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कुपवाड़ा

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कुपवाड़ा

कुपवाड़ा (Kupwara) जम्मू और कश्मीर (Jammu-Kashmir) केंद्रशासित प्रदेश का एक सीमावर्ती जिला है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विविधता और सामरिक महत्व के लिए जाना जाता है. यह क्षेत्र भारत-पाकिस्तान की नियंत्रण रेखा (LoC) के नजदीक स्थित है और उत्तरी कश्मीर का एक प्रमुख जिला है.

कुपवाड़ा जिला श्रीनगर से लगभग 90 किलोमीटर उत्तर में स्थित है. इसके उत्तर और पश्चिम में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK), दक्षिण में बारामुला तथा पूर्व में बांदीपोरा जिले की सीमाएं लगती हैं. यहां की भौगोलिक बनावट पहाड़ी है और अधिकतर क्षेत्र घने जंगलों, बर्फ से ढकी चोटियों और नदी-नालों से भरा है.

कुपवाड़ा का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है. यह क्षेत्र पुराने समय में कश्मीर घाटी का प्रवेश द्वार माना जाता था. यहां रहने वाले लोग विविध समुदायों से आते हैं जिनमें मुख्यतः कश्मीरी मुसलमान, गोजरी और पश्तो भाषी लोग शामिल है. इनकी संस्कृति में लोक संगीत, नृत्य, पारंपरिक हस्तशिल्प और रंगीन पोशाकें शामिल हैं.

हाल के वर्षों में कुपवाड़ा एक उभरता हुआ पर्यटन स्थल बन रहा है. यहां कई दर्शनीय स्थल हैं-

बंगुस घाटी (Bangus Valley)- यह एक खूबसूरत और शांत घाटी है, जो अभी तक पर्यटकों की भीड़ से बची हुई है. यहां की हरियाली, घास के मैदान और पाइन के जंगल मन को मोह लेते हैं.

लोलाब घाटी (Lolab Valley)- इसे “वैली ऑफ लव एंड ब्यूटी” कहा जाता है. इसकी प्राकृतिक छटा और शांति इसे आदर्श पर्यटन स्थल बनाती है.

कर्नाह और केरन सेक्टर- सीमावर्ती गांवों की संस्कृति और जीवनशैली को समझने के लिए ये बेहतरीन स्थान हैं, हालांकि विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है.

कुपवाड़ा भारत की सुरक्षा दृष्टि से एक महत्वपूर्ण जिला है. यह नियंत्रण रेखा (LoC) से सटा हुआ है, जहां भारतीय सेना की भारी तैनाती रहती है. यह क्षेत्र अतीत में आतंकवाद और घुसपैठ का केंद्र रहा है, लेकिन अब हालात पहले से बेहतर हुए हैं.

कुपवाड़ा की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि, पशुपालन और वनों पर निर्भर है. सेब, अखरोट, और अन्य फल यहां की प्रमुख फसलें हैं. हाल के वर्षों में पर्यटन और हैंडीक्राफ्ट उद्योग को भी बढ़ावा मिल रहा है.

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