यहूदी धर्म
यहूदी धर्म (Judaism) एक अब्राहमिक, एकेश्वरवादी और जातीय धर्म है जिसमें यहूदी लोगों की सामूहिक धार्मिक, सांस्कृतिक और कानूनी परंपरा और सभ्यता शामिल है (Judaism, Monotheistic Religion). कांस्य युग के दौरान मध्य पूर्व में एक संगठित धर्म के रूप यह सामने आया था. कुछ विद्वानों का तर्क है कि आधुनिक यहूदी धर्म 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व के अंत तक, प्राचीन इजराइल और यहूदी के धर्म याहविस्म से विकसित हुआ (Judaism History).
यहूदी धर्म में हिब्रू भगवान को एकात्मक और एकान्त के रूप में चित्रित किया गया है. माना गया है कि इब्रानी परमेश्वर के प्रमुख दुनिया और उनके द्वारा बनाए गए लोगों के साथ हैं. यहूदी धर्म नैतिक एकेश्वरवाद से शुरू होता है. उनका यह विश्वास है कि ईश्वर एक है और मानव जाति के कार्यों से संबंधित है (Faith of Judaism). इब्रानी बाइबल के अनुसार, परमेश्वर ने अब्राहम से वादा किया था कि वह अपनी संतानों को एक महान राष्ट्र बना देगा (Hebrew Bible).
द टोरा, तनाख नाम के बड़े पाठ का हिस्सा है. तनाख धर्म के धर्मनिरपेक्ष विद्वानों को हिब्रू बाइबिल के रूप में और ईसाइयों को "ओल्ड टेस्टामेंट" के रूप में भी जाना जाता है. टोरा की पूरक मौखिक परंपरा को बाद के ग्रंथों जैसे मिड्राश और तल्मूड में दर्शाया गया है (Judaism, The Tora).
यहूदी धर्म के ग्रंथों, परंपराओं और मूल्यों ने ईसाई धर्म और इस्लाम सहित धर्मों को प्रभावित किया है. हेलेनिज़्म की तरह, हेब्रिज़्म ने प्रारंभिक ईसाई धर्म के पृष्ठभूमि के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है (Early Christianity based on Judaism).
नेतन्याहू का कहना है कि ऑपरेशन राइजिंग लॉयन टारगेटेड मिलिट्री ऑपरेशन है, जिसका मकसद इजरायल के अस्तित्व के समक्ष बने ईरान के खतरे को खत्म करना है. इस ऑपरेशन को तब तक जारी रखा जाएगा, जब तक इस खतरे को जड़ से खत्म नहीं कर दिया जाता.
21 मई को अमेरिका में यहूदी दूतावास के दो कर्मचारी अमेरिका में मार डाले गए. ये दोनों यहूदी थे. इससे पहले, भारत में कश्मीर के पहलगाम और पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंदुओं को निशाना बनाया गया. अंजना के साथ ब्लैक एंड व्हाइट विश्लेषण में देखिए दुनियाभर में यहूदी-हिंदू नफरत के शिकार क्यों हैं?
भारत की नई नीति के तहत किसी भी आतंकी हमले को देश पर हमला माना जाएगा और 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत कार्रवाई होगी. इसी बीच, अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की उनके धर्म के कारण हत्या कर दी गई, जिसे दुनिया भर में यहूदियों और हिंदुओं के खिलाफ़ बढ़ती नफ़रत का नतीजा माना जा रहा है. देखें 'B&W'.
सारा मिल्ग्रिम इजरायली दूतावास के पब्लिक डिप्लोमेसी डिपार्टमेंट में काम करती थीं. उनके पास अमेरिकन यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल स्टडीज में मास्टर्स डिग्री थी. इसके अलावा यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी ऑफ पीस से नेचुरल रिसोर्सेज एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट की मास्टर डिग्री भी थी.
