भारतीय संसद दो सदनों से मिलकर बनी है- लोकसभा (Loksabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha). जहां लोकसभा जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुने गए प्रतिनिधियों का मंच है, वहीं राज्यसभा राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों की प्रतिनिधि संस्था है. इसे "Council of States" यानी राज्यों की परिषद भी कहा जाता है. राज्यसभा का गठन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत किया गया है. इसकी अधिकतम सदस्य संख्या 250 हो सकती है, जिसमें से 238 सदस्य राज्य विधानसभाओं और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं द्वारा निर्वाचित होते हैं. जबकि 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामित किए जाते हैं, जो कला, साहित्य, विज्ञान और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियों वाले होते हैं. वर्तमान में राज्यसभा में कुल 245 सदस्य हैं.
राज्यसभा को "स्थायी सदन" कहा जाता है क्योंकि इसे भंग नहीं किया जाता, बल्कि हर दो साल में इसके एक तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं और उनके स्थान पर नए चुनाव होते हैं। इस प्रकार, यह सदन निरंतर कार्यशील बना रहता है.
राज्यसभा की शक्तियां और दायित्व लोकसभा के समान ही हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में इसकी भूमिका अलग या सीमित होती है-
राज्यसभा, लोकसभा की तरह ही, विधेयकों (बिल्स) को पारित करने में भाग लेती है. किसी भी सामान्य विधेयक को दोनों सदनों की मंजूरी लेनी होती है. हालांकि, वित्तीय विधेयकों (Money Bills) पर अंतिम अधिकार केवल लोकसभा का होता है.
अनुच्छेद 249 - राज्यसभा को यह विशेषाधिकार है कि वह अगर विशेष बहुमत (दो-तिहाई उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का समर्थन) से प्रस्ताव पारित करे तो संसद को राज्य सूची में दिए गए किसी विषय पर कानून बनाने की अनुमति दे सकती है.
राज्यसभा को राष्ट्रपति शासन की पुष्टि और आपातकालीन घोषणाओं की स्वीकृति देने का भी अधिकार है.
राज्यसभा में विशेषज्ञता और विविध अनुभव वाले सदस्य होते हैं, जिससे यह मंच गहन और गुणवत्ता पूर्ण बहसों का केंद्र बनता है. यहां राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा की जाती है.
राष्ट्रपति द्वारा नामित किए गए सदस्य अक्सर अपने क्षेत्रों में विशेषज्ञ होते हैं और सदन में विषयगत गहराई और विविध दृष्टिकोण लाते हैं. उन्होंने ऐतिहासिक रूप से शिक्षा, संस्कृति, विज्ञान और मानवाधिकार जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
हालांकि राज्यसभा की उपयोगिता पर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं- जैसे कि इसे "अनावश्यक" या "विलंबकारी" कहा गया- परंतु संविधान निर्माताओं का उद्देश्य स्पष्ट था: लोकतंत्र को संतुलन देना और राज्यों की आवाज को संसद में सुनिश्चित करना.
राज्यसभा की विशेषज्ञता आधारित चर्चा, कानून निर्माण में संतुलन, और संघीय ढांचे की रक्षा की भूमिका इसे भारतीय लोकतंत्र का एक अनिवार्य अंग बनाती है.
सरकार ने गुरुवार को संसद को बताया कि विभिन्न संगठनों द्वारा उद्धृत वैश्विक वायु गुणवत्ता रैंकिंग किसी आधिकारिक प्राधिकरण द्वारा आयोजित नहीं की जाती है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश केवल सलाहकारी मूल्यों के रूप में कार्य करते हैं, बाध्यकारी मानकों के रूप में नहीं.
Parliament Winter Session Live Updates: लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा का गृह मंत्री अमित शाह जवाब दे रहे हैं. लोकसभा में चुनाव सुधार पर दो दिन चर्चा हुई. ताजा अपडेट्स के लिए पेज को रिफ्रेश करते रहें...
राज्यसभा में वंदे मातरम् को लेकर हुई बहस में बीजेपी सांसद डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर का जिक्र किया. उन्होंने 1923 के काकीनाडा अधिवेशन का हवाला देते हुए बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मोहम्मद अली जौहर ने पलुस्कर को वंदे मातरम् गाने से रोका था, जबकि पलुस्कर ने विरोध स्वरूप पूरा गीत गाया.
राज्यसभा के शीतकालीन सत्र में वंदे मातरम् पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् के टुकड़े करने से देश का बंटवारा हुआ.
राज्यसभा में वंदे मातरम् पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल ने विपक्ष पर तुष्टिकरण की राजनीति करने और वंदे मातरम् का विरोध करने का आरोप लगाया.
Vande Mataram Rajya Sabha Debate Live Updates: संसद का शीतकालीन सत्र जारी है. लोकसभा और राज्यसभा दोनों में जोरदार बहसें चल रही हैं. सोमवार को लोकसभा में वंदे मातरम् पर जोरदार बहस हुई. जिसमें पीएम मोदी ने चर्चा की शुरुआत की तो विपक्ष की ओर प्रियंका गांधी ने सत्ता पक्ष पर पलटवार किया. मंगलवार को राज्यसभा में इसी मुद्दे पर चर्चा हुई और सदन में कई बार हंगामा हुआ.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में वंदे मातरम् के सम्मान से जुड़ी अस्वीकार्य घटनाओं का उल्लेख करते हुए विपक्षी सांसदों द्वारा राष्ट्रगीत से इनकार करने के कई उदाहरण पेश किए. उन्होंने राज्यसभा सचिवालय को ऐसे दस्तावेज सौंपे जिनमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आरजेडी समेत कई दलों के नेताओं द्वारा वंदे मातरम् के सम्मान में अनुचित व्यवहार दर्ज है.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पार्टी पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया और राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर राम मंदिर न जाने पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि 1980 में आप ईवीएम (EVM) लाने वाले थे, और आज आप उसी के खिलाफ बोल रहे हैं.
