सुपरसोनिक मिसाइल
सुपरसोनिक मिसाइल (Supersonic Missile) सबसे तेज गति वाला मिसाइल होता है जो ध्वनि की गति यानी मैक-1 (Mach-1) से अधिक है. अधिकांश सुपरसोनिक मिसाइलें मैक-2 (Mach-2) और मैक-3 (Mach-3) के बीच की गति से उड़ती है, जो कि 2,300 मील प्रति घंटे तक होती है (Speed of Supersonic Missile).
आजतक के वर्ल्ड एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि भारत-रूस परमाणु सहयोग में बड़ी घोषणा जल्द आने वाली है. पुतिन ने कहा कि मोदी किसी के दबाव में नहीं झुकते. S-400, Su-57 जैसे सौदों पर बोले- हम सिर्फ हथियार नहीं, तकनीक और विश्वास साझा करते हैं. ब्रह्मोस, टी-90, कलाश्निकोव भारत में ही बन रहे हैं.
भारत को Su-57 इसलिए चाहिए क्योंकि चीन के J-20 व पाकिस्तान के आने वाले स्टील्थ जेट्स का मुकाबला करना है. IAF में सिर्फ 31 स्क्वाड्रन बची हैं, AMCA 2035 तक आएगा. रूस 100% तकनीक ट्रांसफर और भारत में उत्पादन का ऑफर दे रहा है. पुतिन की यात्रा में डील फाइनल हो सकती है. यह तुरंत ताकत और आत्मनिर्भरता दोनों देगा.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्पेशल विमान IL-96-3000 प्यू अब से कुछ ही घंटों में भारत की सरज़मीं पर लैंड करेगा. यह विमान 'हवा में उड़ता किला' है, जिसके सामने मिसाइलें भी फेल हो जाती हैं. पुतिन की अभेद्य सुरक्षा के लिए भारत में 5-लेयर सुरक्षा कवच तैयार है.
पुतिन 4-5 दिसंबर को भारत आ रहे हैं. इस दौरे में ब्रह्मोस मिसाइल के नए वर्जन पर बात पक्की है. हल्का ब्रह्मोस-NG हर फाइटर जेट पर लगेगा, रेंज 400 किमी से ज्यादा. लंबी रेंज वाली ब्रह्मोस 1000-1500 किमी तक मार करेगा. हाइपरसोनिक मिसाइल प्रोजेक्ट भी शुरू होगा. ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना को और खतरनाक ब्रह्मोस चाहिए. भारत-रूस की यह डील दुश्मनों की नींद उड़ा देगी.
Battle Ready Bharat: भारतीय सेना ने ब्रह्मोस की नई 800+ किमी रेंज वाली मिसाइल का सफल कॉम्बैट लॉन्च किया. अब पाकिस्तान का आखिरी कोना भी निशाने पर है. हल्की, तेज और घातक यह मिसाइल जमीन, समुद्र व हवा से मार कर सकती है. ऑपरेशन सिंदूर में दुश्मन के 11 एयरबेस तबाह करने वाली ब्रह्मोस अब भारत की सबसे बड़ी ताकत बन गई है.
फ्रांस की सैफ्रान कंपनी अब भारत में राफेल के M88 फाइटर जेट इंजन की पूरी असेंबली और Hammer घातक मिसाइलें बनाएगी. हैदराबाद में M88 इंजन लाइन और BEL के साथ जॉइंट वेंचर से मिसाइल प्रोडक्शन होगा. 100% टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, हजारों नौकरियां और आत्मनिर्भर रक्षा के लिए बड़ा कदम. भारत जल्द ही जेट इंजन बनाने वाला देश बनेगा.
पाकिस्तान के परमाणु हथियार भारत के अधिकांश हिस्सों तक पहुंच सकते हैं, लेकिन भारत की मल्टी-लेयर्ड डिफेंस सिस्टम उन्हें आसमान में ही नष्ट करने की क्षमता रखते हैं. पाकिस्तान फाइटर जेट के जरिए भारत में घुसकर बम गिराने की हिम्मत नहीं कर सकता. मिसाइलें ही आखिरी रास्ता बचेगा, उसे रोकने के लिए भारत में बीएमडी सिस्टम (फेज I/II), एस-400, आकाश और रडार नेटवर्क है.
भारत ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान पर जीत के बाद वायुसेना की ताकत बढ़ा रहा है. मेटियोर एयर-टू-एयर मिसाइलों की बड़ी खरीद मंजूर होने वाली है. ये 200+ किमी रेंज और रैमजेट वाली मिसाइलें राफेल पर लगेंगी, पायलटों को दूर से 'फर्स्ट शॉट' का फायदा देंगी.
सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन ने पांगोंग झील के पास और गार काउंटी में नए एयर डिफेंस कॉम्प्लेक्स बनाए. इनमें स्लाइडिंग छत वाले मिसाइल लॉन्च बंकर हैं, जो एचक्यू-9 एसएएम सिस्टम छिपाते हैं. न्योमा एयरफील्ड के सामने ये भारत के लिए खतरा है. निर्माण जुलाई से चल रहा है. चीन हवाई रक्षा मजबूत कर रहा है.
भारत ने ब्राजील को आकाश मिसाइल सिस्टम बेचने का प्रस्ताव रखा. 16 अक्टूबर 2025 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्राजील के उपराष्ट्रपति जेराल्डो अल्कमिन से दिल्ली में मुलाकात की. आकाश ने मई 2025 के ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी ड्रोनों को नष्ट किया था. ट्रंप की ब्राजील से चिढ़ के बावजूद, दोनों देश रक्षा सहयोग बढ़ाएंगे.
