पश्चिम बंगाल के 294 सीट के लिए मार्च-अप्रैल 2026 को विधानसभा चुनाव होना है. में 2026 को विधानसभा चुनाव होना है (Bengal Assembly Election 2026). यह चुनाव राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है. इस चुनाव को राज्य की सत्ता पर दोबारा कब्जा जमाने की कोशिश कर रही सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी दलों के लिए एक निर्णायक युद्ध के रूप में देखा जा रहा है. मौजूदा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी जहां लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है, वहीं भाजपा, वाम दल और कांग्रेस भी नए गठबंधनों और रणनीतियों के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं.
2021 के विधानसभा चुनावों में टीएमसी ने 294 में से 213 सीटें जीतकर शानदार जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा 77 सीटों पर सिमट गई थी. इसके बाद से राज्य की राजनीति में कई बदलाव हुए हैं- भाजपा में अंदरूनी खींचतान, विपक्षी दलों के गठजोड़ की कोशिशें और टीएमसी के भीतर भी कुछ असंतोष के स्वर सुनाई दिए.
वहीं ममता बनर्जी की राष्ट्रीय राजनीति में सक्रियता और पार्टी का "इंडिया" गठबंधन के साथ जुड़ाव भी इस चुनाव में देखने को मिलेगा.
ममता बनर्जी ने वोटर सूची तैयार करने की प्रक्रिया पर अपनी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि कम समय में बिना तैयारी के वोटर सूची बदलने की कोशिश की जा रही है. ममता का मानना है कि इस प्रक्रिया के पीछे मुख्य उद्देश्य सही और वैध वोटरों के नाम हटाना है,
तीन तरीके से वोटर कम होने की बात कही गई है. इसमें पहला विधर्मी मृतकों के वोटर हटना है, दूसरा वह जिनके पास एक से ज्यादा आधार कार्ड हैं। ममता सरकार पर आरोप लगाया गया है कि वे ऐसे घुसपैठियों को वोटर सूची में शामिल करते हैं.
अगस्त बारह, दो हज़ार बारह को असम में कांग्रेस सरकार थी और तरुण गोगोई मुख्यमंत्री थे. उस समय उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि कांग्रेस की सरकार थी और लोग भारत के अंदर हर दिन घुसपैठ कर रहे थे. वे खुद कह रहे थे कि कांग्रेस के लोग इन्हें ला रहे हैं.
इस वीडियो में बताया गया है कि भारत और बांग्लादेश के बीच छह सौ किलोमीटर की सीमा को लेकर गृह मंत्रालय ने पिछले सात वर्षों में बंगाल सरकार को कई बार पत्र लिखे हैं. गृह मंत्री ने संसद में भी माना है कि इस सीमा की भूमि फंसी नहीं हुई है और बंगाल सरकार को इसे सौंपने के लिए कहा गया है.
असम के नामरूप में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा और घुसपैठियों को बचाने का आरोप मढ़ दिया. वहीं इससे पहले पश्चिम बंगाल में भी घुसपैठिए के मुद्दे पर पीएम मोदी ने ममता की पार्टी को घेरा. जबकि विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी जानबूझकर ऐसे मुद्दे को उठाकर खौफ पैदा करना चाहती है. ऐसे में सवाल ये कि क्या घुसपैठ मुद्दा है या बहाना? क्या अगले साल होने वाले बंगाल और असम चुनाव में घुसपैठ का मुद्दा चलेगा? देखें दंगल.
तृणमूल कांग्रेस से निलंबित नेता हुमायूं कबीर ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में बड़ा दांव खेलते हुए नई पार्टी बनाकर राज्य की सभी 294 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. वह खुद को किंगमेकर बता रहे हैं. सोमवार को वह मुर्शिदाबाद में अपनी पार्टी का औपचारिक गठन करेंगे.
जनता के पूर्ण विश्वास से ही देश में सच्चा परिवर्तन संभव है. भारतीय जनता पार्टी को जनता का जबरदस्त समर्थन और आशीर्वाद प्राप्त होगा. आज की स्थिति में टीएमसी की हालत स्पष्ट हो रही है, साथ में कट कमीशन का आरोप भी सामने है जो लोगों के बीच चिंता का विषय बना हुआ है.
मतलब जनता बेवकूफ नहीं है. पाँच साल पहले बिहार चुनाव में नरेंद्र मोदी ने जो तेवर दिखाए थे, वे उसी तरह नाकाम हुए. उसके बाद दो हजार इक्कीस के मध्य प्रदेश चुनाव में भी भाजपा का वादा पूरा नहीं हो पाया. बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने भारी बहुमत हासिल किया और भाजपा के तीन सौ पार के नारे पर पानी फिर गया.
भ्रष्टाचार अलग प्रदेशों में अलग अलग सरकारों का मुद्दा हो सकता है लेकिन बंगाल राष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर विषय है. वर्तमान बंगाल सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक चुनौती बन चुकी है. यही वजह है कि यह सरकार बदलनी चाहिए क्योंकि यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रही है.
