शिरोमणि अकाली दल
शिरोमणि अकाली दल (SAD) पंजाब राज्य का एक राजनीतिक दल है. 1920 में कांग्रेस की स्थापना के बाद, यह भारत में दूसरी सबसे पुरानी पार्टी है (Shiromani Akali Dal Second Oldest Party of India). इसके अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल हैं. यह सिख धार्मिक निकायों, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (Shiromani Gurudwara Prabandhak Committee) और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति को नियंत्रित करता है और यह दुनिया भर में सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली सिख राजनीतिक दल है. अकाली दल का मूल दर्शन सिख मुद्दों को राजनीतिक आवाज देना था और यह माना जाता था कि धर्म और राजनीति साथ-साथ चलते हैं, लेकिन 1996 के मोगा सम्मेलन के बाद पार्टी ने एक उदार पंजाबी धर्मनिरपेक्ष एजेंडा अपनाया. 26 सितंबर 2020 को, उन्होंने किसानों के बिल को लेकर एनडीए छोड़ दिया.
अकाली दल का गठन 14 दिसंबर 1920 को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, सिख धार्मिक निकाय के एक टास्क फोर्स के रूप में किया गया था. अकाली दल खुद को सिखों का प्रमुख प्रतिनिधि मानता है. सरदार सरमुख सिंह चुब्बल इसके पहले अध्यक्ष थे (First President of Akali Dal). 1937 के प्रांतीय चुनाव में अकाली दल ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी. 1946 के प्रांतीय चुनाव में, अकाली दल ने 22 सीटें जीतीं और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ संघवादी खिजर हयात खान तिवाना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में शामिल हो गईं. 1966 में, पंजाब का गठन किया गया और मार्च 1967 में अकाली दल नए पंजाब में सत्ता में आया लेकिन यह सरकार जल्द गिर गई (History of Akali Dal).
अकाली दल से पंजाब के मुख्यमंत्री (Punjab Chief Ministers belonging to Akali Dal)
गुरनाम सिंह (17 फरवरी 1969 - 27 मार्च 1970)
प्रकाश सिंह बादल (27 मार्च 1970 - 14 जून 1971)
प्रकाश सिंह बादल (20 जून 1977 - 17 फरवरी 1980)
सुरजीत सिंह बरनाला (29 सितंबर 1985 - 11 जून 1987)
प्रकाश सिंह बादल (12 फरवरी 1997 - 26 फरवरी 2002)
प्रकाश सिंह बादल (1 मार्च 2007 - 16 मार्च 2017)
शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखदेव सिंह ढींडसा के निधन से पंजाब की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई है. इसी दौरान, सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने 2027 में मानसा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है, जो आगामी राजनीतिक हलचलों को लेकर चर्चा का विषय बन गया है. देखें पंजाब आजतक.
अमृतसर के छेहरटा साहिब गुरुद्वारा के बाहर जंडियाला गुरु के अकाली दल पार्षद हरजिंदर सिंह बहमन पर बाइक सवार युवकों ने दिनदहाड़े गोली चलाई, जिससे उनकी मौत हो गई. इससे पहले भी उनपर हमला हुआ था. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
रेलवे राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने अकाली नेता सुखबीर बादल पर हमले के आरोपी नारायण सिंह चौरा को 'कौम दे हीरे' की उपाधि देने की अपील की है, जिससे अकाली नेता भड़क गए हैं। बिट्टू ने चौरा के कृत्य को धार्मिक भावना से प्रेरित बताया, जबकि अकाली नेता बिक्रम मजीठिया ने उन्हें मानसिक रूप से अस्थिर करार दिया। इस बयान पर राजनीतिक हलकों में तकरार बढ़ गई है।
बिक्रम मजीठिया 10 अगस्त, 2022 को जमानत पर पटियाला जेल से बाहर आए थे. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि वह दोषी नहीं हैं, इसलिए मामले में वह जमानत के हकदार हैं. शिअद नेता पर राज्य में ड्रग रैकेट पर एसटीएफ की 2018 की रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज किया गया था.
बीजेपी का विरोध करके सुखबीर बादल यह दिखाना चाहते हैं कि उनका दल अब केंद्र सरकार की नीतियों के अधीन नहीं है. वे पंजाब के किसानों और सिख समुदाय के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैंं. पर पंजाब की जनता क्य उन पर भरोसा करने वाली है?
उत्तर प्रदेश के आगरा में आज शनिवार को करणी सेना की प्रस्तावित 'स्वाभिमान रैली' को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. राणा सांगा जयंती पर आयोजित यह जनसभा एतमादपुर क्षेत्र के गढ़ी रामी गांव में हो रही है. वक्फ (संशोधन) कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में शनिवार को भी हिंसा हुई, मुर्शिदाबाद में आज 2 लोगों की हत्या कर दी गई.
