
प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्रा के निधन के बाद उनके परिवार की कलह खुलकर सामने आ गई है. बेटे और बेटी के बीच विरासत और संपत्ति को लेकर विवाद गहरा गया है. हालात ये हैं कि उनकी त्रयोदशी (तेरहवीं) भी दो अलग-अलग जगहों पर 14 अक्टूबर को होगी, जिसके लिए दोनों ने अलग-अलग निमंत्रण कार्ड भी छपवा लिए हैं.
दरअसल, 2 अक्टूबर को पंडित छन्नूलाल मिश्रा के निधन के बाद उनके परिवार में कलह और मनमुटाव का मामला सामने आया है. बेटी नम्रता मिश्रा और बड़े बेटे रामकुमार मिश्रा के बीच परंपराओं के निर्वहन और संपत्ति को लेकर विवाद है. दोनों भाई-बहन ने अलग-अलग स्थानों पर तेरहवीं का आयोजन कर निमंत्रण पत्र बांटना शुरू कर दिया है.
पंडित छन्नूलाल मिश्रा की सबसे छोटी बेटी नम्रता मिश्रा ने अपने भाई रामकुमार मिश्रा पर परंपराओं का निर्वहन न करने और पिता की सनातन की छवि खराब करने का आरोप लगाया है. नम्रता ने कहा कि रामकुमार ने त्रीरात्रि में ही सारे कर्मकांड कर दिए क्योंकि उनके पास समय नहीं था, उन्होंने मुंडन भी नहीं कराया. नम्रता ने यह भी कहा कि उनके भाई मानसिक रूप से दिवालिया हो गए हैं और वह अपने भाई पर मानहानि का मुकदमा कर सकती हैं. नम्रता गायन की विरासत को आगे ले जाने का दावा कर रही हैं.

वहीं, रामकुमार मिश्रा ने बहन नम्रता पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नम्रता ने पिता को बिना बताए पुराना मकान धोखे से बेच दिया था. उन्होंने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के मिलने आने पर भी नम्रता ने नकली रिश्तेदारों को सामने प्रस्तुत किया था. रामकुमार ने कहा कि सनातन पद्धति के अनुसार दसवां और तेरहवीं वह या उनके बेटे राहुल (जिसने मुखाग्नि दी) ही करेंगे, नम्रता मिश्रा का ऐसा करना स्वीकार या मान्य नहीं है. उन्होंने नम्रता से 13 दिन शांत रहने की अपील की. रामकुमार मिश्रा ने तेरहवीं का स्थान वाराणसी में हनुमान प्रसाद पोद्दार, अंध विद्यालय, दुर्गाकुण्ड रखा है. जबकि, नम्रता ने स्वास्तिक नगर कालोनी, केशरीपुर पर.
बेटे-बेटी ने अलग-अलग बांटे न्योते
नम्रता मिश्रा ने भाई के आरोपों पर जवाब दिया कि पिता ने 3 साल पहले उन्हें मकान गिफ्ट डीड के तौर पर दिया था, जिसे उन्होंने पिता की बीमारी और कर्ज के चलते बेचा था. नम्रता ने दावा किया कि उनकी मां ने भी जीते जी रामकुमार मिश्रा को नकार दिया था. दोनों भाई-बहन ने तेरहवीं के लिए निमंत्रण कार्ड बांटने शुरू कर दिए हैं, जिससे पंडित छन्नूलाल मिश्रा के चाहने वाले दुविधा में हैं कि किस कार्यक्रम में शामिल हों.