अगस्त-सितंबर 2025 में हो रही लगातार बारिश की वजह से दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ का संकट गहरा गया है. यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच चुका है, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है. बचाव टीमें नावों के सहारे लोगों को लगातार सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है(Delhi Flood).
साथ ही हथिनीकुंड और वजीराबाद बैराज से छोड़े गए पानी के कारण भी दिल्ली के निचले इलाके पूरी तरह डूब गए हैं. झरोड़ा कलां, मयूर विहार और यमुना बाजार जैसे क्षेत्रों में घरों में पानी घुस गया है.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) ने दिल्ली की स्थिति पर 24 घंटे नजर रखने की बात कही है.
दिल्ली में पिछले साल जुलाई 2023 में भी इसी तरह अत्यधिक बारिश होने के कारण हालात खराब हो गए थे. यमुना नदी में जलस्तर बढ़ गया, जिसकी वजह से पूरे दिल्ली-एनसीआर को बाढ़ का सामना करना पड़ा था (Delhi-NCR Flood 2023).
सड़कों से लेकर गलियों तक में पानी भरा हुआ है. कई इलाकों में जन- जीवन पूरी तरह से ठप हो गया. यमुना नदी का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से सड़कें दरिया में बदल गईं. घरों, अस्पतालों और शेल्टर होम में पानी घुस गया है, जिसके कारण लोगों का यहां रहना मुश्किल हो रहा है.
दिल्ली में जैसे-जैसे शहर बढ़ता गया, यमुना और बस्तियों के बीच की दूरी कम होती गई. आज स्थिति यह है कि जिन इलाकों में बाढ़ आई है, वे वास्तव में यमुना में ही बसे हुए हैं. सैटेलाइट तस्वीरों में ये इलाके सीधे नदी के तल में घुसे हुए दिखाई देते हैं.
जापान का G-CANS अंडरग्राउंड सिस्टम बाढ़ से बचाव का शानदार मॉडल है. 5 विशाल साइलो अतिरिक्त पानी इकट्ठा करते हैं. सुरंगें 6.3 किमी ले जाती हैं. स्टोरेज टैंक में रखा जाता है. फिर 78 पंप नदी में निकाल दिया जाता है. 50 मीटर गहरा, 67 हजार क्यूबिक मीटर क्षमता है. भारत के शहरों के लिए उपयोगी, लेकिन महंगा प्रोजेक्ट है.
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. यमुना का पानी खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर 207.48 मीटर पर पहुंच गया है, जिससे 1978 और 2013 का रिकॉर्ड टूट गया है. बाढ़ का पानी दिल्ली सचिवालय तक पहुंच गया है, जो मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के दफ्तर के करीब है. देखें बाढ़ से घिरी दिल्ली की तस्वीरें.
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से निगमबोध घाट परिसर की दीवार गिरने के बाद बाढ़ का पानी तेजी से अंदर दाखिल हो गया. गीता कॉलोनी क्रिमिनेशन ग्राउंड में भी हालात बेहद खराब हैं, जहां चिताओं तक यमुना का पानी पहुंच गया है. रिंग रोड पर भी पानी पहुंचने लगा है, जिससे राजघाट से कश्मीरी गेट आने वाले मार्ग पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है. सिविल लाइन्स और बेला रोड जैसे वीवीआईपी इलाकों में भी जलभराव की स्थिति बनी. दिल्ली के रिहायशी इलाकों में कैसे भरने लगा यमुना का पानी, जानें
देश की राजधानी दिल्ली में बाढ़ के बीच मयूर विहार में बनाए गए राहत शिविरों में भी पानी घुस गया है. यमुना नदी पर कई घाट बंद कर दिए गए हैं और ज्यादातर घाट जलमग्न हो चुके हैं. इस पर दिल्ली सरकार खुद सवालों के घेरे में आ चुकी है.
दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही है. आईटीओ, कश्मीरी गेट, सचिवालय और मयूर विहार जैसे कई इलाके जलमग्न हैं. सिविल लाइन्स की सड़कों पर नाव चल रही है. यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन बंद कर दिया गया है और सिग्नेचर से राजघाट तक ट्रैफिक रोका गया है. अब तक 40 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया है.
दिल्ली में यमुना नदी का पानी घट रहा है लेकिन उत्तर प्रदेश के कई शहरों में नदी की लहरें तेज हैं. आगरा में ताजमहल की पिछली दीवार तक सैलाबी पानी दस्तक दे रहा है. आगरा में पानी कई निचले इलाकों को चपेट में ले चुका है. आगरा और मथुरा समेत यूपी के कई शहरों में नदी के पानी की धार तेज है.
