ईरान
ईरान (Iran) एक इस्लामी गणराज्य और पश्चिमी एशिया का एक देश है (Islamic Country). यह पश्चिम में इराक और तुर्की से, उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान और आर्मेनिया से, उत्तर में कैस्पियन सागर और तुर्कमेनिस्तान से, पूर्व में अफगानिस्तान और पाकिस्तान से और दक्षिण में ओमान की खाड़ी और फारस की खाड़ी से लगती है. इस देश की राजधानी तेहरान है (Iran Geographical Location).
इसका कुल क्षेत्रफल 1,648,195 वर्ग किमी है (Iran Area). यह एशिया में चौथा सबसे बड़ा देश और सऊदी अरब के बाद पश्चिमी एशिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है. ईरान की आबादी 85 मिलियन है, जो इसे दुनिया का 17वां सबसे अधिक आबादी वाला देश बनाता है (Iran Population).
यह देश दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है. इसकी शुरुआत ईसा पूर्व चौथी सहस्राब्दी में एलामाइट साम्राज्यों के गठन के साथ हुई थी (Iran History).
ईरान की सरकार एक इस्लामी धर्मतंत्र है. यहां राष्ट्रपति हैं, लेकिन अंतिम निर्णय का अधिकार वहां के "सर्वोच्च नेता" में निहित है. 1989 में खमेनेई की मृत्यु के बाद से अली खमेनेई (Ali Khamenei) ही ईरान के सर्वोच्च नेता हैं. ईरान के इस्लामी गणराज्य की नीतियों के परिसीमन और पर्यवेक्षण के अधिकार खमेनेई के पास हैं. सर्वोच्च नेता खमेनेई की तुलना में ईरानी राष्ट्रपति के पास सीमित शक्ति है. लंबे समय अली खामेनेई, देश में अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, विदेश नीति, शिक्षा, राष्ट्रीय योजना और अन्य सभी चीजों पर फरमान जारी करते हैं और अंतिम निर्णय भी वही लेते हैं (Iran Supreme Leader).
ईरानी सरकार को व्यापक रूप से है अधिनायकवादी माना जाता है. मानवाधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता के हनन के लिए व्यापक आलोचनाएं होती रहती हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर विरोध, अनुचित चुनाव और महिलाओं और बच्चों के लिए सीमित अधिकारों के कई हिंसक दमन शामिल हैं (Iran Rights for Women and Children).
इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर 12 जून को धावा बोल दिया था. इस हमले को ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत अंजाम दिया गया. लेकिन इससे बौखलाए ईरान ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव सहित उसके रिहायशी इलाकों पर अटैक करना शुरू कर दिया. इससे दोनों ओर लगातार हमले हो रहे हैं.
इजरायल के ताजा हमले में ईरान के एक UAV कमांडर की मौत हो गई है. वहीं इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर रिसर्च साइट इस्फहान में भी हमला किया है. यहां धमाके की आवाज सुनी गई है. इधर ईरान ने तेल अवीव और इजरायल के पोर्ट शहर हाइफा में शक्तिशाली धमाके किए हैं. जंग के नौवें दिन शांति की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है.
इजरायल और ईरान के बीच तनाव अपने चरम पर है. भारत सरकार ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश वापस लाने के लिए 'ऑपरेशन सिंधु' चला रही है. इसी के तहत शुक्रवार को 290 भारतीय नागरिक दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे.
IAEA प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने शुक्रवार को कहा कि ईरान के पास कई परमाणु वारहेड्स के लिए पर्याप्त सामग्री है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उसके पास सक्रिय परमाणु हथियार कार्यक्रम चल रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि एजेंसी को हथियार निर्माण की कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है. इस बीच, इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष लगातार जारी है.
ईरान और इजरायल में बढ़ते संघर्ष के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड के बीच मतभेद सामने आए हैं. गबार्ड ने कहा था कि ईरान परमाणु हथियार नहीं बना रहा, जबकि ट्रंप ने कहा कि ईरान हथियार बनाने के "बहुत करीब" है. ट्रंप ने यह भी कहा कि यूरोप इस मामले में मदद नहीं कर पाएगा.
ईरान और इजरायल में बढ़ते तनाव के बीच भारत ने ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी शुरू कर दी है. शुक्रवार रात 11:40 बजे माशहद से पहला चार्टर्ड विमान दिल्ली पहुंचा. कुल मिलाकर 1,000 भारतीयों की वापसी की योजना है. शनिवार तक दो और उड़ानों के जरिए भारतीयों को वापस लाया जाएगा.
ईरान में लोकल टाइम के मुताबिक, रात 8:49 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए, तब इसकी तीव्रता 5.1 बताई गई. यह झटका सेमनान शहर से 87 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में दर्ज किया गया. यह भूकंप ऐसे में दर्ज किया गया है जब इजरायल लगातार ईरान के न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बना रहा है. भूकंप के झटके को लेकर ज्यादा कुछ जानकारी सामने नहीं आई है.
