बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन चुनाव (BMC Election), 2026 बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के सदस्यों का चुनाव है. चुनाव 15 जनवरी 2026 को होगा और वोटों की गिनती 16 जनवरी, 2026 को होगी.
BMC 2017 के नगर निगम चुनावों के बाद अब नौ नए वार्डों के साथ होगा, तीन शहरी इलाकों में, तीन पश्चिमी उपनगरों में और तीन पूर्वी उपनगरों में हैं. शहर में तीन वार्ड वर्ली, परेल और बायकुला हैं, पश्चिमी उपनगरों में बांद्रा, अंधेरी, दहिसर, पूर्वी उपनगरों में कुर्ला, चेंबूर और गोवंडी हैं. कुल मिलाकर अब 236 कॉर्पोरेटर होंगे. 127 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, जिनमें से अनुसूचित जातियों की 8 सीटें महिलाओं के लिए और 1 सीट अनुसूचित जनजातियों की महिला के लिए आरक्षित है. खुली जातियों की महिलाओं के लिए 118 सीटें होंगी, कुल 219 सीटें खुले समूह के लिए होंगी. 15 सीटें अनुसूचित जातियों और 2 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित होंगी.
महाराष्ट्र सरकार ने बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) को छोड़कर राज्य के अधिकांश नगर निगमों के लिए एक नई चार-सदस्यीय वार्ड प्रणाली लागू की है. जबकि सत्ताधारी पार्टियों का कहना है कि इस कदम से लोकतंत्र में सुधार होगा, विपक्ष ने नगर निगम चुनावों में देरी पर चिंता जताई है और पूछा है कि प्रशासन ने चुनाव प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अदालत का रुख क्यों नहीं किया.
भारतीय संस्कृति में किसी परिवार का टूटना अच्छा नहीं माना जाता. राजनीतिक कारणों से ही सही, बाल ठाकरे के रहते उद्धव और राज ठाकरे का अलग हो जाना भी दुखी करने वाला था. लेकिन, अब 20 साल बाद वे जिस गरज से साथ आए हैं, वो स्वाभाविक मिलन से ज्यादा, मजबूरी नजर आ रहा है.
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने बीएमसी चुनाव के लिए गठबंधन का ऐलान करते हुए बीजेपी, पीएम मोदी और अमित शाह पर निशाना साधा. अब सीएम फडणवीस ने इस पर पलटवार किया है.
महाराष्ट्र की सियासत में 20 साल बाद आपसी गिले-शिकवे भुलाकर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक हो गए हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अब पवार परिवार में भी बात बन जाएगी? अजित पवार और शरद पवार भी साथ मिलकर क्या सियासी मैदान में उतरेंगे?
शिवसेना संस्थापक बाला साहब ठाकरे ने अपने बेटे उद्धव ठाकरे को आगे बढ़ाया तो राज ठाकरे ने अलग सियासी राह चुन ली. अब 20 साल बाद फिर से ठाकरे ब्रदर्स एक साथ आए हैं. पढ़ें उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की दोस्ती से लेकर दुश्मनी तक की टाइमलाइन...
बीएमसी चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टियों में गठबंधन का औपचारिक ऐलान हो गया है. उद्धव और राज ठाकरे ने गठबंधन का ऐलान करते हुए यह भी
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे 20 साल बाद फिर से साथ आ रहे हैं. बीएमसी चुनाव में दोनों ठाकरे भाइयों की पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ेंगी. ठाकरे ब्रदर्स दोनों दलों के गठबंधन का ऐलान कर दिया है.
महाराष्ट्र की नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में ऐतिहासिक जीत के बाद बीजेपी अब बीएमसी चुनावों की तैयारी में जुट गई है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण की जोड़ी को इस सफलता का श्रेय दिया जा रहा है. पार्टी के भीतर और बाहर उनकी रणनीति की चर्चा तेज है.
उद्धव ठाकरे की शिवसेना UBT और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना आज बीएमसी चुनाव के लिए गठबंधन का आधिकारिक ऐलान करने वाले हैं. बताया जा रहा है कि इस गठबंधन में शरद पवार की एनसीपी को भी शामिल किया जा सकता है. NCP शरद पवार गुट के साथ सीट-बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने के लिए इसे बुधवार के लिए टाल दिया गया था.
महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में महायुति ने जबरदस्त बढ़त बनाई है. एमवीए कमजोर साबित हुई. अब जनवरी 2026 में होने वाले 29 नगर निगम चुनाव, खासकर मुंबई, विपक्ष के लिए सियासी भविष्य तय करने वाली लड़ाई बन गए हैं.