दिल्ली एनसीआर में लगातार बारिश और यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण हालात गंभीर बने हुए हैं. रिहायशी इलाकों के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बहादुरगढ़ में मारुति कंपनी का स्कॉट यार्ड पूरी तरह से पानी में डूब गया है. यहां खड़ी 150 से ज़्यादा गाड़ियां जलमग्न हो गई हैं.
भारत 10 सालों में बाढ़ का बड़ा केंद्र बना है. देश की कुल जमीन का 10 फीसदी हिस्सा अब इसकी चपेट में आ रहा है. हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और पंजाब में लोगों ने इस बार देखा कि कैसे प्रकृति बदला लेती है. भारी बारिश, कमजोर बांध और अतिक्रमण मुख्य कारण रहे है. मजबूत बांध, ड्रेनेज सुधार और चेतावनी सिस्टम से बाढ़ रोकी जा सकती है.
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पंजाब के फिरोजपुर जिले में बाढ़ से भारी तबाही हुई है, खासकर गट्टी राजू के सीमावर्ती गांवों में. सतलुज नदी का कहर जारी है, जिससे सैकड़ों गांव जलमग्न हैं और आवाजाही बाधित है. इस गंभीर स्थिति में, सीमा सुरक्षा बल (BSF) की 155 बटालियन राहत कार्यों में सक्रिय रूप से जुटी हुई है.
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देश के कई राज्यों में भारी बारिश और नदियों में उफान की वजह से बाढ़ की स्थिति बिगड़ रही है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का पानी डरा रहा है तो वहीं, पंजाब में बाढ़ से हाहाकार मचा है. सतलुज, ब्यास और रावी समेत 24 नदियों के रौद्र रूप से गंभीर बाढ़ की स्थिति है.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली और केंद्र की भाजपा सरकारों अपील की कि राहत व्यवस्था को राजनीति से ऊपर रखकर देखें, क्योंकि यह मानवीय संकट है, और इसमें देरी का मतलब है जनता को और तकलीफ देना है.
मथुरा का विश्राम घाट जहां पर भगवान कृष्ण ने कंस का वध कर विश्राम किया था वह बाढ़ की चपेट में है. जहां बाढ़ का पानी पांच फीट तक भर चुका है.
दिल्ली में बाढ़ की तस्वीरें और यमुना का बढ़ता जलस्तर एक बार फिर पुराने दौर की याद दिला रहा है. खासकर 1978 की वह भीषण बाढ़, जिसने राजधानी की रफ्तार थाम दी थी और लोगों को नावों के सहारे सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाना पड़ा था. आइए जानते हैं उस दौर में हालात कैसे थे और शहर ने किस तरह मुश्किलों का सामना किया.
दिल्ली में यमुना नदी उफान पर है और इसके साथ ही बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव हो गया है. रिंग रोड के पास सिविल लाइन्स की ओर जाने वाले रास्ते पर भारी जलभराव देखा गया. तस्वीरों में एक बस पूरी तरह से पानी में फंसी हुई दिखाई दी. रिंग रोड से कुछ ही दूरी पर, आईएसबीटी से हरियाणा की ओर जाने वाले रास्ते पर भी बसें फंसी हुई हैं. अलग-अलग स्थानों पर ट्रैफिक बहुत धीमी गति से चल रहा है. देखें रिपोर्ट.
Delhi Yamuna Flood: दिल्ली में यमुना का पानी अब पॉश इलाकों में भी घुस रहा है.दिल्ली के कश्मीरी गेट ISBT से लेकर ITO रोड तक सड़कों पर दरिया बह रहा है. इधर, कालिंदी कुंज में भी यमुना रौद्र रूप में बह रही है. इस बीच मौसम विभाग ने आज, 5 सितंबर के लिए भी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है.
हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. प्रशासन ने यमुना के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को मयूर विहार में बसाई गई टेंट सिटी में स्थानांतरित किया है. हालांकि, यहां रहने वाले लोग खाने की कमी और जलजनित बीमारियों के खतरे को लेकर चिंतित हैं.
यमुना के रौद्र रूप से यमुना बाजार, सिविल लाइन्स, गीता कॉलोनी, मजनू का टीला, कश्मीरी गेट, मयूर विहार, वासुदेव घाट, निगम बोध घाट, मॉनेस्ट्री और मजनूं का टीला समेत कई इलाके पानी में डूबे नजर आ रहे हैं.