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'पाकिस्तान को FATF के ग्रे लिस्ट में डालने की तैयारी...', भारत का ग्लोबल कैंपेन

भारत ने अमेरिका, दक्षिण कोरिया और बहरीन में सक्रिय कूटनीतिक कोशिशें शुरू की हैं, जिनका मकसद पाकिस्तान की आतंकवाद में भूमिका को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर कर उसे दोबारा FATF की ग्रे लिस्ट में डालना है. यह पहल राजनीतिक एकता और वैश्विक सहयोग की मिसाल है, जिससे आतंक के खिलाफ वित्तीय और कूटनीतिक दबाव बढ़ाया जा सके.

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भारत पीकिस्तान को एक बार फिर FATF की लिस्ट में डलवाने की कोशिश कर रहा है (Photo- AP)
भारत पीकिस्तान को एक बार फिर FATF की लिस्ट में डलवाने की कोशिश कर रहा है (Photo- AP)

भारत ने हाल ही में कई देशों में एक कूटनीतिक कोशिशें शुरू की हैं ताकि पाकिस्तान की आतंकवाद की भूमिका को वैश्विक मंचों पर उजागर किया जा सके. अमेरिका, दक्षिण कोरिया और बहरीन जैसे देशों में सात प्रतिनिधिमंडल सक्रिय रूप से वैश्विक नेताओं, थिंक टैंकों और नीति निर्धारक संस्थाओं से चर्चा कर रहे हैं. इन टीमों में विभिन्न राजनीतिक दलों और समुदायों के सदस्य शामिल हैं, जो भारत का एक संयुक्त नजरिया दुनिया के सामने पेश कर रहे हैं.

इस पहल का मकसद पाकिस्तान को फिर से FATF की ग्रे लिस्ट में डालना है. अक्टूबर 2022 में, FATF ने चार सालों की निगरानी के बाद पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाया था, लेकिन भारत का दावा है कि पाकिस्तान ने इस दौरान आतंकवाद के समर्थन में अपने कदमों में सुधार नहीं किया. भारत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं जैसे IMF और विश्व बैंक से मांग कर रहा है कि वे पाकिस्तान द्वारा विदेशी सहायता के दुरुपयोग की जांच करें.

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पाकिस्तान 18% रक्षा पर कर रहा खर्च!

भारत ने FATF को पेश करने के लिए पाकिस्तान के टेरर फंडिंग के ठोस और पूरे सबूतों का एक दस्‍तावेज तैयार किया है. इस दस्तावेज में पाकिस्तान की सरकार द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों को मिल रही वित्तीय सहायता के सबूत शामिल हैं. भारत के मुताबिक, पाकिस्तान अपने कुल बजट का लगभग 18% रक्षा और सैन्य सेवाओं पर खर्च करता है, जोकि विश्व में संघर्ष प्रभावित देशों के औसत से काफी अधिक है.

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इनके अलावा, पाकिस्तान के हथियार आयात में भारी वृद्धि देखने को मिली है, जो अर्थव्यवस्था की कमजोर स्थिति के बावजूद उसके सैन्य विस्तार की प्राथमिकता को दर्शाता है. भारत ने यह भी बताया कि IMF से मिली मदद के वर्षों में हथियारों के आयात में 20% तक की बढ़ोतरी हुई है, जो वित्तीय मदद का दुरुपयोग है.

जम्मू कश्मीर पर भारतीय सांसद कर रहे चर्चा

जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर भी भारत ने अपनी बात रखी है. पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद ने इस क्षेत्र में शांति और विकास को लेकर सकारात्मक बदलाव पर जोर दिया, जबकि पाकिस्तान इस स्थिरता को बिगाड़ने के लिए आतंकवादी हमलों का सहारा ले रहा है.

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भारत की ये पहल न सिर्फ राजनीतिक एकता की मिसाल है, बल्कि यह वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ वित्तीय और कूटनीतिक दबाव बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है. आगामी FATF बैठक में इस पूरे दावे को पेश कर भारत पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय जांच के दायरे में लाने की कोशिश करेगा.
 

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