सुखबीर बादल को पहली बार 2008 में प्रकाश सिंह बादल के बाद शिअद का अध्यक्ष चुना गया था, तब से 2024 तक वह पार्टी प्रमुख के पद पर रहे. उन्होंने पिछले साल धार्मिक सजा 'तंखवा' का पालन करने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
शिरोमणि अकाली दल (SAD) की वर्किंग कमेटी ने एक बार फिर सुखबीर सिंह बादल के नाम पर मुहर लगा दी है. 12 अप्रैल को अमृतसर में होने वाली प्रतिनिधियों की बैठक में नए अध्यक्ष का चुनाव होगा, जिसमें 117 विधानसभा क्षेत्रों से आए 567 प्रतिनिधि मतदान करेंगे. पार्टी ने 23 अप्रैल को बठिंडा के तलवंडी साबो में एक बड़ा राजनीतिक सम्मेलन बुलाया है, जहां नवनिर्वाचित अध्यक्ष जनता को संबोधित करेंगे.
पंजाब में अकाली नेता विक्रम मजीठिया की सुरक्षा कम किए जाने को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है. अकाली दल ने आम आदमी पार्टी सरकार पर साजिश का आरोप लगाया है. पंजाब पुलिस का दावा है कि सुरक्षा पूरी तरह नहीं हटाई गई है, सिर्फ कम की गई है.
अकाली नेता बिक्रम मजीठिया को लेकर पंजाब में सियासत गरमा गई है. अकाली नेताओं ने मान सरकार पर आरोप लगाया है कि जानबूझकर मजीठिया की सुरक्षा को कम किया गया है, ताकि मूसेवाला हत्याकांड जैसी वारदात को फिर से अंजाम दिया जा सके. वहीं आम आदमी पार्टी की तरफ से भी इस मुद्दे पर सफाई दी गई है. देखें पंजाब आजतक.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने अकाली दल वर्किंग कमेटी के सदस्यों और सुखबीर बादल के मनाने के बाद अपना इस्तीफा वापस लेने की हामी भर दी है. देखिए पंजाब आजतक
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी (SGPC) कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक 17 मार्च को चंडीगढ़ स्थित कार्यालय में हुई.इस बैठक में एसजीपीसी प्रधान को लेकर बड़ा फैसला लिया गया. दरअसल इस बैठक में हरजिंदर सिंह धामी को इस्तीफा नामंजूर किया गया. देखिए पंजाब आजतक
शिरोमणि अकाली दल आंतरिक कलह और एसजीपीसी के कथित विवादित फैसले से गंभीर संकट में है. कई नेताओं के विरोध और इस्तीफे ने पार्टी नेतृत्व के सामने चुनौतियां खड़ी कर दी हैं. सुखबीर सिंह बादल के लिए एसजीपीसी नियंत्रण का सवाल अहम है. उधर बिक्रम सिंह मजीठिया के बयान की भी आलोचना हो रही है, और पार्टी की तरफ से उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जा सकता है.
शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने छह अन्य लोगों के साथ मिलकर इस फैसले का विरोध किया और कहा कि इससे सिखों की भावनाएं आहत हुई हैं और संगत की इच्छा की अनदेखी की गई है. एक संयुक्त बयान में उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के भीतर आंतरिक संघर्षों ने पंथिक एकता को नुकसान पहुंचाया है और विरोधी ताकतों को मजबूत किया है.
पंजाब में अरविंद केजरीवाल के काफ़िले को लेकर शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने उनपर निशाना साधा है. जानिए उन्होंने क्या कुछ कहा
SGPC चीफ हरजिंदर सिंह के समर्थन में ज्ञानी हरप्रीत सिंह के उतरने के बाद फिर पंजाब की पंथक पॉलिटिक्स में खलबली मच गई है. एक तरफ जहां अकाली दल ने आल इंडिया पंथक कन्वेंशन पर सवाल उठाया है तो दूसरी तरफ कन्वेंशन में शामिल सिख नेताओं ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह को लेकर दिए गए SGPC के फैसले का विरोध जताया है. देखें पंजाब आजतक.
शिरोमणि अकाली दल ने अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें यह दावा किया गया है कि केजरीवाल ने पंजाब को पूरी तरह से निचोड़ दिया है और वे अब दिल्ली लौट जाएं. पार्टी ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का कार्यालय केजरीवाल के करीबी लोगों द्वारा संचालित किया जा रहा है.
दिल्ली में केजरीवाल ने कल बैठक बुलाई है. इसमें पंजाब के सीएम भगवंत मान को भी बुलाया गया है. इस बीच शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत चीमा ने आजतक ने बात की. उन्होंने केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर तंज कसा है. देखिए उन्होंने क्या कुछ कहा.
निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह की अगुवाई में नई पार्टी के नाम का ऐलान हो गया है. पंजाब के मुक्तसर में एक रैली के दौरान समर्थकों ने पार्टी के नाम का ऐलान किया और कहा कि यह दल पंजाब और पंथ से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित होगा.
श्री अकाल तख्त साहिब के फरमान के बाद चंडीगढ़ में शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी की बैठक हुई. जिसमें सुखबीर बादल के इस्तीफे पर चर्चा की गई. साथ ही पंजाब में अकाली विरोधी ताकतों से निपटने की भी रणनीति बनाई गई. कोर कमेटी की मीटिंग के बाद अकाली नेताओं की तरफ से क्या कुछ कहा गया? देखें पंजाब आजतक.
तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर मुक्तसर निवासी गुरप्रीत सिंह ने उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इस आरोप के बाद ही शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह को अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोक दिया है.