बिहार में महिला डॉक्टर डॉक्टर नुसरत परवीन के साथ हुई शर्मनाक घटना के बाद झारखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी ने उन्हें झारखंड स्वास्थ्य सेवा में 3 लाख रुपये मासिक वेतन, मनचाही पोस्टिंग, सरकारी आवास और पूर्ण सुरक्षा के साथ नौकरी का प्रस्ताव दिया है. एक बयान में उन्होंने कहा कि नियुक्ति मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के स्तर पर कराई जाएगी, ताकि उन्हें सम्मान और सुरक्षा दोनों का भरोसा मिल सके.
इरफान अंसारी ने अपने बयान में कहा, "बिहार की महिला चिकित्सक डॉ. नुसरत परवीन के साथ हुई अमर्यादित, अमानवीय और दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया है. जिस तरह एक डॉक्टर, एक बेटी और एक महिला के साथ अपमान, अभद्रता और हिजाब खींचने जैसी शर्मनाक हरकत की गई, वह केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं बल्कि मानव गरिमा, इज्जत और संविधान पर सीधा प्रहार है."
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झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा, "मैं पहले एक डॉक्टर हूं, फिर मंत्री. किसी डॉक्टर, बेटी या महिला के सम्मान से समझौता झारखंड में संभव नहीं है. एक डॉक्टर के साथ हुई यह अमर्यादित घटना हम सभी मेडिकल कर्मियों को गहराई से आहत करती है. हम महसूस कर सकते हैं कि उस बच्ची और उसके परिवार पर क्या बीत रही होगी."
नीतीश कुमार ने खींचा महिला का हिजाब
पटना में 15 दिसंबर को एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियुक्ति पत्र देते समय मुस्लिम आयुष डॉक्टर नुसरत परवीन का हिजाब सार्वजनिक रूप से हटा दिया था. यह पूरी घटना कैमरे में रिकॉर्ड हो गई और वीडियो सामने आते ही देश-विदेश में नाराजगी फैल गई.
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हिजाब खींचने की घटना पर चौतरफा विरोध
कांग्रेस और आरजेडी समेत कई विपक्षी दलों ने इसे महिला की गरिमा का अपमान बताया और मुख्यमंत्री के व्यवहार पर सवाल उठाए. शुरुआती खबरों में कहा गया था कि अपमानित महसूस करने के कारण डॉक्टर नुसरत परवीन ने नौकरी लेने से इनकार कर दिया है, लेकिन 20 दिसंबर को आधिकारिक सूत्रों ने साफ किया कि वह सरकारी तिब्बी कॉलेज में अपनी पोस्ट जॉइन करेंगी.