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ट्रक ड्राइवर किडनैपिंग केस: पूजा खेडकर के पिता और बॉडीगार्ड लापता, पुलिस को धमकी देकर मां भी फरार

नवी मुंबई के ट्रक चालक अपहरण का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में ट्रक चालक को पुलिस ने भले ही बरामद कर लिया है, लेकिन आरोपी पूजा खेडकर के माता-पिता अपने बॉडीगार्ड के साथ गायब हैं. पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है.

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खेडकर परिवार पर लगा अपहरण और पुलिस को धमकाने का आरोप. (File Photo: ITG)
खेडकर परिवार पर लगा अपहरण और पुलिस को धमकाने का आरोप. (File Photo: ITG)

महाराष्ट्र के नवी मुंबई में ट्रक ड्राइवर किडनैपिंग केस में आरोपी पूर्व आईएएस पूजा खेडकर का परिवार लगातार विवादों में है. बताया जा रहा है कि उनके आरोपी पिता दिलीप खेडकर और बॉडीगार्ड प्रफुल सालुंखे रविवार से कार सहित फरार हैं. इतना ही नहीं उनकी मां मनोरमा भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. पुलिस तीनों की तलाश में जुटी हुई है. राहत की बात ये है कि पीड़ित ड्राइवर को पुलिस ने बरामद कर लिया है.

यह सनसनीखेज मामला शनिवार शाम नवी मुंबई के मुलुंड-ऐरोली रोड पर हुआ. 22 साल के प्रह्लाद कुमार नामक ट्रक ड्राइवर अपने कंक्रीट मिक्सर ट्रक को चला रहा था. इसी दौरान उसका वाहन एक लैंड क्रूजर से टकरा गया. इसके बाद दोनों पक्षों में बहस हुई और अचानक कार में सवार दिलीप खेडकर और उनके बॉडीगार्ड ने कुमार को जबरन कार में बैठा लिया. इसके पीछे मकसद कार को हुए नुकसान की भरपाई करवाना था.

हालांकि, सोमवार को पुलिस ने ड्राइवर को अपहरण के कुछ घंटे बाद पूजा खेडकर के घर से छुड़ा लिया, लेकिन इसके बाद से आरोपी फरार हैं. इस दौरान खेडकर परिवार की भूमिका लगातार संदेह के घेरे में है. रविवार को जब पुलिस आरोपी पिता और बॉडीगार्ड को पकड़ने के लिए पुणे के बानेर इलाके में स्थित खेडकर के बंगले पर पहुंची, तो वहां पूजा की मां मनोरमा खेडकर ने पुलिसकर्मियों को बाहर ही रोक दिया.

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पुलिस का कहना है कि मनोरमा खेडकर ने उनको आश्वासन दिया कि वो अगले दिन दोपहर तीन बजे तक दोनों आरोपियों को चतुश्रृंगी पुलिस स्टेशन ले आएंगी. इस वादे पर भरोसा कर पुलिस टीम वहां से लौट गई. लेकिन जब तय समय पर पुलिस ने फोन किया, तो उन्होंने आने से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं पुलिस को धमकी भरे लहजे में कहा कि वो जो करना चाहें कर लें. इसके बाद पुलिस बंगले पर पहुंची.

वहां न केवल दोनों आरोपी और कार गायब मिले, बल्कि पुलिस को डराने के लिए मनोरमा ने गेट के अंदर दो खतरनाक कुत्ते भी छोड़ दिए. यही नहीं आरोप है कि मनोरमा ने कार को हटाने और आरोपियों को फरार कराने में सक्रिय भूमिका निभाई. एक पुलिस अधिकारी की शिकायत पर मनोरमा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. इनमें धारा 221 भी शामिल है.

इसके बाद पुणे पुलिस और नवी मुंबई पुलिस की संयुक्त टीम ने सोमवार को एक बार फिर बंगले पर छापा मारा. लेकिन इस बार मनोरमा भी वहां से लापता पाई गई. चतुश्रृंगी थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक उत्तम भजनवाले ने बताया कि टीम को अंदर जाने के लिए गेट फांदना पड़ा, लेकिन परिसर खाली मिला. यह मामला अब सिर्फ अपहरण का नहीं रहा, बल्कि रसूख, दबाव और कानून को चकमा देने से जुड़ गया है. 

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