गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) सभी आध्यात्मिक और शैक्षणिक गुरुओं को समर्पित एक परंपरा है. यह भारत (India), नेपाल (Nepal) और भूटान (Bhutan) में हिंदुओं, जैनियों और बौद्धों द्वारा एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है (Guru Purnima Celebrated). यह त्योहार पारंपरिक रूप से किसी के चुने हुए आध्यात्मिक शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस साल यह 10 जुलाई को मनाया जाएगा.
महात्मा गांधी ने अपने आध्यात्मिक गुरु श्रीमद राजचंद्र को श्रद्धांजलि देने के लिए इस उत्सव को मनाया था. इसे व्यास पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह वेद व्यास के जन्मदिन का प्रतीक है (Birthday of Ved Vyas). वह एक ऋषि थे जिन्होंने महाभारत को लिखा और वेदों का संकलन किया.
भारतीय शिक्षाविद अपने शिक्षकों को धन्यवाद देकर इस दिन को मनाते हैं. कई स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ऐसे आयोजन होते हैं जिनमें छात्र अपने शिक्षकों को खास सम्मान देते हैं और पिछले गुरुओं को याद करते हैं. हिन्दू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. माना जाता है कि गुरु का स्थान सर्वश्रेष्ठ होता है. गुरु भगवान से भी ऊपर होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वो गुरु ही होता है जो व्यक्ति को अज्ञानता के अंधकार से उबारकर सही रास्ता दिखाता है. गुरु व्यक्ति की सफलता और खुशी के लिए आशीर्वाद देते हैं (Guru Purnima Celebrated for Teacher).
भगवती स्तुति ने तो स्पष्ट कहा है कि व्यक्ति को श्रद्धापूर्वक दान देना चाहिए, श्रद्धा न भी हो तो भी दान कर देना चाहिए, आर्थिक स्थिति के अनुसार दान देना सबसे सुयोग्य है, लज्जा, भय, सहानुभूति और जब विवेक जगे तब भी विवेकपूर्वक दान देना चाहिए. कहने का आशय यह है कि दान की स्थिति कैसी भी हो, यदि आपके द्वारा वह दिया गया है तो कुछ न कुछ फलीभूत जरूर होता है.
Guru Purnima Wishes 2025: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने शिक्षकों, मेंटर्स और मार्गदर्शकों को मैसेज भेजकर आप अपने सम्मान और कृतज्ञता को भावपूर्ण तरीके से व्यक्त कर सकते हैं.
Guru Purnima 2025: इस बार गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई यानी कल मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ की पूर्णिमा पर करोड़ों लोग गुरु पूर्णिमा मनाते हैं. गुरु पूर्णिमा अंधभक्ति का दिन नहीं बल्कि उस गुरु के प्रति गहन कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर है, जिन्होंने जीवन को और अधिक स्पष्ट रूप से देखने में मदद की.
Guru Purnima 2025: इस बार गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई यानी आज मनाई जा रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनाते हैं. इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म भी हुआ था इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं.
जुलाई के महीने में दो बड़ी एकादशी के व्रत भी रखे जाएंगे, जिसमें देवशयनी एकादशी और कामिका एकादशी का व्रत आता है. व्रत और त्योहार के साथ जुलाई में गुरु, सूर्य समेत 6 बड़े ग्रहों का राशि परिवर्तन भी होने वाला है. साथ ही, शनि और बुध क्रमश: 13 जुलाई और 18 जुलाई को वक्री चाल शुरू करेंगे.
Ashadh Month 2025: आषाढ़ के महीने में सबसे ज्यादा फलदायी उपासना गुरु की होती है. इसके अलावा, इस महीने देवी की उपासना भी शुभ फल देती है. श्री हरि विष्णु की उपासना से संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है. इस महीने में जल देव की उपासना से धन की प्राप्ति सरल हो जाती है.
Guru Purnima 2024: गुरु पूर्णिमा का दिन परम कल्याणकारी होता है. यह शुभ दिन गुरु की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है जो ज्ञान और आत्मज्ञान के मार्ग पर व्यक्तियों का मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि 21 जुलाई यानी आज मनाई जा रही है.
Guru Purnima 2024: इस साल गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई यानी आज है. आषाढ़ पूर्णिमा के दिन स्नान-दान बहुत ही शुभ माना जाता है. गुरु पूर्णिमा को आषाढ़ी पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. इस दिन शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करते हैं. गुरु पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है.
