ईरान और इजरायल के बीच जारी भीषण संघर्ष के बीच भारत सरकार ने बुधवार को 'ऑपरेशन सिंधु' की शुरुआत की, जिसका मकसद ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालना है. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब इजरायल की सैन्य कार्रवाई और ईरान की जवाबी कार्रवाई से पूरे क्षेत्र में तनाव और हिंसा बढ़ गई है.
इस अभियान की पहली कड़ी में 110 भारतीय छात्रों को उत्तरी ईरान से सुरक्षित निकाला गया और उन्हें आर्मेनिया की सीमा पार करवाई गई. भारत के ईरान और आर्मेनिया स्थित मिशनों की निगरानी में यह पूरी यात्रा संपन्न हुई. इसके बाद ये छात्र आर्मेनिया की राजधानी येरेवान से 18 जून को दोपहर 2:55 बजे विशेष विमान से भारत के लिए रवाना हुए और इनके 19 जून की तड़के नई दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है.
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ईरान और आर्मेनिया को भारत ने दिया धन्यवाद
भारत सरकार ने ईरान और आर्मेनिया दोनों देशों की सरकारों का इस प्रक्रिया में सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया है. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ईरान में फंसे बाकी भारतीय नागरिकों को भी सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने की प्रक्रिया जारी है. यह पूरा अभियान 'ऑपरेशन सिंधु' के अंतर्गत तय विकल्पों के मुताबिक आगे बढ़ाया जाएगा.
भारत सरकार ने ईरान में रह रहे सभी भारतीयों को भारतीय दूतावास के इमरजेंसी हेल्पलाइन से जुड़े रहने की सलाह दी है. साथ ही नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय द्वारा 24x7 कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है, जिससे मदद ली जा सकती है.
गैरजरूरी यात्रा से बचने और सावधान रहने की अपील
भारतीय दूतावास ने 15 जून को एक एडवाइजरी जारी कर भारतीय नागरिकों और भारतवंशियों से अपील की थी कि वे गैरजरूरी यात्रा से बचें, सतर्क रहें और दूतावास के सोशल मीडिया चैनलों से जुड़े रहें. इसी बीच ईरान और इजरायल के बीच छठे दिन भी मिसाइल हमले जारी रहे. ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक 585 लोग मारे जा चुके हैं. इजरायल में 24 लोगों की मौत और 1,300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.
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बुधवार को इजरायल ने ज्यादातर हमले तेहरान पर केंद्रित किए, वहीं ईरान ने फत्ताह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल इजराइल पर दागा, और पहली "साजिल" मिसाइल का इस्तेमाल किया है. मसलन, दोनों देशों में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं.
शिवानी शर्मा