अमेरिका में अपने दूतावास के दो कर्मचारियों की हत्या के बाद इजरायली पीएम नेतन्याहू ने हमले में मारे गए लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है. साथ ही उन्होंने दुनियाभर में स्थित इजरायली दूतावासों और कर्मचारियों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है.
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बैंक्सटाउन अस्पताल में दो मुस्लिम नर्सों द्वारा यहूदी मरीजों की हत्या का मामला सामने आया है. वीडियो चैट में इन नर्सों ने स्वीकार किया कि उन्होंने कई यहूदी मरीजों को 'जहन्नुम' भेजा है. इस घटना ने ऑस्ट्रेलिया में हड़कंप मचा दिया है और प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. देखें वीडियो.
फिलिस्तीन के मशहूर कवि महमूद दरवेश की कविताओं में प्यार और फिर अलगाव अक्सर देखने को मिला. उन्होंने एक बार लिखा कि मेरे धर्म, मेरे शहर और रीति-रिवाजों की बेड़ियों के बावजूद मैं तुमसे प्यार करता हूं. लेकिन मुझे डर है कि अगर सबकुछ बेच दूंगा तो तुम मुझे बेच दोगी और मेरे पास निराशा के अलावा कुछ नहीं बचेगा
रिसर्च जर्नल टेलर एंड फ्रांसिस ने एक रिसर्च पेपर में ये माना था कि 19वीं सदी में यहूदियों में मृत्युदर सबसे ज्यादा रही. वहीं, सेंट्रल यूरोपियन यूनिवर्सिटी ने भी यही माना था कि दुनिया में जितने भी समुदाय हैं, उनमें ज्यूइश कम्युनिटी में डेथ रेट ज्यादा है. यही वजह है कि यहूदियों की आबादी तेजी से घट रही है.
नई दिल्ली में स्थित इजरायली दूतावास ने यहूदी समुदाय के खिलाफ नरसंहार को उचित ठहराने वाली टिप्पणियों के लिए संजय राउत के खिलाफ विदेश मंत्रालय को कड़े शब्दों में एक वर्बल नोट और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र भेजा है.
दिल्ली-NCR की हवा एक हफ्ते से ज्यादा समय से जहरीली बनी हुई है. ज्यादातर जगहों पर एवरेज एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) पांच सौ पार रहा. यहां तक कि दिल्ली-नोएडा की तुलना गैस चैंबर से हो रही है. हिटलर के कुख्यात गैस चैंबर ने लाखों यहूदियों की जान ली थी. तो क्या दिल्ली-एनसीआर की हवा वाकई गैस चैंबर जितनी खतरनाक हो चुकी?
इजरायली विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए इस ऑडियो में सुनाई दे रहा है कि कैसे हमास का यह लड़ाका महमूद अपने पिता को फोन कर बताता है कि उसने 10 यहूदियों की हत्या कर दी है. यह सुनकर उसके माता-पिता बहुत खुश होते हैं.
इजरायली यकीन के मुताबिक 3 हजार साल पहले उनपर दूसरी ताकतों का हमला हुआ. इस समय लगभग 12 यहूदी जातियां देश से निष्काषित कर दी गईं. मणिपुर में रह रहे कुकी इन्हीं में से एक हैं. इजरायल इन्हें वापस बुलाकर नागरिकता का वादा भी कर रहा है. हालांकि गए हुए कुकी लोग वहां मुख्य शहरों नहीं, बल्कि गाजा पट्टी के बॉर्डर पर बसा दिए गए.
