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Operation Romeo Review: कहानी फ्रेश लेकिन डायरेक्शन में बिखराव, दमदार एक्टिंग के लिए वन टाइम वॉच है फिल्म

नीरज पांडेय के प्रोडक्शन तले बनी फिल्म ऑपरेशन रोमियो आज के दौर पर सटीक बैठती है. मॉरल पोलिसिंग को लेकर कंफ्यूज्ड यूथ इस फिल्म को देखकर सबक ले सकते हैं. फ्रेश सब्जेक्ट की वजह से एक बार यह फिल्म देखी जा सकती है.

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ऑपरेशन रोमियो
ऑपरेशन रोमियो
फिल्म:ऑपरेशन रोमियो
3/5
  • कलाकार : शरद केलकर, किशोर कदम, भूमिका चावला, सिद्धांत गुप्ता, वेदिका पिंटो
  • निर्देशक :शशांत शाह 

मॉरल पुलिसिंग हमारे देश का एक ऐसा इश्यू रहा है, जिसपर शायद ही कभी कोई बात हुई हो या कह लें इसे समाज में 'इश्यू' ही समझा गया हो. हमारे समाज में ऐसे कई ठेकेदार हैं, जो मॉरल पुलिसिंग के नाम पर आस-पास के लोगों को हैरेस करते रहे हैं. नीरज पांडेय के प्रोडक्शन तले बनी फिल्म ऑपरेशन रोमियो भी इसी सब्जेक्ट पर आधारित है. फिल्म मलयालम की इश्क नॉट ए लव स्टोरी की आधिकारिक रीमेक है. 

स्टोरी

स्टोरी मुंबई के एक कपल आदित्य(सिद्धांत गुप्ता) नेहा (वेदिका पिंटो) के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्हें रात में अपनी कार में रोमांस करने के दौरान दो पुलिस वाले पकड़ लेते हैं. ये पुलिस वाले उन्हें रातभर परेशान करते हैं. अपनी गर्लफ्रेंड की नजर में लूजर बने आदित्य शरद से बदला लेने की ठानता है. क्या वो वाकई उन पुलिस वालों को मजा चखा पाता है और नेहा-आदित्य की लवस्टोरी आगे क्या मोड़ लेती है. यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी. 

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डायरेक्शन ऐंड टेक्निकल 
शशांत शाह बतौर डायरेक्टर इस फ्रेश सब्जेक्ट के साथ बखूबी खेल सकते थे. सब्जेक्ट इतनी दमदार है कि फिल्म छोटी बजट होने के बावजूद अपनी छाप छोड़ सकती थी. डायरेक्शन में बिखराव का असर इस स्ट्रॉन्ग सब्जेक्ट पर भी साफ पड़ा है. फर्स्ट हाफ में कपल के बीच प्यार स्टैबलिशमेंट को लंबा खींचा गया है. एडिटिंग में कसाव की जरूरत थी. फिल्म के कुछ दृश्य लोगों के सामने खींचने की जरूरत थी, ताकि लोगों में फिल्म देखने की इच्छा हो. शरद केलकर और किशोर कदम की एंट्री कहानी में रोमांच पैदा करती है. सेकेंड हाफ स्टोरी के ट्विस्ट एंड टर्न इसे इंट्रेस्टिंग बनाते हैं. खासकर इसका क्लाइमैक्स आपको सरप्राइज कर सकता है. सिनेमैटोग्राफी की बात करें, तो फिल्म 90 प्रतिशत रात के अंधेरे में शूट हुई है. सिनेमैटोग्राफर हरि नायर ने मुंबई की रात को स्क्रीन पर बेहतर तरीके से प्रेजेंट किया है. सब्जेक्ट इंटेंस होने की वजह से फिल्म में ज्यादा गाने का स्कोप नहीं रखा गया था. 

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एक्टिंग 
शरद केलकर ने एक बार फिर अपनी दमदार परफॉर्मेंस से साबित कर दिया है कि एक्टिंग में उनका कोई सानी नहीं. शरद के किरदार को देख होने वाली खीझ उनकी बेहतरीन एक्टिंग का परिमाण है. वहीं जाने-माने मराठी थिएटर एक्टर किशोर कदम भी पुलिस कॉन्स्टेबल की भूमिका को जी जाते हैं. फिल्म में अगर किसी ने सरप्राइज किया है, तो वो हैं सिद्धांत गुप्ता. सिद्धांत की अबतक की बेस्ट परफॉर्मेंस रही है. वेदिका पिंटो के पास डायलॉग कम होने के बावजूद उनके एक्सप्रेशन कमाल के रहे हैं. भूमिका चावला मराठी हाउसवाइफ के रोल में डिसेंट लगी हैं. 


क्यों देखें
शरद केलकर के फैन के लिए यह फिल्म ट्रीट है. आपने उन्हें विलेन के किरदार में तो कई बार देखा होगा लेकिन इसमें उन्होंने अपना बेंचमार्क सेट किया है. दमदार एक्टिंग और फ्रेश कंटेंट के लिए इस फिल्म को एक बार देखा जा सकता है.  

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