यह वीडियो जल जीवन मिशन और अन्य केंद्रीय योजनाओं के फंड को लेकर उठाए गए गंभीर सवालों पर आधारित है. इसमें कहा गया है कि नरेंद्र मोदी के करीब होते हुए भी कुछ फंड्स पर विवाद है. खासकर बंगाल के सेंट्रल फंड्स को लेकर आरोप लगाए गए हैं कि उन्हें रोका गया.
भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है जहां सभी को मिलजुल कर रहने की जरूरत है. उन्होंने एक शेर भी याद दिलाया जो कहता है कि पंछी की पीड़ा पर जो सुंदर गीत सुनाता है, वह कभी-कभी अपनी वास्तविक स्थिति से अनजान होता है. ऐसे विचार हमें यह दर्शाते हैं कि केवल बातें करना पर्याप्त नहीं बल्कि कार्य भी उत्कृष्ट होना चाहिए.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बंगाल में law and order की स्थिति बहुत खराब है, जिसे कोई भी नजरअंदाज नहीं कर सकता. लेकिन उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में भी कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है. इन राज्यों में भी कानून-व्यवस्था का बुरा हाल देखने को मिलता है जो लोगों की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए चिंता का विषय है.
बंगाल में वर्तमान स्थिति में भ्रष्टाचार पर चर्चा हो रही है. चाणक्य द्वारा कही गई नीतियां टीएमसी पार्टी के भ्रष्टाचार से मेल खाती हैं. इस भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए चुनाव आयोग सक्रिय है और चुनाव करवाने की तैयारी हो रही है.
बाबर ना इस देश का था और न ही बाबरी इस देश की विचारधारा का हिस्सा हो सकता है. बाबर एक आक्रांता था और किसी भी धर्म में आक्रांता के नाम पर मस्जिद, मंदिर, गिरिजाघर या चर्च बनाने की अनुमति नहीं होती. बाबरी मस्जिद जो बनी थी, वह एक अवैध ढांचा था जिसे कोर्ट ने भी स्वीकार किया.
मुसलमानों के लिए बाबर आदर्श नहीं हैं और इस विषय पर बहस करने की कोई आवश्यकता नहीं है. आज जो बहस हो रही है वह पूरी तरह से राजनीतिक है. इसे सामाजिक या धार्मिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए.
आजतक के ख़ास कार्यक्रम 'बहस बाजीगर' में इस बार का टॉपिक है- क्या बंगाल में 'बाबरी मस्जिद' चुनावी मुद्दा है? इसी सवाल पर तमाम पार्टियों के प्रवक्ताओं में वार-पलटवार देखने को मिला. सभी ने अपने-अपने तर्कों से एक-दूसरे पर जमकर निशाने साधे. देखें सबसे तीखी बहस.
पश्चिम बंगाल के नादिया के लोगों को पीएम मोदी ने कोलकाता से वर्चुअली संबोधित किया. नरेंद्र मोदी ने ममता सरकार पर एक के बाद एक कई हमले किए. ममता राज में जंगलराज का जिक्र करते हुए कट-कमीशन की भी कलई खोली. अगले साल बंगाल में विधानसभा का चुनाव है. मोदी ने बीजेपी के लिए पिच तैयार कर दी है. देखें दंगल.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के ताहेरपुर में होने वाली रैली के लिए पहुंचे थे, लेकिन खराब मौसम और कम दृश्यता की वजह से उनका हेलीकॉप्टर रैली स्थल पर लैंड नहीं कर सका. इस कारण वे कोलकाता एयरपोर्ट पर वापस लौट गए. पीएम मोदी ने एयरपोर्ट से ही वर्चुअल तरीके से रैली को संबोधित किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल में नादिया के ताहेरपुर में रैली के लिए पहुंचे थे, लेकिन बताया जा रहा है कि लो विजिबिलिटी की वजह से उनका हेलीकॉप्टर लैंड नहीं कर पाया. जिसके बाद वे कोलकाता एयरपोर्ट लौट आए इसके बाद पीएम मोदी ने कोलकाता एयरपोर्ट से ही रैली को वर्चुअली संबोधित किया.
पश्चिम बंगाल की राजनीति में मुस्लिम वोटर्स का बहुत बड़ा हाथ रहा है. राज्य की जनसंख्या में मुस्लिम वोटर्स का शेयर 2011 की जनसंख्या के हिसाब से 27 प्रतिशत है. पर अब यह बढ़ चुका है. ममता बनर्जी अपने इस वोट बेस के बल पर ही लगातार तीन टर्म से बंगाल की सीएम बनी हुईं हैं. पर 2025 में हिंदुओं की आस्था पर हमले कुछ ज्यादा ही बढ़े हुए नजर आ रहे हैं. क्या ये बैकफायर करेगा?
कभी प्रभु राम को काल्पनिक बताने जैसी सीमा लांघी गई थी तो अब राम का धर्म और उनकी जाति ढूंढ़ने वाले भी आ गए हैं. ममता के करीबी TMC के विधायक मदन मित्रा ने दावा किया कि प्रभु राम 'मुस्लिम' थे. चंद महीनों में बंगाल में चुनाव हैं. ऐसे में इस बयान की टाइमिंग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. सवाल है कि क्या मुस्लिम वोट के लिए प्रभु राम के नाम पर सियासत हो रही है? देखें हल्ला बोल.