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बंगाल में बाबरी मस्जिद बनवाने का 'श्रेय' ममता बनर्जी के हिस्से आया, हुमायूं कबीर पीछे छूटे

हुमायूं कबीर के खिलाफ एक्शन के बाद ममता बनर्जी ने सोचा होगा, मामला शांत हो जाएगा. लेकिन अब तो लगता है बवाल बढ़ता ही जा रहा है. बीजेपी तो ममता बनर्जी पर हमलावर है ही, कांग्रेस भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को कठघरे में खड़ा कर दे रही है - और ऐसे वक्त जब सिर पर विधानसभा के चुनाव हैं.

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मुर्शिदाबाद की 'बाबरी मस्जिद' के मामले में ममता बनर्जी बीजेपी और कांग्रेस दोनों के निशाने पर आ गई हैं.
मुर्शिदाबाद की 'बाबरी मस्जिद' के मामले में ममता बनर्जी बीजेपी और कांग्रेस दोनों के निशाने पर आ गई हैं.

हुमायूं कबीर के मामले में ममता बनर्जी ने जो एक्शन लिया, बीजेपी की बोलती बंद हो जानी चाहिए थी. लेकिन, बीजेपी तो हद से ज्यादा हमलावर हो गई है. और, खास बात ये है कि कांग्रेस भी हुमायूं कबीर के बाबरी मस्जिद प्रोजेक्ट के मामले में ममता बनर्जी के खिलाफ बीजेपी की भाषा बोल रही है. 

तृणमूल कांग्रेस से सस्पेंड किए गए हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में 'बाबरी मस्जिद' की नींव रखी थी. कार्यक्रम प्रतीकात्मक था, और हुमायूं कबीर ने फीता काट कर मस्जिद निर्माण के अपने प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया था. कार्यक्रम का वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें लोग हाथों में ईंट लेकर जाते दिखाई पड़े हैं. 

बताते हैं कि अब तक 1.30 करोड़ रुपये से ज्यादा डोनेशन इकट्ठा हो चुका है, और कई डोनेशन बॉक्स अभी खुले भी नहीं हैं. 30 लोगों की टीम मशीनों से नोट गिन रही थी, और पारदर्शिता दिखाने के लिए इसे लाइव स्ट्रीम किया गया. बाबरी मस्जिद गिराए जाने की बरसी वाले दिन हुमायूं कबीर ने कड़ी सुरक्षा के बीच मस्जिद की नींव रखने का कार्यक्रम था. मौके पर करीब 40 हजार लोग जुटे थे, और कार्यक्रम में शाही बिरयानी भी परोसी गई थी.

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टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने ऐलान किया है कि फरवरी में वो एक लाख लोगों से कुरान का पाठ करवाएंगे. और उसके बाद मस्जिद निर्माण शुरू होगा. मतलब, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले. पश्चिम बंगाल सहित देश के पांच राज्यों में 2026 में विधानसभा के चुनाव होने हैं. 

हुमायूं कबीर के बहाने बीजेपी और टीएमसी में आरोप-प्रत्यारोप 

हुमायूं कबीर को 6 दिसंबर से दो दिन पहले ही तृणमूल कांग्रेस ने सस्पेंड कर दिया था, जिस दिन टीएमसी विधायक ने मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की नींव रखने का ऐलान किया था. उसके बाद से बहुत सारी बातें हो चुकी हैं. बात बहुत आगे बढ़ चुकी है. 

हुमायूं कबीर अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा कर चुके हैं. पश्चिम बंगाल की 135 विधानसभा सीटों पर अपनी प्रस्तावित पार्टी के उम्मीदवार उतारने के बारे में भी बता चुके हैं. और, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के साथ मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़ने का भी दावा कर चुके हैं. 

देखा जाए तो, लगता है हुमायूं कबीर अपने रास्ते चल पड़े हैं. और, ममता बनर्जी ने उनकी सारी गतिविधियों से तकनीकी तौर पर पूरी तरह पल्ला झाड़ लिया है. हुमायूं कबीर को सस्पेंड किए जाने के बाद टीएमसी नेता फिरहाद हकीम ने यहां तक बोल दिया था कि आगे से हुमायूं कबीर से उनकी पार्टी का किसी भी तरह का नाता नहीं रहेगा - लेकिन राजनीत है कि ममता बनर्जी का पीछा ही नहीं छोड़ रही है. 

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बाबरी मस्जिद की नींव रखने के मुद्दे पर बिहार से आने वाले बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने दावा किया है, हुमायूं कबीर ने इसे नहीं रखा... ममता बनर्जी ने रखा, और वो ड्रामा कर रही हैं... और अपने नेताओं, सांसदों से उसके खिलाफ बयान दिलवा रही हैं.

ममता बनर्जी को कठघरे में खड़ा करते हुए गिरिराज सिंह कहते हैं, बाबरी मस्जिद... हिडन एजेंडा के रूप में हुमायूं कबीर के द्वारा इन्होंने लाया है... ये नींव डाली गई है सोची समझी रणनीति के तहत... ममता बनर्जी को इसकी सजा भुगतनी पड़ेगी.

पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार तो यहां तक कह रहे हैं कि ममता बनर्जी ने हुमायूं कबीर के खिलाफ सिर्फ दिखावे के लिए कार्रवाई की है. हुमायूं कबीर की तरफ से बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने को लेकर सुकांत मजूमदार का सवाल है, जब बीजेपी कोई कार्यक्रम करती है, तो पुलिस मंच तक उखाड़ देती है, तो यहां ऐसा क्यों नहीं हुआ?

और फिर सुकांत मजूमदार चैलेंज करते हैं, अगर ममता बनर्जी सच में नहीं चाहतीं कि बाबरी मस्जिद बने, तो उन्हें हुमायूं कबीर को गिरफ्तार करना चाहिए था.

बीजेपी का दावा है कि पश्चिम बंगाल पुलिस हुमायूं कबीर की मदद कर रही है. बीजेपी नेता सुकांत मजूमदार का कहना है, आज जो कुछ हम देख रहे हैं, वो पिछले 15 साल के ममता बनर्जी की तुष्टिकरण और सांप्रदायिक राजनीति का नतीजा है... ममता बनर्जी का इसके लिए पूरा समर्थन हासिल है... आज भी हुमायूं कबीर कह रहे हैं कि पुलिस का पूरा सहयोग मिल रहा है.

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टीएमसी ने इस मुद्दे पर सफाई तो दी है, लेकिन बीजेपी को ही जिम्मेदार ठहरा रही है. टीएमसी नेता सायोनी घोष कह रही हैं, कोई भी मंदिर बना सकता है... कोई भी मस्जिद बना सकता है... लेकिन, अगर इसके पीछे किसी की मंशा यहां धार्मिक अशांति फैलाने की है, तो सब जानते हैं कि उन्हें बीजेपी से फंडिंग मिल रही है... और बीजेपी उन्हें बंगाल में कानून-व्यवस्था बिगाड़ने के लिए उकसा रही है.

ममता बनर्जी ही कांग्रेस के निशाने पर भी

कांग्रेस ने ममता बनर्जी पर सांप्रदायिक ताकतों की मदद करने का इल्जाम लगाया है. कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का कहना है कि ममता बनर्जी बीजेपी की मदद कर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे रही हैं. इमरान मसूद ने ममता बनर्जी से मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखने वाले अपने विधायक हुमायूं कबीर के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने की मांग की है.

इमरान मसूद ने हुमायूं कबीर के पुराने बीजेपी कनेक्शन की भी याद दिलाई है, और सवाल भी पूछा है. इमरान मसूद पूछते हैं, 2019 में जब आप भाजपा का झंडा लेकर चुनाव लड़ रहे थे, तब आपको बाबरी मस्जिद की याद नहीं आ रही थी? उनका झंडा लेकर तुम दौड़ रहे थे और अब उनके कहने पर देश में नफरत बोना चाहते हो.

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2019 के आम चुनाव में बतौर बीजेपी उम्मीदवार मुर्शिदाबाद लोकसभा सीट पर हुमायूं  कबीर को 2,47,809    वोट भी मिले थे. हालांकि, हार का फासला भी कोई कम न था. हुमायूं कबीर को टीएमसी उम्मीदवार ने 2,26,417 वोटों से हरा दिया था. 

और वही हुमायूं कबीर 2024 में लोकसभा चुनाव कैंपेन में टीएमसी नेता के रूप में कह रहे थे, ‘मैं राजनीति छोड़ दूंगा अगर दो घंटे में तुम्हें (हिंदुओं को) भागीरथी नदी में डुबो न दिया... तुम 30 फीसदी हो, हम 70 फीसदी हैं... मैं तुम्हें शक्तिपुर में रहने नहीं दूंगा.'

ममता बनर्जी को निशाने पर लेते हुए हुमायूं कबीर के बहाने इमरान मसूद कहते हैं, ऐसे लोग भी कहीं न कहीं भाजपा के साथ मिले हुए होंगे.

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, "मस्जिद बनने का कोई विरोध नहीं करता है, लेकिन ये लोग (हुमायूं कबीर) देश में नफरत बोना चाहते हैं।" 

हुमायूं कबीर को आगाह करते हुए इमरान मसूद ने कहा है, नफरत के नाम पर मस्जिद बनाओगे और पूरे देश में नफरत फैलाओगे... जहां आप बहुसंख्यक हैं, वहां आप यह काम कर सकते हो... लेकिन, जहां मुसलमान कम तादाद में हैं, उनके खिलाफ आप नफरत बो दोगे... आप देश में क्या तमाशा करना चाहते हो? आप देश में और कितनी मस्जिदों को तुड़वाने की साजिश कर रहे हो?

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लगता है हुमायूं कबीर के खिलाफ ममता बनर्जी के सख्त एक्शन लिए बगैर बीजेपी और कांग्रेस उनको यूं ही छोड़ने वाले नहीं हैं - मुश्किल ये है कि हुमायूं कबीर के खिलाफ ज्यादा आगे बढ़ने से पहले ममता बनर्जी को अपने वोटर का भी तो ख्याल रखना होगा. है कि नहीं?

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