफी अच्छी है लेकिन हमने इसके लिये बेहतर तैयारी की है. हमारा नौ नवंबर से तीन दिन का शिविर लगेगा जिसमें हम अपनी रणनीति तैयार करेंगे. हम इस श्रृंखला का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. यह हमारे लिये ही नहीं इंग्लैंड के लिये भी चुनौतीपूर्ण श्रृंखला होगी.’
उन्होंने कहा, ‘मेरी उंगली में चोट लगी थी और मैं समय पर लोकल एनिस्थीसिया नहीं ले पाया था इसलिए मध्यक्रम में बल्लेबाजी के लिये आया. अभी मैं मध्यक्रम में खेलने के बारे में नहीं सोच रहा हूं. इसके बारे में फैसला करना टीम प्रबंधन का काम है.’
सहवाग ने इसके साथ ही साफ किया कि वह कभी नहीं मानते कि वह फॉर्म में नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं फॉर्म में हूं या नहीं यह मैं नहीं कहता. यह मीडिया कहता है. मैं शतक बनाकर खुश हूं लेकिन मुझे दुख है कि उस पारी के बावजूद हम मैच ड्रा नहीं करा पाये.’
सहवाग ने इस बात को भी नकार दिया कि फॉर्म में लौटने के लिये ही शीर्ष क्रिकेटर रणजी ट्राफी में खेलते हैं जैसे कि इस बार शुरुआती दौर के मैचों में देखने को मिला.
उन्होंने कहा, ‘जब भी मुझे मौका मिला मैं दिल्ली की तरफ से प्रथम श्रेणी मैचों में खेला लेकिन यदि आपको चार टेस्ट मैच खेलने हों तो फिर विश्राम भी जरूरी होता है. अमूमन देखा गया है कि टेस्ट श्रृंखला पहले होती है और प्रथम श्रेणी मैच बाद में.’
उन्होंने कहा, ‘मेरे लिये वह श्रृंखला महत्वपूर्ण थी. मैंने तब वापसी की थी और दूसरा तिहरा शतक लगाकर संदेश दिया था कि वीरेंद्र सहवाग अभी खत्म नहीं हुआ है. निश्चित तौर पर वह पहली से बेहतर थी.’
सहवाग ने कहा कि जब वह क्रीज पर खेलने के लिये उतरते हैं तो वह जल्द से जल्द खाता खोलना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘जब मैं क्रीज पर उतरता हूं तो मेरे दिमाग में रहता है कि मैं कम से कम एक रन बनाउं. उसके बाद मैं शतक और लंबी पारियों के बारे में सोचता हूं. शतक लगाने पर निश्चित तौर पर खुशी होती है.’
सहवाग से जब उनके पसंदीदा भोजन के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा, ‘मुझे अपनी मां और पत्नी के हाथों बना हुआ खाना पसंद है.’