भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है (Indian National Congress Party Oldest Political Party of India). इसकी स्थापना 1885 में एलन ऑक्टेवियन ह्यूम ने की थी (Allan Octavian Hume), जिसने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ एशिया और अफ्रीका में आधुनिक राष्ट्रवादी आंदोलन की अगुवाई की. विशेषकर 1920 के बाद महात्मा गांधी की अगुवाई में कांग्रेस ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन (Indian independence movement) में भूमिका निभाई. इसने ब्रिटिश साम्राज्य उपनिवेशवाद विरोधी राष्ट्रवादी आंदोलनों को शक्तिशाली रूप से प्रभावित किया.
कांग्रेस आज भारत के दो प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक है, भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) इसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी है. यह एक "बिग टेंट" पार्टी है (Big tent Party) जिसका झुकाव सेंटर या सेंटर-लेफ्ट की तरफ माना जाता है. सामाजिक मुद्दों पर, यह धर्मनिरपेक्ष नीतियों के साथ, नागरिक स्वतंत्रता और कमजोर वर्गों और अल्पसंख्यकों के कल्याण को प्रोत्साहित करती है. 2021 तक, आजादी के बाद से 17 आम चुनावों में, इसने सात मौकों पर अकेले बहुमत हासिल किया है और 54 से अधिक वर्षों तक केंद्र सरकार का नेतृत्व किया है. कांग्रेस के छह प्रधान मंत्री रहे हैं, पहले जवाहरलाल नेहरू (1947-1964) (Jawaharlal Nehru), और सबसे हाल ही में मनमोहन सिंह (2004-2014) (Manmohan Singh).
भारतीय स्वतंत्रता के बाद, कांग्रेस नेहरू के नेतृत्व में एक कैच-ऑल पार्टी के रूप में उभरी (Catch-all party), जो अगले 20 वर्षों तक भारतीय राजनीति पर हावी रही. नेहरू की मृत्यु और लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) का एक छोटा कार्यकाल आया और उसके बाद, इंदिरा गांधी पार्टी की नेता बनीं (Indira Gandhi). उनके कार्यकाल के दौरान कांग्रेस वामपंथ की ओर चली गई.
1969 में, इंदिरा गांधी के नेतृत्व में पार्टी दो-फाड़ हो गई. इंदिरा ने कांग्रेस (आर) (Congress R) बनाया, बाकी को कांग्रेस (ओ) (Congress O) के रूप में छोड़ दिया. 1971 के आम चुनाव में जीत हासिल करके कांग्रेस (आर) प्रमुख गुट बन गई. आपातकाल के बाद, 1977 के चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. 1979 में एक और विभाजन हुआ, जिससे कांग्रेस (आई) का निर्माण हुआ (Congress I).
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनके बेटे, राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के नेतृत्व में पार्टी ने 1984 में जीत हासिल की, लेकिन 1989 में वी.पी. सिंह (V. P. Singh) के नेतृत्व में राष्ट्रीय मोर्चा के हाथों कांग्रेस ने सत्ता गंवा दी. 1991 में, कांग्रेस पी.वी. नरसिम्हा राव (P. V. Narsimha Rao) के नेतृत्व में सत्ता में लौटी. 1996 के आम चुनाव में कांग्रेस को शिकस्त का सामना करना पड़ा. कांग्रेस पार्टी ने 2004 के आम चुनाव में जीत हासिल की और आठ साल के रिकॉर्ड अंतराल के बाद सत्ता में लौटी. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की अगुवाई में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की सरकार बनी जो 2014 तक सत्ता पर काबिज रही. 2014 के आम चुनाव में, कांग्रेस केवल 48 सीटों पर सिमट गई. सोनिया गांधी, बीस वर्षों से अधिक समय तक, पार्टी की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली अध्यक्ष हैं (Sonia Gandhi Longest Serving Congress President).
हरेक राज्य में एक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) मौजूद है. जिलों और पीसीसी के प्रतिनिधि मिलकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) बनाते हैं. पार्टी को कई समितियों और वर्गों में भी संगठित किया गया है.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मनरेगा की जगह जी राम जी योजना को लेकर जारी बहस के बीच कांग्रेस पर हमला बोला है. उन्होंने विदेश जाकर बयान देने के लिए राहुल गांधी पर भी निशाना साधा है.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जर्मनी की राजधानी बर्लिन में बयान दिया था, जिस पर सियासत गर्म हो गई है. बीजेपी ने राहुल गांधी के बयान को देशविरोधी बताया है. वहीं, इसे लेकर अब सपा की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.
बीजेपी ने बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हिंसा पर चुप्पी के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर निशाना साधा था. बीजेपी के वार पर अब कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने पलटवार किया है.
बर्लिन के हर्टी स्कूल में एक चर्चा के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बीजेपी पर भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों का राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है और संस्थागत ढाचों पर कब्जा किया जा रहा है.
महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस ने अपने प्रदर्शन को मजबूती से पेश करते हुए खुद को राज्य का प्रमुख विपक्ष बताया है. पार्टी के मुताबिक, उसे 41 नगर परिषद अध्यक्ष पद और 1006 पार्षद सीटें मिली हैं. कांग्रेस का कहना है कि भारी धनबल, सत्ता के दबाव और दबंगई के बावजूद उसने वैचारिक लड़ाई लड़ी और विपक्ष की भूमिका में खुद को स्थापित किया.
महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी की बड़ी जीत के बीच एक नया राजनीतिक चलन सामने आया है. 'एक व्यक्ति एक पद' का फॉर्मूला अब पुराना पड़ता दिख रहा है, क्योंकि कार्यकर्ताओं की जगह अब नेताओं के रिश्तेदारों का दबदबा बढ़ गया है. बीजेपी, शिंदे सेना और एनसीपी के मंत्रियों-विधायकों के परिवार वालों ने चुनावी मैदान में उतरकर शानदार जीत दर्ज की है.