रूसी सांसद जुरावलेव ने कहा है कि S-350 टोमाहॉक क्रूज मिसाइल (2,500 किमी रेंज) को रोकने के लिए बनी है. रूस के मुख्य एयर डिफेंस सिस्टम: S-400 (400 किमी), S-350 (120 किमी), Pantsir-S1 (20 किमी, गन-मिसाइल), S-300 (200 किमी), Tor-M2 (16 किमी) है. लेयर्ड डिफेंस से हर स्तर पर मिसाइल नष्ट हो सकते हैं. युद्ध में डिप्लॉयमेंट तय करेगा.
पाकिस्तान AIM-120, PL-15 मिसाइलें मंगवा रहा, लेकिन DRDO की VSHORAD (6 किमी), Astra (200 किमी), Rudram (250 किमी), NRSAM (25 किमी), BrahMos-ER (800 किमी) रेंज, स्पीड (5000 km/hr) और सटीकता में आगे. ऑपरेशन सिंदूर में पाक मिसाइलें फेल हुई. भारत की आर्सेनल पाक से दोगुनी मजबूत, स्वदेशी टेक से अजेय है.
30 सितंबर 2025 को अमेरिकी युद्ध विभाग ने FMS कॉन्ट्रैक्ट में संशोधन की घोषणा की. इसमें पाकिस्तान के लिए रखरखाव और स्पेयर पार्ट्स हैं. प्रशासन ने कहा वो खबरें गलत हैं जिसमें नई AMRAAM मिसाइलें देने की या अपग्रेड करने की बात कहीं गई है. पाक की मौजूदा क्षमता पर कोई असर नहीं. ये भारत के लिए राहत की खबर है.
भारत और ब्रिटेन के बीच कई रक्षा और समुद्री क्षेत्र के समझौते हुए हैं. IPOI के तहत RMSCE सेंटर बनाया जाएगा. नौसेना के इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन पर IGA साइन किया. ब्रिटेन ने LMM (मार्टलेट) मिसाइलें देगा – ताकि हवा-से-सतह हमला करना आसान हो. ये समझौते हिंद महासागर में सुरक्षा बढ़ाएंगे, नौकरियां पैदा करेंगे.
अमेरिका पाकिस्तान को AIM-120 AMRAAM मिसाइलें देगा, जो F-16 जेट्स पर लगेंगी. रेंज 100 किमी, स्पीड 4900 किमी/घंटा. एक्टिव रडार गाइडेंस है. 'फायर एंड फॉरगेट' टेक से दुश्मन विमान को दूर से मार गिराएगी. 2019 जैसी घटना दोहरा सकती. भारत के लिए खतरा है. BVR युद्ध में पाक को फायदा होगा. भारत को Astra, S-400 से जवाब देना होगा.
अमेरिका पाकिस्तान को AIM-120 AMRAAM मिसाइलें देगा, जो F-16 को अपग्रेड करेंगी. ये 100 किमी दूर से भारतीय विमानों को निशाना बना सकती हैं, जैसे 2019 में MiG-21 को. बांग्लादेश 2.2 अरब डॉलर में 20 J-10CE जेट्स खरीदेगा, 2026-27 में मिलेंगे. ये चाइनीज टेक से पूर्वी बॉर्डर को खतरा. भारत को पश्चिम-पूर्व दो मोर्चों पर दबाव, एयर डिफेंस मजबूत करनी होगी.
रूस ने 13 सितंबर 2025 को ओनिक्स क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया. पैसिफिक फ्लीट ने कुरिल द्वीप के पास 350 किमी दूर समुद्री मॉक टारगेट को नष्ट किया. बास्टियन मिसाइल सिस्टम से दागी गई मिसाइल ने सटीक निशाना लगाया. यह बड़े कमांड एक्सरसाइज का हिस्सा था, जिसमें 10 से ज्यादा जहाज, विमान और पनडुब्बियां शामिल थीं.
3 सितंबर 2025 को चीन की विक्ट्री डे परेड में चार नई YJ हाइपरसोनिक मिसाइलें, DF-5C न्यूक्लियर मिसाइल, J-20S स्टील्थ जेट और न्यूक्लियर ट्रायड दिखाए गए. बीजिंग में 10000 सैनिक, 100+ विमान शामिल. ये हथियार अमेरिकी नौसेना को चुनौती देंगे. शी जिनपिंग ने शांति की बात की, लेकिन ताइवान-साउथ चाइना सी में तनाव बढ़ा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं को पांच साल के युद्ध के लिए तैयार रहने का लक्ष्य दिया. सेना को हथियार भंडारण, सीमा ढांचा और AI प्रशिक्षण बढ़ाना होगा. नौसेना को युद्धपोत और मिसाइलें, वायुसेना को फाइटर जेट और ड्रोन मजबूत करने होंगे. थिएटर कमांड और स्वदेशी तकनीक से भारत आत्मनिर्भर बनेगा, ताकि लंबे युद्धों में भी मजबूत रहे.
डीआरडीओ ने ओडिशा तट पर स्वदेशी एकीकृत हवाई रक्षा हथियार प्रणाली का सफल परीक्षण किया था. यह सिस्टम ड्रोन्स, विमानों और मिसाइलों को नष्ट कर सकता है. तीन हवाई लक्ष्यों को एक साथ नष्ट कर इसने भारत की हवाई सुरक्षा को मजबूत किया.
भारत की नई राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली, ‘सुदर्शन चक्र’, एक आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम है. इसे डीआरडीओ और इसरो ने मिलकर तैयार किया है. इसका नाम भगवान विष्णु के अस्त्र ‘सुदर्शन चक्र’ पर रखा गया है, जिसे शत्रुओं के विनाश और विजय का प्रतीक माना जाता है.