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MoTN survey: पंजाब में कमजोर कांग्रेस का फायदा AAP को, लोकसभा चुनाव को लेकर आए दिलचस्प आंकड़े

पंजाब विधानसभा चुनाव जीतने के बाद आम आदमी पार्टी अब लोकसभा चुनाव में भी अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराती दिख रही है. India Today MoTN survey के मुताबिक पिछले चुनाव के मुकाबले 4 सीटों की बढ़त कायम करते हुए आप को 5 सीटें मिलती दिख रही हैं. ज‍बकि पिछले चुनाव में 8 सीटें जीतने वाली कांग्रेस तीन सीटों का नुकसान सहने जा रही है.

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MoTN सर्वे के मुताबिक आगामी लोकसभा चुनाव प्रमुख रस्‍साकशी INDIA गुट की दो सदस्‍य पार्टियां आप और कांग्रेस के बीच ही है.
MoTN सर्वे के मुताबिक आगामी लोकसभा चुनाव प्रमुख रस्‍साकशी INDIA गुट की दो सदस्‍य पार्टियां आप और कांग्रेस के बीच ही है.

पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन न होने का फायदा फिलहाल तो आप को मिलता दिख रहा है. जनवरी माह में हुए मूड ऑफ द नेशन सर्वे (MoTN survey) के मुताबिक आप यहां 5 सीटें जीतती दिख रही है. जबकि पिछले चुनाव में उसे महज एक सीट से संतोष करना पड़ा था. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से सत्‍ता छीनने वाली आप आगामी लोकसभा चुनाव में अच्‍छी खासी कामयाबी हांसिल करती नजर आ रही है. आप यह कह सकती है‍ कि MoTN survey के नतीजों ने उसकी राज्‍य सरकार के कामकाज पर मुहर लगाई है. 

पंजाब में हुए सर्वे का सबसे दिलचस्‍प हिस्‍सा वोट शेयर के झरोखे से नजर आता है. यहां आम आदमी पार्टी को 27.2 फीसदी वोट मिल रहे हैं, जबकि 2019 में महज 7.38 फीसदी लोगों ने इस पार्टी पर अपना भरोसा जताया था. यानी करीब 20 फीसदी वोटरों का नया समर्थन उसे हांसिल हुआ है. इसके उलट आगामी चुनाव में सबसे ज्‍यादा नुकसान शिरोमणि अकाली दल को होता दिख रहा है. पिछले चुनाव में  27.45% वोट पाने वाली पार्टी को इस बार 14.4 फीसदी वोट ही मिल रहे हैं. यानी बादलों की इस पार्टी की पंजाब में वही हालत हो रही है, जो यूपी में बसपा की है. कांग्रेस को तो पिछले चुनाव में 40.12 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन MoTN survey के मुताबिक इस बार करीब तीन फीसदी वोट कम होकर 37.6 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. 

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Punjab MoTN survey 2024

यदि इस  सर्वे को भाजपा की नजर से देखें तो न खुश होने वाली बात है, न अफसोस जताने की. पंजाब में भाजपा की उम्‍मीदें हमेशा से अकाली दल के साथ गठबंधन पर टिकी रही हैं. लेकिन, अकाली दल ने 2019 के चुनाव में कांग्रेस के मुकाबले बड़ा नुकसान सहा था और 2014 में 4 सीटें जीतने वाली पार्टी महज 2 सीटें जीतने में कामयाब रही. इस बार अकाली एक सीट और गंवाने जा रहे हैं. भ्रष्‍टाचार और परिवार वाद के आरोपों से घिरे अकाली दल ने अपनी जमीन खो दी है. इसके साथ ही उसे भाजपा और मोदी के नेतृत्‍व का भरोसा भी नहीं मिला है. जबकि पंजाब जैसे सूबे में भाजपा जहां पहले खड़ी थी, इस बार भी वहीं खड़ी दिख रही है. 2019 चुनाव की तरह उसे इस बार भी दो सीटें ही मिल रही हैं. केंद्र सरकार के खिलाफ हुए किसान आंदोलन के दौरान सबसे ज्‍यादा गुस्‍सा पंजाब मे ही था, लेकिन इसके बावजूद यहां भाजपा को पिछले चुनाव के मुकाबले करीब 8 फीसदी वोट ज्‍यादा मिल रहे हैं. 2019 में भाजपा ने 9.63% वोट हांसिल किये थे, जबकि इस बार उसे 16.9 फीसदी वोट मिलने की संभावना है. 

Punjab MoTN survey 2024

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MoTN survey ने यह इशारा किया है कि यदि भाजपा और अकाली दल दोबारा गठबंधन कर लें तो संभव है कि NDA को वही फायदा हो, जो पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश में भाजपा को RLD और दक्षिण कर्नाटक में जेडीएस के साथ गठबंधन से होता दिख रहा है. ज‍बकि INDIA गुट की नजर से देखें तो वहां भी कांग्रेस को सीटों के तालमेल से फायदा होगा. लेकिन, बड़ा सवाल वही है कि आम आदमी पार्टी को तो अपना फायदा बिना गठबंधन के ही मिल रहा है तो उसे कांग्रेस के साथ जाने की क्‍या जरूरत. पंजाब सीएम भगवंत मान पहले ही कह चुके हैं कि यहां पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी. यानी फिलहाल की स्थिति में पंजाब में सबसे बड़ी विनर आप है, और सबसे बड़ी लूज़र कांग्रेस. अकेले चल रही अकाली दल गर्त में जा रही है, जबकि भाजपा महज मूक दर्शक है. शायद 2029 के चुनाव में कमल खिले.

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