पंजाब में गैंगस्टर कल्चर ने एक बार फिर अपनी मौजूदगी का एहसास करा दिया है. मोहाली में कबड्डी टूर्नामेंट के दौरान कबड्डी खिलाड़ी र कंवर दिग्विजय उर्फ राणा बलाचौरिया की सरेआम गोली मारकर हत्या ने पूरे राज्य को झकझोर दिया. खेल के मैदान में हुई इस हत्या ने साफ कर दिया कि पंजाब में कबड्डी अब सिर्फ खेल नहीं रह गई, बल्कि गैंगस्टरों के दबदबे, वर्चस्व और वसूली का बड़ा जरिया बन चुकी है.
इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद बंबीहा गैंग ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इसकी जिम्मेदारी ली थी. उस पोस्ट में दावा किया गया था कि राणा बलाचौरिया लॉरेंस बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया के लिए काम करता था. गैंग ने आरोप लगाया कि उसने सिद्धू मूसेवाला के कातिल को पनाह दी थी और उसी का बदला लेने के लिए उसकी हत्या की गई है. इस दावे ने मामले को और ज्यादा संवेदनशील बना दिया.
हालांकि, पुलिस जांच में कहानी कुछ और ही निकली. जांच में सामने आया कि इस हत्याकांड के पीछे डोनी बाल और लकी पटियाल गैंग का हाथ था. पुलिस के मुताबिक यह गैंग पंजाब में हो रहे कबड्डी टूर्नामेंटों पर अपना दबदबा कायम करना चाहता था. गैंग को शक था कि राणा बलाचौरिया जेल में बंद गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया का करीबी है. इसी वजह से उसे निशाना बनाया गया. उसे दिनदहाड़े मार दिया गया.

पुलिस ने इस मामले में शूटर्स की पहचान आदित्य कपूर उर्फ मक्खन और करण पाठक उर्फ डिफॉल्टर करण के तौर पर की है. दोनों आरोपी अमृतसर के रहने वाले हैं. इनका सीधा कनेक्शन डोनी बाल गैंग से जोड़ा जा रहा है. इस मामले में कार्रवाई करते हुए मोहाली पुलिस और एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने हैंडलर हरजिंदर उर्फ मिड्डू को एनकाउंटर में मार गिराया. वो तरनतारन के नौशेहरा पन्नुआं का रहने वाला था.
वहीं इस पूरे हत्याकांड के मास्टरमाइंड ऐशदीप सिंह को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया. ऐशदीप मॉस्को से इस हत्या की साजिश रचकर भारत आया था और गिरफ्तारी के वक्त मस्कट लौटने की फिराक में था. पुलिस के मुताबिक ऐशदीप सिंह विदेश में बैठकर गैंगस्टर डोनी बाल के संपर्क में था. उसी के खुलासों के आधार पर पुलिस हरजिंदर उर्फ मिड्डू तक पहुंची और उसका एनकाउंटर कर दिया.
यह कोई पहला मामला नहीं है जब कबड्डी से जुड़ी हत्या ने पंजाब को हिलाया हो. इससे पहले जालंधर के मल्लियां कलां गांव में एक टूर्नामेंट के दौरान अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नांगल की हत्या कर दी गई थी. इसी साल अक्टूबर में जगराओं में 25 वर्षीय कबड्डी खिलाड़ी तेजा सिंह को भी गोलियों से भून दिया गया था. पंजाब में इस वक्त करीब 70 गैंग एक्टिव माने जाते हैं, जो हर अपराध में संलिप्त हैं.
आइए टॉप 5 कुख्यात गैंगस्टरों के बारे में जानते हैं, जो कि पंजाब में एक्टिव हैं...
1. लॉरेंस बिश्नोई

लॉरेंस बिश्नोई अंडरवर्ल्ड का सबसे कुख्यात नाम बन चुका है. 12 फरवरी 1993 को फिरोजपुर के धत्तरांवाली गांव में जन्मे लॉरेंस के पिता हरियाणा पुलिस में सिपाही थे. पंजाब यूनिवर्सिटी से एलएलबी करने के बाद छात्र राजनीति में सक्रिय हुआ, लेकिन जल्द ही अपराध की दुनिया में उतर गया. हत्या, लूट और मारपीट जैसे मामलों के बाद 2018 में सलमान खान को धमकी देने का मामला उसे राष्ट्रीय सुर्खियों में ले आया.
आज वो गुजरात के साबरमती जेल में बंद है. लेकिन हाई-सिक्योरिटी वार्ड से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और विदेशों तक फैले नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा है. इसमें उसका साथ गैंगस्टर गोल्डी बराड़ दे रहा है. वो इस वक्त कनाडा में बैठा है. लॉरेंस का छोटा भाई अनमोल बिश्नोई भी बहुत सक्रिय था. लेकिन उसे अमेरिका में गिरफ्तारी के बाद भारत भेज दिया गया. वो इस वक्त दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है.
हिंदुस्तान में दशहत का दूसरा नाम लॉरेंस बिश्नोई बन चुका है. कई बड़े हाई प्रोफाइल केसों में उसके गैंग का नाम आया है. पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड से लेकर एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी के कत्ल तक में उसके गैंग हाथ बताया जाता है. सलमान खान की जान के पीछे पड़ा हुआ है. आए दिन लॉरेंस गैंग के लोग उनको धमकी देते हैं. उनके साथ काम करने वालों को भी जान से मारने की बात कहते हैं.
2. जग्गू भगवानपुरिया

