प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्रा (Chhannulal Mishra) का 2 अक्टूबर 2025 को मिर्जापुर में निधन हो गया. वे किराना और बनारस घराने से ताल्लुक रखते थे. उन्होंने खयाल, ठुमरी, भजन और अन्य शास्त्रीय रचनाओं के माध्यम से संगीत को आम जनता तक पहुंचाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए उन्हें भारतीय कला-संस्कृति का समर्पित सेवक बताया.
संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 2000 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 2010 में पद्मभूषण और 2020 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.
पंडित छन्नूलाल मिश्रा का जन्म 3 अगस्त 1936 को आजमगढ़ जिले के हरिहरपुर में हुआ था. उनके दादा, गुदई महाराज शांता प्रसाद, एक प्रसिद्ध तबला वादक थे. उन्होंने मात्र छह वर्ष की उम्र में अपने पिता, बद्री प्रसाद मिश्र, से संगीत सीखना शुरू किया. नौ वर्ष की आयु में उनके पहले गुरु उस्ताद गनी अली साहब ने उन्हें खयाल की शिक्षा दी. इसके बाद उन्होंने किराना घराने के उस्ताद अब्दुल गनी खान और ठाकुर जयदेव सिंह से भी प्रशिक्षण हासिल की थी.
पंडित छन्नूलाल मिश्र की कर्मभूमि बनारस रही थी.
पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्रा के निधन के बाद उनके बेटे रामकुमार और बेटी नम्रता के बीच विरासत और परंपराओं को लेकर कलह सामने आई है. विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों ने 14 अक्टूबर को अलग-अलग जगहों पर तेरहवीं आयोजित करने के लिए कार्ड छपवाए हैं. नम्रता ने भाई पर धार्मिक छवि खराब करने का आरोप लगाया है.
काशी की संगीत परंपरा के आखिरी सोपान को गंगा ने अपनी गोद में सुला लिया है. पंडित छन्नूलाल मिश्र का अवसान काशी की सांस्कृतिक परंपरा के आखिरी लौहस्तंभ का दरक जाना है. उन्हें श्रद्धांजलि.
प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने मिर्जापुर में अंतिम सांस ली. पंडित छन्नूलाल मिश्र लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनका अंतिम संस्कार काशी में किया जाएगा. PM मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया है.
हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के दिग्गज पंडित छन्नूलाल मिश्र का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया. आजमगढ़ में जन्मे पंडित छन्नूलाल ने ठुमरी और पुरब अंग को अपनी भावपूर्ण गायकी से अमर बनाया. वह किराना-बनारस घराने के प्रतिनिधि थे. उन्हें 2020 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था.
हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के दिग्गज पंडित छन्नूलाल मिश्र का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया. आजमगढ़ में जन्मे पंडित छन्नूलाल ने ठुमरी और पुरब अंग को अपनी भावपूर्ण गायकी से अमर बनाया. वह किराना-बनारस घराने के प्रतिनिधि थे. उन्हें 2020 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था.