पिछले दिनों वरुण धवन अपनी फिल्म ‘बवाल’ की शूटिंग के लिए कानपुर गए थे. वहां एक सीन में बुलेट चलाते उनकी तस्वीर आई तो पुलिस ने उस दोपहिया का चालान काट दिया. यही नहीं शूटिंग से जुड़ी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर लीक भी हो गईं. इन सबसे वरुण खासे नाराज बताए जाते हैं. कानपुर में शूटिंग के वरुण के अनुभव ठीक नहीं रहे और टीम ने समय से पहले ही शहर से पैकअप कर लखनऊ का रुख कर लिया.
ऐसे समय में जब यूपी में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार मायानगरी का विकल्प बनाने का सपना संजोये हो, इस तरह की घटनाएं अच्छा संकेत नहीं हैं. बवाल हुआ तो प्रशासन को अपनी गलती का एहसास हुआ. आनन-फानन में चालान रद्द किया गया. लेकिन मुंबई के फिल्म जगत तक मैसेज तो पहुंच ही गया. यूपी फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष राजू श्रीवास्तव भी इस प्रकरण से चिंतित नजर आए.
aajtak.in से बातचीत में राजू श्रीवास्तव ने माना कि 'यूपी फिल्म विकास परिषद के चेयरमैन होने के नाते यहां की शूटिंग की जिम्मेदारी उनकी है. उन्होंने कहा कि मैंने वहां के अधिकारियों से बातचीत की है. हां, कुछ गलतफहमी हो गई थी. उनको लगा कि वरुण बगैर हेलमेट के हैं. हालांकि मामला सुलझ गया है. अब तो पुलिस ने भी चालान वापस कर दिया है.
राजू ने कहा कि वे इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बातचीत करेंगे. उन्होंने कहा कि हम फिल्मवालों के लिए यूपी में फ्रेंडली माहौल देने की पुरजोर कोशिश करेंगे. आज हर दूसरी-तीसरी फिल्म यूपी के बैकड्रॉप पर ही बन रही है. यहां कई फिल्में शूट हो रही हैं. पिछले कुछ सालों में काफी सुधार आया है. सिंगल विंडो पर परमिशन तुरंत मिल जाती है. हम पूरा ध्यान रखते हैं कि स्थानीय प्रशासन परेशान करने के बजाय प्रोडक्शन को सपोर्ट करे. ये गलती तो हुई है, लेकिन अब इसे सुधार दिया है.
राजू कहते हैं कि फिल्म विकास परिषद को ही सब्सिडी बांटने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. हम फिल्मवालों की सब्सिडी ही क्लियर कराने में लगे हुए हैं. पिछले महीने ही हमने 43 फिल्ममेकर्स को उनकी सब्सिडी सौंपी है. काशी में बाकायदा एक फंक्शन अरेंज कर करीब 25 करोड़ रुपये की राशि बांटी है.
राजू ने कहा कि नोएडा में जो फिल्मसिटी बननी है, वो बनकर तैयार होने के बाद चीजें और आसान हो जाएंगी. हम केवल हिंदी ही नहीं बल्कि अलग भाषाओं के फिल्म मेकर्स को भी इनवाइट कर रहे हैं कि यूपी में आप आकर शूटिंग करें. हम सारी सुख सुविधाएं देंगे. हम तो चाहते हैं कि ऐसा माहौल बने कि मराठी फिल्में भी यहीं आकर शूट हों. अब आप ही देखें, मुंबई की फिल्मसिटी का जो हश्र है, उसकी खराब मेंटेनेंस की वजह से मेकर्स शहर के आउटस्कर्ट्स में जाकर सेट बना रहे हैं. फिल्म सिटी के कई हिस्से अब खाली पड़े रहते हैं.