वैसे यहूदियों के धार्मिक ग्रंथ तोराह में लिखा है कि इजरायल वो अकेली जमीन है, जिसे खुद ईश्वर ने बनाया और उसे यहूदियों के हवाले कर दिया. इसमें पड़ोसी देशों के सीमावर्ती हिस्सों का भी जिक्र है. ये इलाके आज के इजिप्ट, सीरिया, लेबनान और इराक में आते हैं. हालांकि, यहूदी इन पर कोई दावा नहीं करते
7 अक्टूबर 2023 की सुबह जब हमास के आतंकियों ने दक्षिणी इजरायल में यहूदियों का कत्लेआम किया तो गाजा में जश्न फैल गया. इजरायली लाशों को गाजा की सड़कों पर घुमाया गया. बच्चे, बूढ़े, औरतें यह मंजर देखकर जश्न मना रहे थे. और आज उसी गाजा पर इजरायल ने मौत बरसा दी है. हर तरफ लाशें ही लाशें हैं. मातम ही मातम.
इजरायल और हमास की लड़ाई में इजरायल की तरफ से लड़ने वालों में भारतीय मूल के यहूदी भी शामिल हैं. कुछ सैनिक तो कुछ साल पहले ही भारत से इजरायल जाकर बसे हैं और अब वो हमास के खिलाफ लड़ने जा रहे हैं.
हमास और इजरायल के बीच बड़े पैमाने पर लड़ाई चल रही है. इसी बीच एक वायरल तस्वीर को लेकर कहा जा रहा है कि हमास के इजरायल पर हमले के पीछे की एक वजह ये तस्वीर भी हो सकती है. तस्वीर सऊदी अरब गए इजरायली प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य की है जिसमें वो यहूदी प्रार्थना कर रहा है.
आम सोच है कि यहूदी आबादी सिर्फ इजरायल में बसी हुई है, या फिर पश्चिमी देशों में, लेकिन भारत में भी यहूदी कम्युनिटी रहती है. बंगाल से लेकर केरल तक फैला ये समुदाय 1940 के दशक में अच्छी-खासी संख्या में था, लेकिन धीरे-धीरे ये घट गए. यहां तक कि इन्हें हिंदुस्तान की सबसे छोटी माइनोरिटी में गिना जाता है. आइए जानते हैं इस समुदाय के बारे में.
अमेरिकन ज्यूइश कमेटी ने कई रिसर्च पेपर में बताया कि मध्यकाल में यहूदियों से कैथोलिक समुदाय कैसे नफरत करने लगा था? इसमें बताया गया कि कैथोलिक समुदाय मानने लगा था कि यहूदियों के कारण उनके घर पर बच्चे बीमार होते हैं या पशुओं की मौत होती है.
यहूदियों ने भारत में करीब 3 हजार साल पहले एंट्री ली थी. उस दौर का यहूदी राजा सोलोमन था, जिसकी रूचि भारत के साथ व्यापार में थी. इसी से ये रिश्ता मजबूत हुआ. 1940 के दशक में बंगाल से लेकर केरल तक ये अच्छी संख्या में मौजूद थे, लेकिन धीरे-धीरे ये काफी कम रह गए. अब इन्हें हिंदुस्तान की सबसे छोटी माइनोरिटी माना जाता है.
स्वीडन में पिछले सप्ताह बकरीद के मौके पर एक शख्स ने कुरान जलाकर विरोध प्रदर्शन किया था. जिसको लेकर शुरू हुआ विवाद अभी थमा भी नहीं है कि फ्री स्पीच के पैरोकारों ने स्वीडिश पुलिस से यहूदी धार्मिक ग्रंथ तौरात (Torah), ईसाई धर्म ग्रंथ बाइबिल और एक और कुरान जलाने की अनुमति मांगी है.
कई देशों में हिंदू हेट क्राइम झेल रहे हैं. अमेरिका से लेकर कनाडा और ब्रिटेन तक से यही शिकायतें आ रही हैं. लगभग हर मजहब के साथ यही हाल है. हर धर्म से दुनिया का कोई न कोई हिस्सा जमकर नफरत करता है, लेकिन एक धर्म ऐसा भी है, जिसे सबसे ज्यादा हिंसा झेलनी पड़ी. यहूदियों के बारे में माना जाता है कि ये लोग सदियों से नफरत झेलते आए.