scorecardresearch
 

रूस ने ओनिक्स मिसाइल की टेस्टिंग की... समुद्र में 350 किमी दूर टारगेट ध्वस्त

रूस ने 13 सितंबर 2025 को ओनिक्स क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया. पैसिफिक फ्लीट ने कुरिल द्वीप के पास 350 किमी दूर समुद्री मॉक टारगेट को नष्ट किया. बास्टियन मिसाइल सिस्टम से दागी गई मिसाइल ने सटीक निशाना लगाया. यह बड़े कमांड एक्सरसाइज का हिस्सा था, जिसमें 10 से ज्यादा जहाज, विमान और पनडुब्बियां शामिल थीं.

Advertisement
X
ये है रूस का ओनिक्स मिसाइल जो राडार की पकड़ में नहीं आता. (Photo: X/OnyxSupersonic)
ये है रूस का ओनिक्स मिसाइल जो राडार की पकड़ में नहीं आता. (Photo: X/OnyxSupersonic)

रूस की सैन्य ताकत फिर से सुर्खियों में है. 13 सितंबर 2025 को रूसी पैसिफिक फ्लीट के तटीय मिसाइल क्रू ने ओनिक्स क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया. यह मिसाइल कुरिल द्वीपसमूह के परमुशिर द्वीप से लगभग 350 किलोमीटर दूर समुद्री लक्ष्य पर सीधा हमला करके उसे नष्ट कर दिया. यह परीक्षण पैसिफिक फ्लीट के बड़े कमांड एक्सरसाइज का हिस्सा था, जिसमें बास्टियन मिसाइल सिस्टम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

ओनिक्स मिसाइल क्या है?

ओनिक्स (P-800 Oniks) एक सुपरसोनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइल है, जो रूस द्वारा विकसित की गई है. यह ध्वनि की गति से ज्यादा तेज उड़ती है, जिससे दुश्मन के रडार इसे पकड़ना मुश्किल हो जाता है. यह मिसाइल समुद्री जहाजों, विमान वाहक समूहों या कन्वॉय को नष्ट करने के लिए बनाई गई है.

यह भी पढ़ें: Skyfall... रूस ने बना ली दुनिया की सबसे खतरनाक परमाणु मिसाइल! US डिफेंस सिस्टम भी होगा बेबस

  • रेंज: इसकी अधिकतम दूरी 300-600 किलोमीटर तक है, लेकिन परीक्षण में 350 किमी दूर लक्ष्य मारा गया.
  • स्पीड: मैक 2.5 (ध्वनि गति का 2.5 गुना) तक, जो इसे बहुत खतरनाक बनाती है.
  • वजन और वॉरहेड: वजन लगभग 3 टन. 200-300 किलोग्राम का विस्फोटक वारहेड.
  • उत्पत्ति: 1990 के दशक में विकसित, 2006 में रूसी नौसेना में शामिल. इसका निर्यात संस्करण 'याखोंट' कहलाता है, जो भारत के ब्रह्मोस मिसाइल का आधार है.

ओनिक्स को बास्टियन-P या बाल-ई मिसाइल सिस्टम से लॉन्च किया जाता है, जो मोबाइल तटीय रक्षा प्रणाली है. यह सिस्टम दुश्मन के जहाजों को दूर से ही डुबो सकता है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय वायुसेना चीन सीमा के पास करने जा रही सबसे बड़ी एयर एक्सरसाइज

बास्टियन मिसाइल सिस्टम क्या है?

बास्टियन (K-300P Bastion-P) रूस की उन्नत तटीय मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जो ओनिक्स मिसाइलों का इस्तेमाल करती है. यह सिस्टम तट से समुद्री खतरों का मुकाबला करने के लिए डिजाइन की गई है.

Russia tested Oniks missile

  • क्षमता: एक बास्टियन यूनिट में 36 ओनिक्स मिसाइलें हो सकती हैं. यह इलेक्ट्रॉनिक जंग और तीव्र हमलों के बीच भी काम करता है.
  • रेंज: 300 किमी तक लेकिन रूस का दावा है कि यह 600 किमी तक प्रभावी है.
  • उपयोग: रूस ने इसे क्रीमिया, कलिनिनग्राद और पैसिफिक क्षेत्र में तैनात किया है. 2016 में पैसिफिक फ्लीट को पहली बार मिला था.
  • विशेषता: यह मोबाइल है, यानी इसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है.

बास्टियन सिस्टम रूस की समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर आर्कटिक और पूर्वी क्षेत्रों में.

यह भी पढ़ें: जीआरएसई ने भारतीय नौसेना को सौंपा 'अंड्रोथ', दुश्मन की पनडुब्बियां छिप नहीं सकती

परीक्षण की पूरी कहानी: क्या हुआ?

13 सितंबर 2025 को पैसिफिक फ्लीट के तटीय मिसाइल क्रू ने परमुशिर द्वीप (कुरिल चेन का हिस्सा) से ओनिक्स मिसाइल दागी. लक्ष्य समुद्र में 350 किमी दूर रखा गया था, जो एक मॉक (नकली) समुद्री टारगेट था. मिसाइल ने सीधा निशाना लगाया और टारगेट को नष्ट कर दिया. सतह के जहाजों और नौसेना विमानों ने अभ्यास क्षेत्र को सुरक्षित रखा.

Advertisement

यह परीक्षण पैसिफिक फ्लीट के बड़े पैमाने के कमांड एक्सरसाइज का हिस्सा था, जो रूस के पूर्वोत्तर में समुद्री लाइनों और द्वीप क्षेत्रों की रक्षा का परीक्षण कर रहा था. इसमें शामिल थे...

  • 10 से ज्यादा जहाज और नावें.
  • कई विमान और हेलीकॉप्टर.
  • कई न्यूक्लियर पनडुब्बियां.
  • बास्टियन मिसाइल क्रू.

Russia tested Oniks missile

रूस का कहना है कि यह रूटीन एक्सरसाइज है, जो सैन्य तैयारियों को मजबूत करती है. कुरिल द्वीप जापान के साथ विवादित क्षेत्र है, इसलिए यह परीक्षण रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है.

रूस की सैन्य रणनीति

यह परीक्षण रूस की सैन्य क्षमता को दिखाने का तरीका है. पैसिफिक फ्लीट रूस की पूर्वी सीमाओं की रक्षा करता है, जो चीन, जापान और अमेरिका से लगी हुई हैं. ओनिक्स और बास्टियन सिस्टम आर्कटिक मार्ग (नया समुद्री रास्ता, जो ग्लोबल वार्मिंग से खुला है) की सुरक्षा के लिए जरूरी हैं.

  • रणनीतिक प्रभाव: यह परीक्षण रूस को समुद्री युद्ध में मजबूत बनाता है. दुश्मन के विमान वाहक या कन्वॉय को दूर से ही रोका जा सकता है.
  • पृष्ठभूमि: रूस ने पहले भी ऐसे परीक्षण किए हैं, जैसे 2019 में आर्कटिक में 200 किमी दूर टारगेट मारा. 2025 में जापड-2025 एक्सरसाइज के दौरान भी बास्टियन ने फ्रांज जोसेफ लैंड के पास मॉक फ्लीट को नष्ट किया.
  • वैश्विक संदर्भ: यूक्रेन युद्ध के बीच रूस अपनी सैन्य डॉक्ट्रिन को अपडेट कर रहा है. यह परीक्षण नाटो को संदेश देता है कि रूस की पूर्वी सीमाएं सुरक्षित हैं.
---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement