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यूपी: प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत, पुलिस ने दर्ज किया हत्या का मुकदमा

उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "आज विधानसभा का घेराव करने जाते समय हमारे युवा साथी प्रभात पांडे जी की पुलिस बर्बरता के कारण मृत्यु हो गई. यह घटना अत्यंत दुखद और निंदनीय है. हमारा कांग्रेस परिवार इस दुर्घटना से आहत और आक्रोशित है. हम इस घटना को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे."

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काग्रेस के कार्यकर्ता की प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई (प्रतीकात्मक तस्वीर)
काग्रेस के कार्यकर्ता की प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई (प्रतीकात्मक तस्वीर)

उत्तर प्रदेश विधानसभा के पास बुधवार को प्रदर्शन के दौरान एक कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत हो गई. पार्टी की यूपी इकाई के प्रमुख अजय राय ने दावा किया कि उसकी मौत पुलिस की बर्बरता के कारण हुई. पुलिस ने बताया कि गोरखपुर के मूल निवासी 31 वर्षीय प्रभात पांडे को कांग्रेस कार्यालय से अस्पताल में मृत अवस्था में लाया गया. मृतक के चाचा मनीष पांडे की तरफ से हुसैनगंज थाने में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया है. 

पीटीआई के मुताबिक डीसीपी (मध्य लखनऊ) रवीना त्यागी ने बताया, "प्रभात पांडे को कांग्रेस कार्यालय से बेहोशी की हालत में हजरतगंज के सिविल अस्पताल लाया गया. डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों के अनुसार प्रथम दृष्टया उनके शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं था. इसके अलावा एक पैनल द्वारा पोस्टमार्टम किया जाएगा और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी. इसके अनुसार आगे की कानूनी कार्यवाही की जाएगी."

उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "आज विधानसभा का घेराव करने जाते समय हमारे युवा साथी प्रभात पांडे जी की पुलिस बर्बरता के कारण मृत्यु हो गई. यह घटना अत्यंत दुखद और निंदनीय है. हमारा कांग्रेस परिवार इस दुर्घटना से आहत और आक्रोशित है. हम इस घटना को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे." 

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राय ने कहा, "योगी सरकार को मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देनी चाहिए." 

बता दें कि विपक्षी दल किसान संकट, बेरोजगारी, महंगाई, निजीकरण और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों को लेकर यूपी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा था. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन स्थल तक पहुंचने से रोकने के लिए यूपी विधानसभा परिसर के चारों ओर बैरिकेड्स लगाए गए थे, जबकि रूट डायवर्जन से शहर के बीचों-बीच यातायात प्रभावित हुआ. लखनऊ में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 (उपद्रव या खतरे की आशंका के तत्काल मामले में आदेश जारी करने की शक्ति) के तहत प्रतिबंधों का हवाला देते हुए पुलिस ने पार्टी कार्यकर्ताओं को पार्टी मॉल एवेन्यू कार्यालय से आगे नहीं बढ़ने दिया.

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