महाराष्ट्र के 288 स्थानीय निकायों के चुनाव नतीजे घोषित हो चुके हैं. बीजेपी 63 प्रतिशत के शानदार स्ट्राइक रेट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने भी कोंकण में अपना दबदबा साबित किया है. दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा. विश्लेषण में सामने आया है कि एमवीए में वोट ट्रांसफर की समस्या रही, जिसकी वजह से उन्हें ज्यादातर सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा.
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे का मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ना पक्का हो गया है. ये बात संजय राउत ने ही बताई है. लेकिन जिस तरह से कांग्रेस अलग राह पकड़ने की बात कर रही है, और नगर निकाय के जो नतीजे आए हैं - ठाकरे बंधुओं की राजनीतिक भविष्यवाणी लगता है 16 जनवरी को ही सुनाई जाएगी.
कांग्रेस नेता अजय कुमार ने ट्रेन किराया बढ़ोतरी को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बिना ऐलान किए किराया बढ़ाया गया. पिछले कई सालों में निचले और मध्यम वर्ग पर बोझ बढ़ा है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने VB-G RAM G बिल, 2025 को मंजूरी दी, जिससे MGNREGA की जगह नया कानूनी ढांचा लागू हुआ. सरकार रोजगार गारंटी 125 दिन करने का दावा कर रही है, जबकि राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने इसे लोकतंत्र और काम के अधिकार पर हमला बताया है.
मनरेगा को खत्म करने के लिए लाए गए VB-G RAM G बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा वार किया है. उन्होंने कहा कि नया कानून काम के संवैधानिक अधिकार, विकेंद्रीकरण और मजदूरों की मोलभाव की ताकत को कमजोर करता है.
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्निथला ने कहा कि कांग्रेस बीएमसी चुनाव अकेले लड़ेगी और चुनाव से पहले मुंबई नगर निगम में हुए कथित भ्रष्टाचार को लेकर चार्जशीट और जल्द ही अपना घोषणा पत्र जारी करेगी. उन्होंने कहा कि मुंबई का विकास ठीक से नहीं हुआ है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जनता जानती है.
दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने 16 दिसंबर को ईडी की नेशनल हेराल्ड मामले में दायर की गई चार्जशीट का संज्ञान लेने से मना कर दिया था. ईडी का आरोप था कि कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत अन्य लोगों ने पैसों का घोटाला किया था.
कांग्रेस ने यह अविश्वास प्रस्ताव सरकार पर 'जनादेश की चोरी' और 'चुनावी प्रक्रिया में धांधली' जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए पेश किया था. 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास अपने सहयोगियों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से स्पष्ट बहुमत है, जबकि कांग्रेस संख्या बल में पीछे है.
कांग्रेस नेता भाई जगताप ने MLC प्रज्ञा सातव के बीजेपी में शामिल होने पर अपनी प्रतिक्रिया दी और स्पष्ट कहा कि उन्हें जो भी पहचान मिली है वह उनके पति और सास के काम की वजह से है. भाई जगताप ने पार्टी की व्यथाओं को उजागर करते हुए यह भी कहा कि कार्यकर्ताओं और नेताओं की मेहनत को समझना जरूरी है.
मनरेगा योजना, जो अब जल्द 'वीबी जी राम जी' योजना होने जा रही है, तमाम तमाम खामियों से भरी रही. फिलहाल तो देश के हर कोने से इस योजना के नाम पर भ्रष्टाचार के किस्से सुनाई दे रहे हैं. कुछ महीने पहले गुजरात के एक मंत्री के दो बेटों कि गिरफ्तार किया गया. पर मंत्री महोदय बच गए. एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की भी गिरफ्तारी हो चुकी है.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की जगह नया कानून लाया जा रहा है. मोदी सरकार नए कानून का नाम 'विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)' यानि वीबी जी राम जी रखा है. इसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों आमने-सामने हैं.
कांग्रेस नेता सुखदेव भगत ने भारत की आजादी में BJP की भूमिका पर सवाल खड़े किए है. उन्होनें कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक कुंठा ग्रस्त सरकार है, क्योंकि आजादी के सत्ता आंदोलन में इनकी भूमिका शून्य रही. वो कॉम्प्लेक्स उन्हें है, इसलिए आजादी में शामिल नाम चाहे वो नेहरु जी का हो या गांधी जी यो चाहते है कि वो नाम न आए.
नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी को फौरी राहत मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी ने विभिन्न स्तरीय प्रदर्शन शुरू कर दिया है. संसद से लेकर सड़कों तक कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता इस राहत का स्वागत करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शन का मकसद सरकार के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करना और फौरी राहत पर अपनी खुशी जाहिर करना है. भूपेंद्र हुड्डा ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है, जो कांग्रेस का समर्थन करते हुए इस राहत को महत्वपूर्ण बताया.
हैदराबाद में कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय हेराल्ड मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को परेशान किए जाने की कड़ी निंदा की गई. यह प्रदर्शन पार्टी की राजनीतिक सक्रियता को दर्शाता है और वर्तमान घटनाक्रम की गंभीरता को उजागर करता है. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इस तरह के दमनपूर्ण कदम लोकतंत्र के लिए खतरा हैं और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए.
महाराष्ट्र में दिवंगत नेता राजीव सातव की पत्नी और विधान परिषद सदस्य (MLC) डॉ फुल स्टॉप प्रज्ञा सातव ने गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया. कांग्रेस का दावा है कि ये उनके नेता प्रतिपक्ष पद के दावे को कमजोर करने की साजिश करार दिया है.