दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) एक राजनीतिज्ञ और राज्यसभा में संसद सदस्य हैं. वह कांग्रेस पार्टी की अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव हैं. वह मध्य प्रदेश के 14वें मुख्यमंत्री रहे हैं (Digvijay Singh Former CM Madhya Pradesh). इससे पहले वह 1980-84 के बीच मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के मंत्रिमंडल में मंत्री थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भोपाल (Bhopal) लोकसभा सीट से प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Pragya Singh Thakur) ने हराया था.
दिग्विजय सिंह का जन्म 28 फरवरी 1947 को इंदौर (Indore) में हुआ था (Digvijay Singh Age). उनके पिता, बलभद्र सिंह (Balbhadra Singh), राघोगढ़ के राजा थे (King of Raghogarh), जिन्हें वर्तमान में मध्य प्रदेश के गुना जिले के रूप में जाना जाता है. उनके पिता 1951 के चुनावों के बाद राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लिए स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में विधान सभा (MLA) के सदस्य थे (Digvijay Singh Father).
दिग्विजय सिंह ने द डेली कॉलेज, इंदौर और श्री गोविंदराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (एसजीएसआईटीएस) इंदौर से बी.ई. मैकेनिकल इंजीनियरिंग की (Digvijay Singh Education).
सिंह ने 1969 आशा सिंह से शादी की (Digvijay Singh Wife), उनकी 2013 में मृत्यु हो गई. उनकी चार बेटियां और एक बेटा है (Digvijay Singh Children). बेटे का नाम जयवर्धन सिंह हैं, जो मध्य प्रदेश की 14वीं विधानसभा के सदस्य थे और शहरी विकास और आवास मंत्री के रूप में सेवारत थें (Digvijay Singh Son).
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सरकार पर निशाना साधा हा. उन्होनें कहा कि देश में लोकतंत्र और संविधान की सुरक्षा आज बहुत जरूरी हो गई है. वक्त आ गया है जब हम सब मिलकर अपने लोकतंत्र की रक्षा करें और संविधान के मूल सिद्धांतों को बनाये रखें। देश के हर नागरिक को अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझना होगा.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने 'X' पर पोस्ट कर दिल्ली दंगे के आरोपी उमर खालिद का समर्थन किया और उसे बेकसूर बताकर तत्काल रिहा करने की मांग की. यह मांग सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले आई. इस पर, बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह का व्यवहार पाकिस्तानियों जैसा है, उन्हें आतंकवादियों की चिंता है और उन्हें पाकिस्तान जाकर डेरा डालना चाहिए.
Amruta Fadnavis Bhajan: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस के हाल ही में रिलीज हुए भजन 'कोई बोले राम राम, कोई खुदाए"' को न सिर्फ सोशल मीडिया पर जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है, बल्कि राजनीतिक गलियारों से भी इसकी प्रशंसा हो रही है.
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि जिन दवा कंपनियों ने जहरीली दवाएं बेचीं, उन्हें संरक्षण इसलिए मिल रहा है क्योंकि उन्होंने केंद्र में सत्ता में बैठी बीजेपी को चुनावी फंड दिया है. उन्होंने कहा कि दवा कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से कुल 945 करोड़ रुपये बीजेपी को चंदा दिए.
संसद में 24 स्थायी समितियों का गठन किया गया. सभी समितियों के अध्यक्ष बरकरार रखे गए हैं. शशि थरूर विदेश मामलों की समिति, राजीव प्रताप रूडी जल संसाधन समिति और डोला सेन वाणिज्य समिति की कमान संभालेंगे. सिलेक्ट कमेटियों में बैजंयत पांडा और तेजस्वी सूर्या अध्यक्ष बनाए गए हैं.
MP के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि 24 सितंबर को लद्दाख में व्यापक हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करना बेहद आपत्तिजनक है.
अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस के एक कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा आदिवासियों को वनवासी कहती है, लेकिन वे भारत के सबसे पुराने नागरिक हैं.
दिग्विजय सिंह ने रैली में बड़ा आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने बैंगलोर में वोटर धोखाधड़ी के प्रमाण पेश किए हैं. उन्होंने बिहार में हो रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के नाम पर वोटरों के अधिकारों के खिलाफ बड़ी साजिश की बात कही. उनके अनुसार चुनाव आयोग पूरी तरह से भाजपा का एजेंट बन गया है.
