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विरोध भी, समर्थन भी... RSS-BJP पर दिग्विजय सिंह के बयान पर बंट गई कांग्रेस!

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा संघ की संगठनात्मक शक्ति की सराहना करने पर पार्टी में खींचतान शुरू हो गई है. पवन खेड़ा और सुप्रिया श्रीनेत ने आरएसएस से सीखने की बात को पूरी तरह नकारा है, जबकि टीएस सिंह देव ने इसे कार्यशैली और विचारधारा के बीच अंतर बताते हुए सुधार के लिए सीखने को सही ठहराया है.

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कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में मौजूद दिग्विजय सिंह. (Photo- PTI)
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में मौजूद दिग्विजय सिंह. (Photo- PTI)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की संगठनात्मक ताकत की तारीफ करने पर पार्टी के अंदर मतभेद उभरकर सामने आए हैं, जहां कुछ नेता उनके इस बयान का कड़ा विरोध कर रहे हैं और आरएसएस से कुछ भी सीखने से इनकार कर रहे हैं. वहीं, कुछ इसे वैचारिक असहमति के बावजूद कार्यशैली से सीखने का उदाहरण बता रहे हैं. इस मुद्दे पर कांग्रेस ने बीजेपी पर पार्टी के बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का भी आरोप लगाया है. 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के बयान के बाद पार्टी के अंदर वैचारिक एकता और रणनीतिक दृष्टिकोण पर सवाल उठ रहे हैं, जहां एक तरफ पवन खेड़ा और सुप्रिया श्रीनेत जैसे नेता आरएसएस को पूरी तरह से खारिज कर रहे हैं. वहीं, टीएस सिंह और शशि थरूर जैसे नेताओं ने कार्यशैली में सुधार के लिए आरएसएस की वकालत कर रहे है. इस विवाद ने कांग्रेस की वैचारिक एकता और रणनीतिक दृष्टिकोण पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

क्या बोले दिग्विजय

दरअसल, दिग्विजय सिंह ने हाल ही में आरएसएस की संगठनात्मक मजबूती की सराहना की थी. उन्होंने एक्स पर पीएम मोदी की एक पुरानी तस्वीर साझा कर लिखा कि Quora साइट पर मुझे ये तस्वीर मिली. ये बहुत ही प्रभावशाली है. किस प्रकार आरएसएस की जमीनी स्वयंसेवक और जनसंघ बीजेपी का कार्यकर्ता नेताओं के चरणों में फर्श पर बैठकर प्रदेश का सीएम और देश का पीएम बना. ये संगठन की शक्ति है. जय सिया राम. हालांकि, बाद में उन्होंने स्पष्ट रूप से संघ की विचारधारा को अस्वीकार किया था.

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फोटो सोर्स- X @digvijay

'RSS से कुछ भी सीखने की जरूरत नहीं'

इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने कहा, 'आरएसएस से सीखने जैसा कुछ नहीं है. गोडसे के लिए जानी जाने वाली संस्था गांधी द्वारा स्थापित संस्था को क्या सिखा सकती है?' खेड़ा का इशारा नाथूराम गोडसे की ओर था, जो महात्मा गांधी की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था और जिसका आरएसएस से कथित संबंध रहा है.

उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस जैसी संस्था (जो गांधीजी द्वारा स्थापित की गई) को ऐसी संगठन से कोई सबक लेने की जरूरत नहीं है.

बयान को तोड़-मरोड़कर किया पेश

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'भाजपा उनके बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है. हमें आरएसएस से कुछ भी सीखने की जरूरत नहीं है; हमने ब्रिटिश राज और उसके अन्यायों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम लड़ा और इसे जन आंदोलन में बदल दिया, इसलिए हमें किसी से कुछ सीखने की जरूरत नहीं है; बल्कि लोगों को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से सीखना चाहिए.'

श्रीनेत ने कांग्रेस की ऐतिहासिक भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि पार्टी ने स्वतंत्रता आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाया और अन्याय के खिलाफ संघर्ष किया, इसलिए आरएसएस जैसी संस्था से सीखने का कोई औचित्य नहीं है.

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TS सिंह ने किया बचाव

वहीं, कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव ने दिग्विजय सिंह का बचाव किया है. उन्होंने कहा, 'आरएसएस के बारे में जहां तक मुझे पता है, दिग्विजय सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे आरएसएस की विचारधारा को पूरी तरह अस्वीकार करते हैं. वे इससे सहमत नहीं हैं, इसलिए उनके बयान को आरएसएस के संदर्भ में व्याख्या करने का कोई औचित्य नहीं है... विचारधारा एक चीज है और कार्य करने का तरीका दूसरी चीज है.'

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, 'आप कई संगठनों से जुड़े हो सकते हैं. क्या आप अन्य संगठनों से उदाहरण लेकर कुछ बदलाव नहीं कर सकते? आप उनकी विचारधारा नहीं अपनाते, अगर ऑस्ट्रेलिया और भारत क्रिकेट मैच खेल रहे हैं और हम देखते हैं कि दूसरी टीम कैसे खेल रही है और हमें खुद में सुधार की जरूरत महसूस होती है तो क्या हमें ऐसा नहीं करना चाहिए? उनके फास्ट बॉलर बहुत प्रभावी हुआ करते थे. आज हमारे पास फास्ट बॉलरों की पूरी लाइन है तो क्या हमें हमेशा स्पिन बॉलिंग पर निर्भर रहना चाहिए? न सिर्फ आरएसएस से, बल्कि किसी से भी सीखने की जरूरत है.'

मजबूत करना होगा संगठन: शशि थरूर

TS सिंह ने अलावा कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पार्टी संगठन को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया और आरएसएस और भाजपा की संगठनात्मक शक्ति की प्रशंसा करने वाली दिग्विजय सिंह की हालिया टिप्पणियों पर चल रहे विवाद के बीच उनका समर्थन किया. कांग्रेस के 140वें स्थापना दिवस के अवसर पर, दिग्विजय सिंह के साथ अपनी बातचीत के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए थारूर ने कहा, 'हम दोस्त हैं और बातचीत करना स्वाभाविक है. संगठन को मजबूत करना ही होगा- इसमें कोई संदेह नहीं है.'

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इस दिन को पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए थारूर ने कहा, 'ये पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है. यह वह दिन है जब हम अपने शानदार इतिहास और कांग्रेस के योगदान पर एक नजर डालते हैं.'

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