आज राज्यसभा में वंदे मातरम विषय पर चर्चा होने जा रही है जिसमें दोपहर एक बजे गृहमंत्री अमित शाह इस बहस की शुरुआत करेंगे. इससे पहले कल लोकसभा में इस विषय पर बहस हुई थी, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर कड़े प्रहार किए थे तो वहीं विपक्ष की ओर से भी जवाब देते हुए बहस में हिस्सा लिया गया.
संसद के चालू शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी दोनों सदनों एसआईआर के मुद्दे पर हंगामा जारी रहा. हंगामे के बीच ही राज्यसभा ने मणिपुर जीएसटी बिल लौटा दिया है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के बीच तीखी तकरार भी नजर आई.
वंदे मातरम के मुद्दे पर ममता बनर्जी के सपोर्ट की असली वजह पश्चिम बंगाल में अगले साल होने जा रहा विधानसभा चुनाव है. संसद में विशेष चर्चा को भी टीएमसी ने गौरवपूर्ण बताया है - वरना, ममता बनर्जी की राय तो 'जय श्रीराम' के नारे पर रिएक्शन जैसा भी हो सकता था.
संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा. राज्यसभा में पहले दिन सीपी राधाकृष्णन ने सदन की कार्यवाही की कमान संभाल ली है. हंगामे के बीच लोकसभा में तीन बिल पेश किए गए, जिनमें से एक बिना चर्चा के पारित भी हो गया है.
शीतकालीन सत्र के पहले दिन बिहार से बीजेपी सांसद धर्मशीला गुप्ता शून्यकाल के दौरान मौका मिलने पर भी इसलिए नहीं बोल पाईं, क्योंकि उनके पास वो नहीं था जो बोलना था. वहीं, संगीता यादव दूसरे ही विषय पर बोल गईं.
संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है जो कि 19 दिसंबर तक चलेगा. देश के 12 राज्यों में चल रही SIR को लेकर विपक्ष ने संसद में सरकार को घेरने का प्लान बनाया है. दिल्ली में हुए आतंकी धमाके के सिलसिले में NIA ने कश्मीर घाटी के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर छापेमारी की है. वहीं, पाकिस्तान में सैन्य नेतृत्व को लेकर एक बड़ा संवैधानिक और प्रशासनिक संकट पैदा हो गया है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे राष्ट्रीय जनता दल के लिए चुनौतियां ही चुनौतियां लेकर आई है. एक और तो राज्य की राजनीति में पार्टी का प्रतिनिधित्व सिकुड़ गया है वही केंद्र की सियासत में भी आरजेडी की शक्ति कमजोर हो जाएगी. ऐसे नतीजों की वजह से संसद के उच्च सदन राज्यसभा में ऐसी स्थिति आ सकती है कि वहां RJD का कोई सांसद ना हो.
AAP ने पंजाब में खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए Trident Group के उद्योगपति राजिंदर गुप्ता को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. गुप्ता जल्द ही मुख्यमंत्री भगवंत मान की मौजूदगी में नामांकन दाखिल करेंगे.
CP Radhakrishnan elected as India’s 17th Vice President. जानें उनकी Salary, Pension, Bungalow, Bulletproof Car और मिलने वाली Z+ Security की पूरी जानकारी.
लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग करते हैं और संख्याबल के लिहाज से एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन का पलड़ा बहुत भारी है. लेकिन INDIA ब्लॉक ने बी. सुदर्शन को वैचारिक लड़ाई लड़ने के लिए चुनाव में खड़ा किया है.
मॉनसून सत्र की शुरुआत जब हुई, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ थे. समापन के समय कार्यवाहक सभापति हरिवंश चेयर का चेहरा बन चुके थे. राज्यसभा में जीरो ऑवर के बाद लिस्टेड बिजनेस लेने की परंपरा भी इस बार बदल गई.
Explainer: Online Gaming Industry में होगा बड़ा बदलाव, सरकार ऑनलाइन बेटिंग वाले गेमिंग-ऐप्स पर पूरी तरह से बैन लगाएगी
मॉनसून सत्र में लोकसभा में जिन सांसदों को 120 घंटे देश के हित में चर्चा करनी थी, वहां केवल 37 घंटे काम हुआ. 83 घंटे बर्बाद कर दिए गए. यानी 31 फीसदी काम हुआ. 69 फीसदी समय मेरी सियासत-तुम्हारी सियासत के नाम हंगामे में बहा दिया गया और यही राज्यसभा में हुआ. जहां 120 घंटे के काम के नाम पर 47 घंटे काम करके सांसदों ने अपने हित के हंगामे के कारण देशहित के 73 घंटों को बर्बाद होने दिया. यानी 38 फीसदी काम किया.