MP के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की 'नर्मदा परिक्रमा पदयात्रा' 192 दिन चली. तकरीबन 3,300 किलोमीटर की यह यात्रा मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के बरमान घाट में समाप्त हुई थी.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिरने के पांच बाद एक बार फिर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह आमने सामने आ गये हैं. एक-दूसरे पर आरोप तो लगा ही रहे हैं, ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लेकर एक-दूसरे पर कांग्रेस की सरकार गिराने का भी दावा कर रहे हैं - आखिर पुरानी बातें नए सिरे से किए जाने का मकसद क्या है?
Digvijay vs Kamalnath: मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने की असल वजह क्या थी- सिंधिया की नाराजगी या गुटबाजी का खेल? फिलहाल, सियासत इस पुराने किस्से को नए अंदाज में भुनाने में जुट गई है.
MP Politics: दिग्विजय सिंह ने खुलासा किया था कि 2020 में कमलनाथ सरकार का पतन कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच मतभेद को लेकर हुआ. कांग्रेस नेता के इस दावे पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी करारा जवाब दिया है. इससे MP कांग्रेस के अंदर तूफान आ गया है.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इंडिया टुडे ग्रुप के Tak चैनल्स के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर के साथ खास पॉडकास्ट में कई मसलों पर बातचीत की है. दिग्विजय ने पहली बार यह भी बताया कि साल 2020 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार कैसे गिरी थी.
दिग्विजय सिंह के पुत्र और कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह को गुना का जिलाध्यक्ष बनाने से नाराज कार्यकर्ताओं ने पार्टी के मुखिया का ही पुतला दहन कर दिया गया. एमपी पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी का पुतला कहीं और नहीं, बल्कि दिग्विजय सिंह के गृह नगर राघौगढ़ में दहन किया गया.
निर्वाचन आयोग और विपक्ष के बीच बातचीत को लेकर गतिरोध बना हुआ है. निर्वाचन आयोग का कहना है कि वह केवल 30 सांसदों को बातचीत के लिए अनुमति देगा, जबकि विपक्ष 200 से अधिक सांसदों को शामिल करने की मांग कर रहा है. एसआइ आर के विरोध पर विपक्ष के नेता दिग्विजय सिंह का तर्क है कि इसे बिहार चुनाव के बाद तक स्थगित किया जाना चाहिए क्योंकि अभी बहुत कम समय है.
Malegaon blast case: प्रज्ञा ठाकुर और अदालत को बधाई देते हुए उमा भारती ने कहा, "इस मामले में भगवा आतंकवाद की परिभाषा गढ़ी गई थी. इसके जनक दिग्विजय सिंह थे और वह राहुल गांधी के इशारे पर यह काम कर रहे थे.
मालेगांव धमाकों में 17 साल बाद अदालत का फैसला आया है. अदालत ने सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि बम या साजिश का कोई सबूत नहीं मिला. बरी होने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि उन्हें जांच के नाम पर गिरफ्तार किया गया और भगवा तथा हिंदुत्व का अपमान किया गया. इस फैसले पर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा. रविशंकर ने कहा कि भगवा आतंकवाद की साजिश ध्वस्त हो गई है.
17 साल तक चले मालेगांव ब्लास्ट केस के सभी आरोपी बरी कर दिए गए हैं. कोर्ट का कहना है कि आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे. केस का कानूनी पक्ष तो अपनी जगह है, ये फैसला भगवा आतंकवाद के राजनीतिक नैरेटिव पर भी सवाल खड़े करता है.
मालेगांव ब्लास्ट मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है. इस मामले में सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया गया है. बरी होने वालों में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित भी शामिल हैं. अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी किया है. देखें फैसले पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह क्या बोले.
Malegaon blast case verdict: मालेगांव ब्लास्ट फैसले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का तांता लग गया. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि न हिंदू आतंकवाद होता है और न इस्लामिक आतंकवाद. उन्होंने जोर देकर कहा कि हर धर्म प्रेम, अहिंसा और सद्भाव का संदेश देता है और कुछ लोग ही धर्म का गलत उपयोग कर आतंकवाद को जन्म देते हैं.
दिग्विजय सिंह का आरोप है कि इनऑर्गेनिक कॉटन को ऑर्गेनिक बताकर बेचा गया और उस पर 'ऑर्गेनिक कॉटन' का फर्जी लेबल चस्पा कर दिया गया. जिन किसानों के नाम पर ऑर्गेनिक कॉटन बेचा गया, उन्होंने असल में ऑर्गेनिक खेती की ही नहीं. 'आंतरिक नियंत्रण प्रणाली' (ICS) के तहत किसानों के समूह बनाए गए, लेकिन अधिकतर किसान इस प्रक्रिया से अनजान रहे.