कम तापमान होने के कारण बर्फ का ठोस रूप में होने वाली वर्षा को बर्फबारी (Snowfall) कहा जाता है. भारत में दिसंबर और जनवरी के महीने में कश्मीर, हिमाचल, अरुणाचल, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर राज्यों में बर्फबारी होती है. साथ ही, लद्दाख सबसे अच्छी बर्फीली जगहों में से एक है. लद्दाख, सियाचिन ग्लेशियर से हिमालय पर्वतमाला तक फैला हुआ है. इसे दुनिया के सबसे ठंडे रेगिस्तान के रूप में भी जाना जाता है.
कश्मीर में सर्दियों की बर्फबारी ने पहाड़ों को सफेद चादर में ढक दिया है. बर्फबारी के कारण यहां की सुंदरता और बढ़ गई है. लोगों को बर्फीले नजारों के साथ-साथ कड़ाके की ठंड का सामना भी करना पड़ रहा है.
हिमाचल, उत्तराखंड और कश्मीर में हुई बर्फबारी से पहाड़ों की रौनक बढ़ गई है. मनाली, गुलमर्ग के पहाड़ों पर बर्फ का सफेद चादर बिछी दिखाई दे रही है.
Himachal Pradesh Snowfall: हिमाचल के अधिक ऊंचाई वाले दर्रों में भारी बफबारी के कारण मनाली-लेह मार्ग वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है. लाहौल-स्पीति जिले में तापमान माइनस में पहुंच गया है. तेज हवाओं के कारण सर्दी का असर और बढ़ गया है.
कश्मीर में चिल्ला कलां से पहले ही कड़ाके की सर्दी शुरू हो गई है. श्रीनगर की डल झील जमने लगी है.दक्षिण कश्मीर के कई इलाकों में पारा -7 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है.
कश्मीर में इस बार बर्फ नहीं गिरी, ठंड तो है पर भालू सो (हाइबरनेट) नहीं पा रहे. भूखे हिमालयी काले भालू जंगलों से निकलकर गांवों-शहरों में घुस रहे हैं. नवंबर में रिकॉर्ड 50 भालू पकड़े गए. ग्लोबल वार्मिंग से मौसम बदला गया है. जंगल में खाना कम हुआ, इसलिए भालू इंसानी इलाकों में आ रहे हैं. अब श्रीनगर भी भालुओं का नया ठिकाना बनता जा रहा है.
दुनिया का मौसम इस समय पूरी तरह बेकाबू हो चुका है. जमीन से 20-30 km ऊपर बहने वाली हवा यानी QBO नवंबर में ही पलट गई, जो आमतौर पर जनवरी-फरवरी में बदलती है. भारत समेत पूरी दुनिया पर 2025-26 में इसका भयंकर असर पड़ेगा. यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब भी बाढ़, ठंड और सूखे की दोहरी मार झेल रहे हैं. यह कोई स्थानीय मौसम नहीं, पूरा ग्लोबल सिस्टम टूटने की शुरुआत है.
पहाड़ों में अक्टूबर और नवंबर की बर्फबारी के बाद जबरदस्त शीतलहर का असर समय से पहले ही दिखाई देने लगा है. ठंड लगभग एक महिने पहले ही पहाड़ों में दस्तक दे चुकी है. आमतौर पर बद्रीनाथ धाम में कपाट बंद होने के बाद नाले, झरने और झीलें जमना शुरू होती है लेकिन इस बार हालात पहले ही ऐसे हो गए हैं. बता दें, अभी भी बद्रीनाथ यात्रा के 12 दिन शेष हैं लेकिन हर दिन बढ़ती ठंड लोगों को परेशान कर रही है.
अटलांटिक महासागर की समुद्री धारा खत्म हो रही है. आइसलैंड ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा घोषित किया. क्योंकि यह धारा यूरोप को गर्म रखती है. खत्म होने पर यूरोप में हिमयुग आ जाएगा. अफ्रीका, भारत और दक्षिण अमेरिका में बारिश का पैटर्न बिगड़ सकता है. किसानों को नुकसान होगा. वैज्ञानिक चेताते हैं- अगले दशकों में ये संकट जरूर आएगा.