मुंबई में मुसलमानों की आबादी करीब 20 फीसदी है, जो 50 बीएमसी सीटों पर अहम रोल अदा करते हैं. मुस्लिम वोटों पर कांग्रेस से लेकर सपा, अजित पवार की एनसीपी से लेकर असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM की नजर है. देखना है कि मुस्लिम वोटों की पहली पसंद कौन दल बनता है?
बीएमसी चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच सीट बंटवारे पर सहमति बन गई है. समझौते के तहत शिवसेना (यूबीटी) 150 से अधिक और एमएनएस 60–70 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.
महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में 288 में से 215 सीटें जीतकर महायुति ने बड़ी जीत दर्ज की है, जबकि महा विकास अघाड़ी का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा और उसे सिर्फ 51 शीर्ष पदों पर ही सफलता मिली. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जिसका स्ट्राइक रेट 63 प्रतिशत से ज्यादा रहा, वहीं शिवसेना और एनसीपी ने भी अच्छा प्रदर्शन किया. इसके उलट कांग्रेस, उद्धव ठाकरे गुट और शरद पवार गुट का स्ट्राइक रेट 25 प्रतिशत से नीचे रहा.
शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे से मिलने उनके घर 'शिवतीर्थ' पहुंचे हैं. राज ठाकरे से संजय राउत की इस मुलाकात में बीएमसी चुनाव में गठबंधन के आधिकारिक ऐलान से पहले समझौते को अंतिम रूप दिए जाने पर चर्चा हो सकती है.
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे का मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ना पक्का हो गया है. ये बात संजय राउत ने ही बताई है. लेकिन जिस तरह से कांग्रेस अलग राह पकड़ने की बात कर रही है, और नगर निकाय के जो नतीजे आए हैं - ठाकरे बंधुओं की राजनीतिक भविष्यवाणी लगता है 16 जनवरी को ही सुनाई जाएगी.
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्निथला ने कहा कि कांग्रेस बीएमसी चुनाव अकेले लड़ेगी और चुनाव से पहले मुंबई नगर निगम में हुए कथित भ्रष्टाचार को लेकर चार्जशीट और जल्द ही अपना घोषणा पत्र जारी करेगी. उन्होंने कहा कि मुंबई का विकास ठीक से नहीं हुआ है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जनता जानती है.
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव के लिए हाथ मिलाने की तैयारी में हैं. इस गठबंधन की रणनीति का केंद्र ‘MaMu’ यानी मराठी-मुस्लिम समीकरण होगा. सीट शेयरिंग के प्रारंभिक फॉर्मूले के तहत शिवसेना (यूबीटी) 140 से 150 सीटों पर, जबकि एमएनएस 60 से 70 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.
महाराष्ट्र नगर निगम चुनावों से पहले शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के राज ठाकरे के बीच रणनीतिक गठबंधन होने जा रहा है. उद्धव और राज का गठबंधन मुंबई समेत 29 नगर निगमों में चुनाव लड़ने की योजना बना रहा है. हालांकि, कांग्रेस ने इस गठबंधन में शामिल होने से इनकार कर दिया है और अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
महाराष्ट्र में नगर निगम चुनाव के ऐलान के साथ सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की सियासी केमिस्ट्री बनती दिख रही है तो मराठी अस्मिता का भी दांव चला जाने लगे हैं. इस तरह उद्धव ठाकरे अपने सियासी दुर्ग बीएमसी को बचाए रखने के लिए हर एक दांव आजमा रहे हैं?
BMC के चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. 15 जनवरी को मतदान होगा और 16 जनवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे. बीएमसी चुनाव के साथ-साथ 29 अन्य नगर निगमों के लिए भी मतदान किए जाएंगे.
दिवंगत अभिषेक घोसालकर की पत्नी, पूर्व नगरसेविका तेजस्वी घोसालकर ने सोमवार को शिवसेना (यूबीटी) छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया. बीएमसी चुनावों से पहले उत्तर मुंबई के राजनीतिक परिदृश्य में यह एक महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है.
महाराष्ट्र निकाय चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी के बीच मनसे प्रमुख राज ठाकरे 17 साल पुराने एक मामले में फंस गए हैं. 2008 में हुई हिंसा के मामले में राज पर आरोप तय हो गए हैं, जिसे लेकर उन्हें अ कोर्ट के चक्कर लगाने होंगे.