अंकित कुमार आज तक और इंडिया टुडे टीवी के साथ एसोसिएट एडिटर के तौर पर जुड़े हैं। अंकित आज तक की विशेष जांच टीम और OSINT (ओपन सोर्स इंवेस्टिगेशन) टीम में योगदान करते हैं।
वीवीआईपी अगस्ता वेस्टलैंड मामले और स्कॉर्पीन सौदे पर उनकी कहानियों पर भारतीय संसद में बहस हुई है। वह भारत के दो सबसे विवादास्पद रक्षा सौदों, वीवीआईपी चॉपर डील (556.262 मिलियन यूरो) और राफेल जेट्स डील (7.8 बिलियन यूरो) में बिचौलियों के नेटवर्क की आम कड़ी को प्रकट करने वाले पहले पत्रकार थे। भारत के प्रधान मंत्री साथ ही प्रमुख विपक्षी नेताओं ने कई बार उनकी रिपोर्ट्स का हवाला दिया है।
भारतीय वायु सेना के बालाकोट एयरस्ट्राइक पर उनकी जांच एक भारतीय पत्रकार द्वारा की गई पहली जांच थी जिसमें घटना के प्रमुख चश्मदीद गवाह किसी न्यूज़ रिपोर्ट में रिकॉर्ड पर आये और हमले के साथ ही पाकिस्तानी क्षति की भी पुष्टि की। पाकिस्तान की सेना पर उनकी एक और रिपोर्ट ने वर्षों से चले आ रही पाकिस्तानी सेना के ऐसे राज़ का पर्दाफाश किया जिसके तहत पाकिस्तानी सेना अपने नुकसान को छुपा रही थी, अंकित की रिपोर्ट के बाद पाकिस्तान सेना को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करना पड़ा। वो विदेशी आतंकवाद नेटवर्क पर पैनी नज़र रखते है और पाकिस्तान स्थित आतंकी नेटवर्क की रिपोर्टिंग में माहिर हैं।
उनकी एक रिपोर्ट के बाद, ब्रिटेन स्थित एक संदिग्ध समाचार पोर्टल जिसने भारत में बड़े पैमाने पर ईवीएम धोखाधड़ी का दवा किया था, उसे बंद कर दिया गया। जेएनयू हिंसा मामले में उनकी जांच ने संदिग्ध हमलावर की राजनीतिक संबद्धता को स्थापित किया।
वो InfoSec, Disinformation, OSINT, IMINT, GEOINT, FININT, TECHINT और CYBINT जैसे मुद्दों पर काम भी करते हैं। उन्होंने अपनी ख़बरों के लिए बड़े पैमाने पर अत्याधुनिक तकनिकी समाधानों का उपयोग भी किया है, जैसे उच्च रिज़ॉल्यूशन उपग्रह इमेजरी और डिजिटल फोरेंसिक टूल, इसके अलावा वो वित्तीय फोरेंसिक का उपयोग भी अपनी खोजी ख़बरों में करते हैं। उनके अन्य कार्य क्षेत्रों में नई तकनीक, विज्ञान और अनुसंधान शामिल हैं।
ट्विटर पर उनसे संपर्क कर सकते हैं - @AnkiitKoomar
ईमेल - ankit.kumar@aajtak.com
अंकित कुमार आज तक और इंडिया टुडे टीवी के साथ एसोसिएट एडिटर के तौर पर जुड़े हैं। अंकित आज तक की विशेष जांच टीम और OSINT (ओपन सोर्स इंवेस्टिगेशन) टीम में योगदान करते हैं।
वीवीआईपी अगस्ता वेस्टलैंड मामले और स्कॉर्पीन सौदे पर उनकी कहानियों पर भारतीय संसद में बहस हुई है। वह भारत के दो सबसे विवादास्पद रक्षा सौदों, वीवीआईपी चॉपर डील (556.262 मिलियन यूरो) और राफेल जेट्स डील (7.8 बिलियन यूरो) में बिचौलियों के नेटवर्क की आम कड़ी को प्रकट करने वाले पहले पत्रकार थे। भारत के प्रधान मंत्री साथ ही प्रमुख विपक्षी नेताओं ने कई बार उनकी रिपोर्ट्स का हवाला दिया है।
भारतीय वायु सेना के बालाकोट एयरस्ट्राइक पर उनकी जांच एक भारतीय पत्रकार द्वारा की गई पहली जांच थी जिसमें