अक्टूबर में बर्फबारी से सर्दी की जल्दी शुरुआत। ला नीना के चलते तापमान गिरेगा, दिल्ली में 4-6°C तक ठंड, IMD ने अलर्ट जारी किया.
अक्टूबर 2025 में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में बर्फबारी हो गई. ला नीना प्रभाव से दिसंबर-फरवरी तक सर्दी सामान्य से ठंडी (0.5-1°C कम) रहेगी. उत्तर भारत में कोल्ड वेव, दिल्ली में न्यूनतम 4-6°C. फसलें प्रभावित होगीं. पर्यटन को फायदा, लेकिन यात्रा में सावधानी जरूरी है.
अक्टूबर में उत्तर भारत के मौसम में महत्वपूर्ण परिवर्तन दर्ज किया गया है. कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में रिकॉर्ड बर्फबारी हुई है, जबकि मैदानी इलाकों में बेमौसम बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है. इस मौसमी बदलाव के कारण सेब और मक्के की फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं और कई महत्वपूर्ण मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं.
कश्मीर और हिमाचल में अक्टूबर की बेमौसम बर्फबारी और मैदानी इलाकों में अप्रत्याशित बारिश ने सबको चौंका दिया है. इस बदलाव से गुलमर्ग और सोनमर्ग जैसे पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की भीड़ उमड़ पड़ी है, लेकिन स्थानीय लोगों के लिए यह आफत बन गई है.
हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, पवित्र सरोवर और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर बर्फ की मोटी चादर में लिपटे हुए धूप की किरणों में चांदी से चमक रहे हैं.
अक्टूबर माह में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम के पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी हुई है. इसके चलते मैदानी इलाकों, विशेषकर दिल्ली-एनसीआर में देर रात से सुबह तक बारिश हुई, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई और दिसंबर जैसी ठंड महसूस की जा रही है. बद्रीनाथ, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे पवित्र स्थलों पर भी बर्फ की मोटी परत जम गई है.
हिमाचल प्रदेश और सिक्किम में बर्फबारी हुई है. हिमाचल प्रदेश के कई पहाड़ी इलाकों में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है. किन्नर जिले में कई जगहों पर बर्फबारी से पारा शून्य पहुंच चुका है, जिससे निचले इलाकों में ठंड बढ़ गई है. लाहौल स्पीति, कुल्लू और चंपा समेत कई इलाकों में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है.
तिब्बत के एवरेस्ट पर बर्फीला तूफान आने से सैकड़ों ट्रेकर्स फंस गए. रेस्क्यू टीमों ने 350 को कुदांग सुरक्षित पहुंचाया, बाकी 200 से संपर्क साध लिया है. कर्मा घाटी में शुक्रवार से भारी बर्फबारी हुई. ट्रेकर्स ने बताया कि अक्टूबर में कभी ऐसा नहीं देखा. जलवायु परिवर्तन का असर है.
जम्मू कश्मीर से लेकर दार्जिलिंग तक, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बेमौसम बारिश और बर्फबारी देखी जा रही है. दिल्ली एनसीआर में भी बारिश के चलते तापमान में गिरावट आई है, जिससे अक्टूबर के महीने में दिसंबर जैसी ठंड महसूस हो रही है. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मानसून की वापसी के बाद मजबूत पश्चिमी विक्षोभ इसके लिए जिम्मेदार है.
Snowfall in India: उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में सीजन की पहली बर्फबारी से ठंड का प्रकोप बढ़ गया है. बद्रीनाथ, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब और पांगी घाटी जैसे क्षेत्रों में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है. पांगी घाटी में बर्फबारी के कारण सड़क मार्ग बाधित हुआ है.
उत्तराखंड, हिमाचल और कश्मीर में सीजन की पहली Snowfall से ठंड ने दस्तक दे दी है. हेमकुंड साहिब, बद्रीनाथ और पांगी घाटी बर्फ की सफेद चादर में लिपटे, तापमान में आई 5 डिग्री की गिरावट.
कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल में सीजन की पहली बर्फबारी से पहाड़ बर्फ की चादर में लिपट गए. केदारनाथ धाम का दृश्य हुआ दिव्य.
अक्टूबर के पहले हफ्ते में कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल के कई इलाकों में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है.पहाड़ बर्फ की चादर से ढक गए हैं, जिससे नजारा बेहद खूबसूरत लग रहा है.