2024 में इजरायल-ईरान मतभेद दोनों देशों के बीच सीधे संघर्ष में बदल गया. 1 अप्रैल को, इजरायल ने दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर बमबारी की, जिसमें कई वरिष्ठ ईरानी अधिकारी मारे गए. इस हमले के जवाब में, ईरान और उसके प्रतिनिधियों ने 13 अप्रैल को इजराइल के अंदर हमले शुरू किए. जिसके बाद, ईरान ने इजरायल पर अधिक आलोचनात्मक रुख अपनाया, जिसके बाद युद्ध की स्थिति बनती जा रही है (Iran Israel Conflict).
ईरान का परमाणु कार्यक्रम सबसे बड़ा मुद्दा है. इजरायल को आशंका है कि ईरान परमाणु हथियार बना सकता है, जो उसके लिए अस्तित्व का खतरा बन जाएगा. 13 जून 2025 से तीव्र सैन्य टकराव का होना शुरू हुआ. पहले इजराइल ने हमला किया, फिर ईरान ने जवाबी मिसाइलों की बरसात की. अब रिश्तों में गहरा तनाव है.
ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलें तेल अवीव, हाइफा, बेयर शेवा जैसे कई शहरों में दागी गईं. इसकी वजह से सायरन बजे, लोग बंकरों में शरण लिए और बड़ी संख्या में नागरिक घायल हुए. इजरायल में अब तक कम से कम 10–14 की मौत और सैकड़ों घायल हुए. इजराइल ने ईरान पर एयर स्ट्राइक कर तेहरान, मिडिल ईरान के परमाणु व सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें कई टॉप सैन्य और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए.
ईरान ने दावा किया कि इजराइल के हमलों में वहां 224 से 406 तक लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे.
इतिहास पर एक नजर डाले तो दोनों देश के बीच पनपते इस मतभेद की शुरुआत 1982 से हुई जब ईरान ने लेबनान युद्ध के दौरान लेबनानी शिया और फिलिस्तीनी आतंकवादियों का समर्थन किया था. ईरान ने अन्य देशों और समूहों के साथ शक्ति और प्रभाव हासिल करना शुरू कर दिया. ईरानी परमाणु परियोजना को रोकने के इजरायली प्रयासों और सीरियाई गृहयुद्ध के दौरान टकराव के कारण संघर्ष बढ़ गया.
7 अक्टूबर 2023 को, आंशिक रूप से ईरान द्वारा वित्तीय मदद हासिल करने वाला फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह 'हमास' ने इजरायल पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 1,200 इजरायली मारे गए और इजराइल-हमास युद्ध छिड़ गया. इजरायल की लेबनान में ईरानी प्रॉक्सी हिजबुल्लाह के साथ भी झड़प हुई. हमले के बाद, इजरायल ने प्रतिशोध के रूप में सीरिया में ईरानी और प्रॉक्सी सैनिकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया. जिसके बाद युद्ध की आशंकाएं बढ़ गईं.
थाइलैंड और कंबोडिया के बीच हिंसक संघर्ष दोबारा शुरू हो चुका. इस बीच दोनों तरफ की सीमाओं के हजारों लोग पलायन कर रहे हैं. कुछ ही महीनों पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इनमें सीजफायर करवाया था, और दावा किया था कि अब सब ठीक है. यहां तक कि इनके नेताओं ने ट्रंप के लिए नोबेल पुरस्कार तक की बात की थी.
ईरान और इजराइल के बीच तनाव फिर से बढ़ रहा है. ईरान ने नई मिसाइल ड्रिल्स के साथ अपनी सैन्य तैयारियां तेज कर दी हैं, जिससे मध्य पूर्व में तनाव और खतरनाक होता जा रहा है. साथ ही, रूस-यूक्रेन युद्ध, अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमांत विवाद और भारत-इंडोनेशिया के सैन्य अभ्यास की भी जानकारी मिलती है. यह विस्तृत रिपोर्ट सामरिक और युद्ध की जटिल परिस्थितियों को समेटे हुए है.
ईरान की तालेघान-2 साइट (पारचिन कॉम्प्लेक्स) पर तेजी से नया निर्माण चल रहा है, जहां न्यूक्लियर एक्सप्लोसिव टेस्ट चैंबर जैसी संरचना दिख रही है. कुछ एक्सपर्ट के दावे कहते हैं कि आने वाले हफ्तों में पहला परमाणु बम टेस्ट होगा, लेकिन कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं. इज़रायल नई भूमिगत साइट्स पर हमला करने की योजना बना रहा है. तनाव बेहद बढ़ा हुआ.
ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की परमाणु केंद्रों पर हमले की बात को खारिज करते हुए कहा, "ऐसे ही सपने देखते रहो" जानें अमेरिका-ईरान तनाव और परमाणु वार्ता का हाल.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का दावा विस्फोटक है. उन्होंने कहा है कि ईरान 8000 किलोमीटर तक मार कर सकने में सक्षम इंटर कांटिनेन्टल बैलेस्टिक मिसाइलें बना रहा है. उन्होंने कहा है कि अगर इन मिसाइलों की क्षमता थोड़ी और बढ़ा दी जाए तो अमेरिका शहर ईरानी एटॉमिक गन के दायरे में होंगे.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद गाज़ा में सीज़फायर पर सहमति बनी है. हमास ने बयान जारी कर ट्रंप के प्लान के मुताबिक सभी बंधकों को रिहा करने की बात कही है. हमास गाज़ा से कब्ज़ा भी छोड़ेगा. इज़राइल भी सीज़फायर के लिए तैयार हो गया है. नेतन्याहू ने ट्रंप के प्लान पर मुहर लगाई है और कहा है कि वे ट्रंप और उनकी टीम के साथ मिलकर काम करेंगे ताकि जंग खत्म हो. ट्रंप ने व्हाइट हॉउस में नेतन्याहू के साथ मुलाकात के बाद गाज़ा के लिए 20 पॉइंट का प्लान बताया था.
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को लेकर तीखी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि ज़ायोनी शासन दुनिया में सबसे अधिक तिरस्कार और अलग-थलग महसूस करने वाला शासन है.
गाजा में इजरायल के हमले जारी हैं जिसकी काफी आलोचना हो रही है. गाजा की बिगड़ती स्थिति देखते हुए कई यूरोपीय देशों ने फिलिस्तीन को मान्यता दे दी है लेकिन इटली ने ऐसा नहीं किया जिसे लेकर इटली में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं. इन प्रदर्शनों में लोगों ने भारी तोड़-फोड़ भी की और पुलिस के साथ झड़प भी देखी गई.
UNGA में फिलिस्तीन के समर्थन में जब-जब किसी नेता ने आवाज उठाई, उनका माइक ऑफ हो गया. यह सिलसिला इंडोनेशिया, तुर्किए, कनाडा और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों के नेताओं के साथ हुआ. सवाल उठने लगे कि क्या यह महज तकनीकी खराबी थी या इसके पीछे इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ है?
संयुक्त राष्ट्र महासभा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की वैश्विक ताकत पर जोर देते हुए लंबा भाषण दिया...इस दौरान ट्रंप ने सात युद्धों को रोकने का दावा भी कर डाला
गाजा और ईरान से जंग लड़ते हुए इजरायल ने 2024 में 14.7 अरब डॉलर के हथियार बेचे. यूरोपीय देशों ने 54% खरीदे, खासकर एयर डिफेंस सिस्टम. रूस-यूक्रेन युद्ध ने डिमांड बढ़ाई. यह रिकॉर्ड बिक्री इजरायल की अर्थव्यवस्था मजबूत करती है. निर्यात 13% बढ़ा है.
गाजा और ईरान से जंग के बीच इजरायल ने 14 अरब डॉलर के हथियार बेचे. यूरोपीय देश बने सबसे बड़े खरीदार, इजरायल ने गाजा और ईरान से जंग लड़ते हुए 2024 में 14.7 अरब डॉलर के हथियार बेचे हैं, जिसमें यूरोप के देशों ने आधे से ज्यादा हथियार खरीदे हैं . ये चौथा साल है जब इजरायल के आर्म्स एक्सपोर्ट ने नया रिकॉर्ड बनाया है.
ईरान ने दावा किया कि उसने 10000+ किमी रेंज की ICBM मिसाइल बनाई, जो अमेरिका और यूरोप तक पहुंच सकती है. यह सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से बनी. विशेषज्ञ कहते हैं, अभी पक्का सबूत नहीं लेकिन इजरायल, सऊदी, यूरोप को खतरा. भारत सुरक्षित पर क्षेत्रीय तनाव बढ़ेगा. सैंक्शंस और कूटनीति से इसे रोकना जरूरी.
मिडिल ईस्ट में 57 मुस्लिम देशों की बैठक के बाद इजराइल ने एक बड़ा प्लान बनाया है. इजराइल इन मुस्लिम देशों की एकता को तोड़ने की तैयारी कर रहा है. इसके तहत इजराइल सीरिया के साथ रक्षा समझौता करने वाला है. सीरिया के राष्ट्रपति ने इजराइल के साथ बातचीत की पुष्टि की है. अमेरिका चाहता है कि यह समझौता इसी महीने के अंत तक हो जाए. दूसरी ओर, पाकिस्तान ने कतर में हुई बैठक में अपने परमाणु बम को मुस्लिम देशों की रक्षा के लिए तैयार बताया.
गाजा पर कब्जे के लिए इजरायल ने हमले तेज कर दिए हैं. इजरायली सेना ने दावा किया है कि उसने गाजा सिटी के 40% हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है इजरायली सेना के टैंक गाजा सिटी के शेख राधवा इलाके में आगे बढ़ रहे हैं और फिलिस्तीनियों को इलाके खाली करने का आदेश दिया गया है. दूसरी ओर, हमास ने अपनी क्रूरता दिखानी शुरू कर दी है. खान यूनुस से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें हमास नागरिकों को बर्बरता से पीट रहा है और उन्हें अपने घरों को खाली करने के बजाय वापस लौटने के लिए मजबूर कर रहा है.
गोल्ड बन रहा है दुनिया की नई पावर! 30 साल बाद पहली बार सेंट्रल बैंकों के रिजर्व में सोने की हिस्सेदारी अमेरिकी ट्रेजरी से ज्यादा हो गई है. 2022 से हर साल 1000 टन गोल्ड खरीदा जा रहा है. चीन और भारत जैसे देशों ने डॉलर पर निर्भरता घटाकर सोना रिजर्व में जोड़ा. सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय मार्केट में 3,592 डॉलर प्रति औंस और भारत में 1,08,732 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई हैं. जानिए क्यों गोल्ड सेंट्रल बैंकों की पहली पसंद बन रहा है?
संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी IAEA की रिपोर्ट ने दुनिया में ईरान के एटम बम को लेकर खलबली मचा दी है। रिपोर्ट के अनुसार, 13 जून को इजराइल के हमले से ठीक पहले ईरान ने हथियार ग्रेड के बेहद नजदीकी स्तर तक संवर्धित यूरेनियम का जखीरा बढ़ा लिया था. ईरान परमाणु बम बनाने से बस एक कदम दूर था। IAEA ने यह भी खुलासा किया है कि दो महीने से ज्यादा वक्त से ईरान के पास मौजूद इस खतरनाक स्टॉक फाइल की कोई स्वतंत्र जांच नहीं हुई है, जो गंभीर चिंता का विषय है.
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने मुस्लिम बहुल देशों समेत सभी राष्ट्रों से अपील की है कि वे इजरायल के साथ अपने राजनीतिक और आर्थिक संबंध तोड़कर उसके 'विनाशकारी अपराधों' का मुकाबला करें. उन्होंने कहा कि 'ज़ायोनी शासन' अमेरिका के समर्थन से भीषण तबाही मचा रहा है और चुप्पी या निष्क्रियता को साझेदारी माना जाएगा.
ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की चिंगारी एक बार फिर भड़क उठी है. ईरान के विदेश मंत्री ने इजरायल को सीधे शब्दों में ललकारा है. उन्होंने कहा है कि ईरान एक और जंग के लिए तैयार है और अगर इजरायल दोबारा हमला करता है तो उसे इस बार और मजबूत जवाब मिलेगा.
Israel and Hamas War: गाजा पर इजरायल का कब्जा अब लगभग तय माना जा रहा है. हमास के खिलाफ छेड़े गए जंग में इजरायली सेना लगातार आगे बढ़ रही है. इसी बीच दक्षिणी गाजा में हमास के बड़े कमांडर नासर मूसा को मार गिराने के बाद भी आईडीएफ ने अपने हमले जारी रखे हुए हैं.
गाजा पट्टी लगातार इजरायली हमलों की आग में झुलस रही है. हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि मौत अब हर रोज की हकीकत बन गई है. ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 51 फिलिस्तीनी मारे गए, जबकि 369 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.