आगरा में यमुना नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है.उफनती नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर है. यमुना की लहरें ताज महल के पास तक पहुंच चुकी हैं. नदी के किनारे बसे कई कस्बे, कॉलोनियां और गांव जलमग्न हो गए हैं. आगरा-मथुरा समेत यूपी के कई शहरों में यमुना की लहरें डरा रही हैं. हालांकि, दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है.
उत्तर प्रदेश के आगरा में यमुना नदी का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़कर 500.02 फीट पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान मात्र 499 फीट है. इससे नदी के किनारे बसे कई कस्बे, कॉलोनियां और गांव जलमग्न हो गए हैं. जिसमें राजश्री कॉलोनी, अमर विहार और कैलाश मंदिर शामिल है. कहीं-कहीं 3 से 5 फीट तक पानी जमा है. आधिकारिक जानकारी के अनुसार, रविवार को यमुना का जलस्तर 499.11 फीट था, जो लगातार बढ़कर 500 फीट को पार कर चुका है.
ताजमहल की दीवारों तक पहुंचा यमुना का पानी
ताज नगरी आगरा में यमुना नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया कि ताजमहल की दीवारों तक पानी पहुंच गया है. ये पहला मौका है जब 45 साल बाद यमुना ने ताजमहल की दीवारों को छू लिया. हालात ये हैं कि स्मारत के पीछे के बगीचे जलमग्न हो गए हैं. हर तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है.
पानी में डूबे घाट, कमर तक भरा पानी
आगरा में यमुना नदी ने अपने किनारों को तोड़ दिया है. ताजमहल के ठीक बराबर में दशहरा घाट है, जो पूरी तरह डूब गया है. दशहरे घाट पर आने-जाने का प्रतिबंध लगा दिया गया है. अनुमान है कि आगरा में लगभग तीस हज़ार लोग इस बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं और जबकि हजारों एकड़ कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में आ गई है. जिससे किसानों के काफी नुकसान पहुंचा है.

47 साल बाद आगरा में ये पहली बार है जब यमुना का पानी इतने वेग से बह रहा है. हालात ये है कि कैलाश घाट, पोइया घाट, बलकेश्वर घाट, हाथी घाट, कचहरी घाट और दशहरा घाट ये सभी डूब चुके हैं. श्मशान घाट में भी यमुना का पानी भर गया है. ताजगंज से जो रास्ता श्मशान घाट के लिए जाता है, वहां सड़क पर लगभग कमर तक पानी आ गया है.
मथुरा में बाढ़, गलियों में चल रही नाव
कृष्ण की नगरी मथुरा में भी यमुना का पानी बाजारों में घुसने लगा है. गलियों में इतना पानी है कि नाव चलाने की नौबत आ गई है. मथुरा में सड़कों पर सैलाब है, गलियां तालाब बन गई हैं. रस्सी के सहारे लोग इस पार से उस पार जा रहे हैं. यमुना किनारे के बाजार में घुटने तक पानी हैं, दुकानें डूबी हुई हैं.
मथुरा में सड़कें जलमग्न, कॉलोनियों में भरा पानी
मथुरा में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जलभराव के चलते कई गांवों में हालात बेकाबू हो गए हैं. सड़कें जलमग्न हो गईं हैं और कॉलोनियों में पानी भर गया है. प्रशासन की ओर से एहतियातन 8 सितंबर को स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है.
मथुरा में गंगा उफनाई है तो प्रयागराज में गंगा हिलोरे मार रही है. वाराणसी में भी गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है एक बार फिर से वाराणसी में गंगा के घाट डूबे हुए दिखाई दे रहे हैं. यूपी में सितंबर में शहर-शहर सैलाबी संकट देखने को मिल रहा है.
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दिल्ली में घटने लगा यमुना का पानी
यमुना के जलस्तर में कमी का असर कालिंदी कुंज घाट पर भी आया नजर है. कालिंदी कुंज घाट पर पानी 7 से 8 फीट तक कम हो गया है. बाढ़ नियंत्रण बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी का जलस्तर सोमवार सुबह सात बजे घटकर 205.22 मीटर पर आ गया है, जबकि एक दिन पहले यह खतरे के निशान 205.33 मीटर पर था.
बता दें कि पिछले गुरुवार को दिल्ली में यमुना का जलस्तर 207.48 मीटर तक पहुंच गया था. जिससे नोएडा के भी कई इलाके जलमग्न हो गए थे. जैसे-जैसे यमुना का जलस्तर घटता जाएगा, लोग जल्द ही राहत शिविरों से अपने घरों को लौटने लगेंगे. उनके लिए अगली चुनौती अपने घरों की सफाई और अपने काम-धंधे फिर से शुरू करने की होगी.