हर साल सुपरमून निकलते हैं. इनके नाम भी अलग-अलग होते हैं. क्योंकि अलग-अलग देशों में इनके नाम विभिन्न संस्कृतियों, समय और त्योहारों के हिसाब से दिए जाते हैं. आज बात करेंगे जो बकमून (Buckmoon) की. यह एक फुलमून है. यानी पूर्णिमा का चांद. देखिए इसकी खूबसूरत तस्वीरें ... वो भी पूरी दुनिया से.
गुरु पूर्णिमा पर जो चांद दिखा उसे 'बकमून' क्यों कहा गया? जानिए इसके पीछे की कहानी
गुरू पूर्णिमा का व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि महर्षि वेद व्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा के दिन हुआ था. इस दिन शिष्य अपने गुरू की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. शिष्य इस दिन अपने सारे अवगुणों को गुरू को अर्पित कर देता है.
शिरडी में गुरू पूर्णिमा का उत्सव तीन दिनों तक मनाया जाता है और वहां इस वक्त रौनक भी अलग ही होती है. वहीं इस पावन दिन पर दिल्ली के गौरी शंकर मंदिर में भी आस्था का जनसैलाब उमड़ा. यहां भक्तों ने भगवान के दर्शन किए. गोरखपुर में सीएम योगी ने भी अपने गुरू की अराधना की.
गुरु पूर्णिमा के मौके पर शिरडी साईं बाबा मंदिर में खूब रौनक है. यहां साईं बाबा से आशीर्वाद के लिए भक्तों की भीड़ लग रही है. शिरडी में गुरू पूर्णिमा का उत्सव तीन दिनों तक मनाया जाता है. देखें शिरडी में कैसा है माहौल.
हिंदू धर्म में गुरु के महत्व का विशेष रूप से वर्णन किया गया है. पौराणिक काल से ही गुरु का स्थान देवताओं से ऊपर बताया गया है. शास्त्रों के मुताबिक गुरू पूर्णिमा के दिन अपने गुरु का आशीर्वाद लेने से जीवन में सुख-शांति, धन-संपत्ति और वैभव बना रहता है. शिरडी में भी साईं बाबा से आशीर्वाद के लिए भक्तों की भीड़ लगनी शुरु हो गई है.
सोमवार के दिन देश भर में गुरु पूर्णिमा का त्यौहार मनाया गया. इस दौरान श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया. देखें वीडियो.
आज गुरु पूर्णिमा है और इस दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. इस दिन शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करता है और यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करता है शिष्य इस दिन अपनी सारे अवगुणों को गुरु को अर्पित कर देता है. पंडित शैलेंद्र पांडे बता रहे हैं गुरु पूर्णिमा का महत्व? जानिए कैसे करें अपने गुरु की पूजा.
Guru Purnima 2023 Quotes, wishes, and messages in Hindi: गुरु पूर्णिमा का त्योहार अपने गुरु के प्रति आस्था और प्रेम भाव व्यक्त करने का महापर्व है. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आप अपने प्रिय गुरुजनों को खास मैसेज भेजकर गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Guru Purnima 2023: आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही वेदों के रचयिता महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था. सबसे पहले वेदों की शिक्षा महर्षि वेदव्यास ने ही दी थी इसलिए हिन्दू धर्म में उन्हें प्रथम गुरु का दर्जा दिया गया है. यही वजह है कि गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है.
Guru Purnima 2023: गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास को समर्पित है और इस दिन देवगुरु बृहस्पति की भी पूजा की जाती है. गुरु पूर्णिमा के कुछ खास नियम भी होते हैं. आइए आज गुरु पूर्णिमा पर उन गलतियों के बारे में बताते हैं जो कभी गुरु के सामने नहीं करनी चाहिए.
Guru Purnima 2023: हिंदू धर्म में गुरुओं को सबसे ऊंचा दर्जा दिया जाता है. इस साल गुरु पूर्णिमा 03 जुलाई यानी आज मनाई जा रही है. गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेद व्यास की पूजा भी की जाती है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है. आइए जानते हैं कि गुरु पूर्णिमा का दिन क्यों इतना खास होता है.
Guru Purnima 2023: गुरु पूर्णिमा का व्रत 3 जुलाई को रखा जाएगा. हिन्दू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के ही दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था. यही वजह है कि इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी मनाया जाता है.