पंजाब के गुरदासपुर के भगवानपुर गांव का रहने वाला जग्गू भगवानपुरिया कभी लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ का करीबी था, लेकिन अब उनका कट्टर दुश्मन है. 128 से ज्यादा आपराधिक मामलों में आरोपी जग्गू को पंजाब में 'वसूली किंग' कहा जाता है. ड्रग्स, हथियार तस्करी और कबड्डी फिक्सिंग तक उसका नेटवर्क फैला हुआ था. जान के खतरे के चलते उसे बठिंडा जेल से असम शिफ्ट किया गया था .
जग्गू भगवानपुरिया कभी एक उम्दा कबड्डी खिलाड़ी हुआ करता था. लेकिन वक्त के साथ वो अपराध की दुनिया में उतर गया. साल 2015 से वह जेल में बंद है. उसके खिलाफ हत्या, लूट, जबरन वसूली, अवैध हथियारों की सप्लाई और नशा तस्करी जैसे 128 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं. कनाडा में भी उस पर हत्याओं के आरोप लगे हैं. उसका नाम अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स और हथियार तस्करी से जुड़ा रहा है.
माना जाता है कि उसका नेटवर्क पाकिस्तान और कनाडा तक फैला था. वह सीमापार से नशीले पदार्थों की तस्करी करवाता था. साल 2025 में NCB ने NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए उसे बठिंडा जेल से असम की जेल में शिफ्ट कराया. जग्गू भी सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का आरोपी है. उसकी भूमिका की जांच चल रही है. उसने क्राइम से कमाए पैसों से कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में अपना कारोबार फैलाया.
3. अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला

पंजाब के मोगा जिले के डाला गांव का रहने वाला अर्श डाला पहले चोरी और छिनैती जैसी वारदातों में शामिल था. लेकिन बाद में उसने रंगदारी मांगना शुरू किया. लोगों को डराने और उन पर जानलेवा हमला करना उसके लिए आम बात बन गई. साल 2018 के बाद वह तेजी से अपराध की दुनिया में आगे बढ़ा. उसकी गतिविधियों पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग की नजर पड़ी और गोल्डी बराड़ ने उससे संपर्क किया.
पैसे का लालच देकर उसे अपने लिए काम पर लगा लिया गया. अर्श ने पंजाब में रंगदारी, फायरिंग और हत्याओं को अंजाम देना शुरू किया. इसी दौरान खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर ने भी उससे संपर्क किया. निज्जर के प्रभाव में आने के बाद अर्श डाला ने उसके लिए काम करना शुरू कर दिया. पुलिस का दबाव बढ़ने और गिरफ्तारी के डर से साल 2020 में वो कनाडा भाग गया था.
कनाडा पहुंचने के बाद अर्श डाला खालिस्तानी आतंकियों और बाद में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में आया. वह लश्कर-ए-तैयबा के आकाओं से भी मिला. पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब में हथियार और ड्रग्स की तस्करी करवाने लगा. दिल्ली के जहांगीरपुरी में एक हिंदू युवक की हत्या में भी उसके नेटवर्क की भूमिका सामने आई. गला काटे जाने का वीडियो उसके स्लीपर सेल ने भेजा था.
निज्जर की मौत के बाद अर्श डाला खुद को खालिस्तान टाइगर फोर्स का मुखिया बताने लगा और लॉरेंस के दुश्मन बंबीहा गैंग से भी हाथ मिला लिया. इस वक्त लॉरेंस का सबसे बड़ा दुश्मन है.
4. गौरव उर्फ लकी पटियाल

दविंदर बंबीहा के एनकाउंटर के बाद बंबीहा गैंग की कमान गौरव उर्फ लकी पटियाल ने संभाली. चंडीगढ़ के धनास का रहने वाला लकी पहले हत्या, हत्या की कोशिश और फिरौती के मामलों में जेल में था, लेकिन बाद में आर्मेनिया भाग गया. लकी के साथ मोगा का सुखप्रीत सिंह बुडाह भी गैंग की अहम कड़ी है, जो संगरूर जेल में बंद है. बंबीहा गैंग पर कबड्डी खिलाड़ी संदीप नांगल अंबिया की हत्या का भी आरोप है.
बताया जाता है कि लकी पटियाल के गैंग में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 300 से ज्यादा शूटर शामिल हैं. वह कई सालों से आर्मेनिया में बैठकर गैंग चला रहा है. पंजाब पुलिस उसे प्रत्यर्पण पर भारत लाने की कोशिश में जुटी है. कबड्डी खिलाड़ी राणा बलाचौरिया की हत्या में उसका हाथ है. उसके गैंग के एक गुर्गे ने हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी.
5. हरजिंदर सिंह भुल्लर उर्फ विक्की गौंडर

पंजाब के मुक्तसर जिले के सरवन बोदला गांव में जन्मा विक्की गौंडर कभी स्टेट लेवल का डिस्कस थ्रोअर था. जालंधर के गवर्नमेंट आर्ट्स एंड स्पोर्ट्स कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उसे BSF में नौकरी का ऑफर भी मिला, लेकिन उसने वह रास्ता नहीं चुना. साल 2010 से 2015 के बीच वह पंजाब के सबसे खतरनाक गैंगस्टरों में शामिल हो गया. मर्डर, किडनैपिंग और रॉबरी के करीब दो दर्जन मामलों में उसका नाम है.
10 लाख रुपए का इनामी होने के बावजूद वह पुलिस को चकमा देता रहा. साल 2016 में नाभा जेल ब्रेक के बाद वह फरार हो गया, लेकिन जनवरी 2018 में पंजाब-राजस्थान बॉर्डर पर पुलिस एनकाउंटर में उसका अंत हो गया. उसके मारे जाने के बाद भी उसका गैंग इस वक्त पंजाब सहित आसपास के इलाकों में सक्रिय है. विक्की को जरायम की दुनिया में नवप्रीत सिंह उर्फ लवली बाबा और प्रेमा लाहौरिया लाए थे.