तेल अवीव के एक शेल्टर में मौजूद लोगों से आजतक ने बात की. उन्होंने बताया कि हालात भले ही तनावपूर्ण हों, लेकिन इज़राइल के लोग इस संघर्ष को अपने बच्चों के भविष्य के लिए जरूरी मानते हैं. लोगों ने कहा कि अगर दिन में 10 बार भी शेल्टर में आना पड़े तो भी हमें कोई परेशानी नहीं है. हम जानते हैं कि यह युद्ध हमारे आने वाले कल के लिए है.
इजरायल और ईरान के बीच आठ दिनों से जारी संघर्ष ने दुनियाभर के देशों की चिंता बढ़ा दी है. इजरायल के हवाई हमलों और ईरान के मिसाइल हमलों के बीच विश्व समुदाय युद्ध के विस्तार को लेकर सतर्क है. फिलहाल अमेरिकी सरकार अभी सीधे युद्ध में शामिल नहीं हुई है, इसके पीछे भारी आर्थिक खर्च और कूटनीतिक पहल बताया जा रहा है.
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस और ईरान के बीच चल रही परमाणु साझेदारी पूरी तरह सुरक्षित है. ईरान के बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र में काम जारी है और वहां से कर्मचारियों को नहीं हटाया गया है. साथ ही कहा कि जो लोग यह दावा करते हैं कि रूस एक भरोसेमंद साझेदार नहीं है, वे सिर्फ उकसाने की कोशिश कर रहे हैं.
द येरूशलम पोस्ट के मुताबिक ये बैठक उस समय हुई है जब अमेरिका ये विचार कर रहा है कि क्या वह ईरान के खिलाफ इज़रायल के सैन्य अभियानों में शामिल हो. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे अगले दो हफ्तों में इस बारे में अंतिम फैसला लेंगे कि अमेरिका ईरान के खिलाफ़ हमलों में शामिल होगा या नहीं.
ईरान के सुप्रीम लीडर अयतुल्ला अली खामेनेई ने एक बार फिर इज़रायल पर तीखा हमला करते हुए कहा कि इज़रायल अब अपने किए की सज़ा भुगत रहा है. वहीं, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इज़रायल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हालिया हमलों को गंभीर युद्ध अपराध करार दिया है.
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भारत में ईरान के उप-राजदूत मोहम्मद जवाद हुसैनी ने कहा कि अगर इज़रायल के अक्टूबर में हमास के खिलाफ शुरू किए गए हमलों के दौरान ही वैश्विक स्तर पर निंदा की गई होती, तो वह कभी भी ईरान जैसे संप्रभु देश पर हमला करने की हिम्मत नहीं करता.
बुधवार को पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने ट्रंप से ईरान में अराजकता की स्थिति पर चिंता जताई. पाकिस्तान और ईरान लंबा बॉर्डर साझा करते हैं और ईरान की अस्थिरता का असर पाकिस्तान पर भी पड़ सकता है.
ईरान और इजरायल के बीच युद्ध भयावह दौर में पहुंच चुका है, जिसमें मिसाइल हमलों से आम नागरिक संकट में हैं. इस बीच ईरान ने अपना एयरस्पेस भारतीय नागरिकों के लिए खोल दिया है. 1000 भारतीय नागरिक आज अपने वतन लौटेंगे.
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राष्ट्रपति बनने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप के लिए कुछ भी ठीक नहीं हो रहा है. टैरिफ वॉर, यूक्रेन वॉर, इंडो-पाक वॉर, और अब इजरायल-ईरान वॉर. ट्रंप ने जैसा-जैसा सोचा, हुआ उसका उलटा. दुनिया में सबसे बड़े सूरमा कहे जाने वाले अमेरिका को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऐसे दांव में फंसाया है कि ट्रंप का उससे निकलना नामुमकिन है.
ट्रंप को पता है कि ईरान से अगर युद्ध में फंसे तो वहां से निकलना मुश्किल होगा. अफगानिस्तान और इराक में अमेरिका ने काफी कुछ गंवाया है. दूसरे ट्रंप खुद को शांति के मसीहा के रूप में स्थापित करना चाहते हैं. उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार की तलब हो गई है. यही कारण है कि भारत-पाक में सीजफायर का श्रेय लेने के लिए करीब बीसियों बार बयान दे चुके हैं. फिर भी दुनिया उन्हें घास नहीं डाल रही है.
ईरान की राजधानी तेहरान के गिशा इलाके में आज सुबह हुए एक जोरदार धमाके में एक न्यूक्लियर साइंटिस्ट की मौत हो गई. इजरायली मीडिया Kan News के मुताबिक एक इजरायली अधिकारी ने दावा किया है कि ये हमला इजरायल की सेना IDF (इजरायल डिफेंस फोर्सेस) ने किया था. वहीं, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने साफ शब्दों में कहा कि जब तक इज़रायल के हमले जारी रहेंगे, अमेरिका या किसी अन्य देश के साथ इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं होगी.
अमेरिका का GBU-57 MOP बम ईरान के 80 मीटर गहरे फोर्डो परमाणु स्थल को पूरी तरह नष्ट करने में असमर्थ हो सकता है. सामरिक परमाणु हथियार B61-12 तकनीकी रूप से इसे नष्ट कर सकता है, लेकिन वैश्विक निंदा, रेडियोधर्मी फॉलआउट और परमाणु हथियारों की दौड़ जैसे परिणाम इसे अकल्पनीय बनाते हैं.