इजरायल ने किया ईरान के 20 सैन्य ठिकाने तबाह करने का दावा, 60 फाइटर जेट्स से किया हमला

इज़राइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने तेहरान में ईरान के परमाणु हथियार और मिसाइल निर्माण से जुड़े ठिकानों पर ताजा हमला किया है. 60 लड़ाकू विमानों ने 20 से ज्यादा सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया. इस कार्रवाई का मकसद आईडीएफ ने बताया कि ईरान के यूरेनियम संवर्धन और हथियार उत्पादन की क्षमता को कमजोर करना है, ताकि इजरायल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

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एफ-22 रैप्टर जेट एफ-22 रैप्टर जेट

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 जून 2025,
  • अपडेटेड 2:52 AM IST

तेहरान में ईरान के परमाणु हथियार और मिसाइल उत्पादन से जुड़े ठिकानों पर इजरायल ने एक और बड़ा हमला किया है. इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने देर रात जानकारी दी कि 60 एयरफोर्स फाइटर जेट्स ने तेहरान क्षेत्र में 20 से अधिक सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है. यह हमला IDF की इंटेलिजेंस ब्रांच के सटीक मार्गदर्शन के तहत किया गया.

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इजरायली सेना ने कहा कि इस अभियान का मकसद ईरानी शासन के परमाणु हथियार प्रोजेक्ट और मिसाइल निर्माण को नुकसान पहुंचाना है. IDF के मुताबिक, लड़ाकू विमानों ने उन ठिकानों को निशाना बनाया जहां हथियार बनाए जाते हैं, सेंट्रीफ्यूज तैयार किए जाते हैं, और रिसर्च और डेवलपमेंट का काम होता है.

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नागरिक उपयोग नहीं हथियार के लिए यूरेनियम संवर्धन कर रहा ईरान- IDF

IDF ने आरोप लगाया कि ईरान का शासन यूरेनियम को नागरिक उपयोग की आवश्यकता से कहीं अधिक स्तर तक संवर्धित कर रहा है. यह संवर्धन परमाणु हथियारों के निर्माण के उद्देश्य से किया जा रहा है.

रक्षा बलों के मुताबिक, ईरान ने अपने विशाल भू-भाग का उपयोग कर परमाणु उत्पादन ठिकानों को व्यापक रूप से फैला दिया है, ताकि परमाणु हथियार निर्माण उद्योग को निरंतरता मिलती रहे. इजरायली सेना ने कहा कि यही कारण है कि IDF ने इन सभी बिखरे हुए केंद्रों को भी निशाना बनाया.

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मिसाइलों के लिए कच्चे माल और कलपुर्जे तैयार बनाने वाले ठिकानों पर हमला

IDF की इंटेलिजेंस ब्रांच ने वर्षों से ईरान की हथियार निर्माण से जुड़ी गतिविधियों की जानकारी एकत्र की थी. इस हालिया हवाई हमले में उन फैक्ट्रियों को भी निशाना बनाया गया जहां मिसाइलों के लिए कच्चे माल और कलपुर्जे तैयार किए जाते हैं. साथ ही, ईरानी एयर डिफेंस सिस्टम के निर्माण स्थल भी इस हमले की चपेट में आए.

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IDF ने कहा कि ये वही मिसाइलें हैं जिन्हें ईरान इजरायल की तरफ दागता है. ऐसे में इन फैक्ट्रियों पर हमला कर इजरायल अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहता है. IDF ने साफ किया है कि वह ईरानी शासन के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को नुकसान पहुंचाने की कार्रवाई को आगे भी जारी रखेगा, ताकि इजरायल के नागरिकों की रक्षा की जा सके.

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