
कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को 45 दिन से ज्यादा हो चुके हैं. आंदोलन के दौरान कई किसानों की मौत भी हो चुकी है. अब इसी के मद्देनजर सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर हो रही है. तस्वीर में नीली पगड़ी पहने एक बुजुर्ग व्यक्ति एक उबड़-खाबड़ जगह पर अचेत पड़ा हुआ है. देखने में ऐसा लग रहा है कि उसकी मौत हो गई है. दावा किया जा रहा है कि किसान आंदोलन में आज (8 जनवरी को) एक और किसान का निधन हो गया है.
8 जनवरी को एक फेसबुक यूजर ने इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा, "आज एक और किसान आंदोलन में शहीद हो गया शहीद किसान को सत सत नमन जीतेगा किसान हारेगा अभिमान."
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि पोस्ट में कही जा रही बात पूरी तरह से सही नहीं है. इस किसान की मौत मौजूदा किसान आंदोलन में नहीं बल्कि जुलाई 2020 में बठिंडा में हुई थी. ये व्यक्ति पंजाब सरकार के बठिंडा थर्मल प्लांट को बंद करने के आदेश का विरोध कर रहा था और कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई थी.
फेसबुक पर इस फोटो को अभी चल रहे किसान आंदोलन से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. ट्विटर पर भी ये पोस्ट मौजूद है. वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
कैसे पता की सच्चाई?
तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें पंजाब में आम आदमी पार्टी की एक विधायक सरबजीत सिंह मनुके की फेसबुक पोस्ट मिली. पोस्ट में वायरल तस्वीर सहित घटनास्थल की कुछ और तस्वीरें भी मौजूद थीं. सरबजीत की पोस्ट में लिखा था कि बठिंडा स्थित श्री गुरु नानक देव थर्मल प्लांट के बंद होने पर किसान यूनियन के एक वरिष्ठ नेता ने धरना दिया, जिसमें उसकी मौत हो गई. पोस्ट में थर्मल प्लांट को बंद करने के पंजाब सरकार के फैसले की आलोचना भी की गई है. सरबजीत ने ये पोस्ट 1 जुलाई 2020 को साझा की थी.
इस घटना के बारे में हमें पंजाबी भाषा में एक खबर भी मिली. यहां बताया गया था कि व्यक्ति का नाम जोगिंदर सिंह था और वो पंजाब के संगरूर जिले के चीमा गांव का रहने वाला था.
खोजने पर हमें इस व्यक्ति की मौत को लेकर 'द इंडियन एक्सप्रेस' और 'पंजाब केसरी' की खबरें भी मिलीं. यहां दी गई जानकरी के अनुसार, जोगिंदर सिंह 1 जुलाई को सुबह सात बजे बठिंडा थर्मल प्लांट पर धरना देने बैठे थे. तीन घंटे बाद वो उसी जगह पर मृत पाए गए.
जोगिंदर के पास से किसान यूनियन का एक झंडा और एक पोस्टर मिला था. पोस्टर पर लिखा था कि जोगिंदर थर्मल प्लांट की जमीन को बेचे जाने के फैसले के खिलाफ हैं और विरोध में अपनी जान कुर्बान कर रहे हैं. इसी के चलते कुछ लोगों ने आशंका जताई थी कि जोगिंदर ने आत्महत्या की है. जोगिंदर के बेटे का कहना था उनके पिता भारतीय किसान यूनियन (उग्राहां) के सक्रिय सदस्य थे और बहुत भावुक व्यक्ति थे.
यहां ये कहा जा सकता है कि तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति एक किसान ही था लेकिन उसकी मौत मौजूदा किसान आंदोलन में नहीं, बल्कि छह महीने पहले ही हो गई थी.
ये तस्वीर एक किसान की है जिसकी हाल ही में किसान आंदोलन के दौरान मौत हो गई.
इस किसान की मौत मौजूदा किसान आंदोलन में नहीं, बल्कि जुलाई 2020 में बठिंडा में हुई थी. ये व्यक्ति बठिंडा थर्मल प्लांट को बंद करने खिलाफ धरने पर बैठा था और कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई थी.