भारत का स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम नाविक (NavIC), जो भारत का अपना जीपीएस (GPS) माना जाता था, आज मुश्किल में है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) की ये मेहनत अब फेल होने की कगार पर पहुंच गया है.
11 सैटेलाइट्स लॉन्च किए गए, लेकिन सिर्फ 4 ही काम कर रहे हैं. बाकी या तो खराब हो गए या पूरी तरह बंद हैं. सरकार ने संसद में और RTI (राइट टू इन्फॉर्मेशन) के जरिए इस बात को माना है. आइए, समझते हैं कि नाविक क्या है. क्यों फेल हो रहा है. इसका भारत पर क्या असर पड़ सकता है.
नाविक क्या है?
नाविक यानी नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन (NavIC) भारत का अपना रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम है, जो IRNSS (इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) का हिस्सा है. इसे ISRO ने 2006 में शुरू किया था, ताकि भारत को विदेशी जीपीएस (जैसे अमेरिका का GPS) पर निर्भरता से आजादी मिले.
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खासकर 1999 के कारगिल युद्ध में जब अमेरिका ने GPS डेटा देने से मना कर दिया था, तब इसकी जरूरत महसूस हुई. नाविक भारत और इसके आसपास 1500 किमी तक सटीक लोकेशन, नेविगेशन और टाइमिंग (PNT) सर्विस देता है. इसका मकसद था कि सिविलियन और सैन्य दोनों इस्तेमाल के लिए एक स्वदेशी सिस्टम हो.

क्या हो गया नाविक को?
नाविक की शुरुआत शानदार रही, लेकिन अब हालत खराब है. 11 में से सिर्फ 4 सैटेलाइट्स ही PNT (पोजिशनिंग, नेविगेशन, टाइमिंग) सर्विस दे रहे हैं. बाकी 7 या तो पूरी तरह फेल हो गए या आंशिक रूप से काम कर रहे हैं. इसके पीछे की वजहें...
एटॉमिक क्लॉक फेल्योर
हर सैटेलाइट में 3 एटॉमिक क्लॉक होते हैं, जो समय को सटीक रखते हैं. कई सैटेलाइट्स (जैसे IRNSS-1A, 1C, 1D) में ये क्लॉक फेल हो गए. ये क्लॉक विदेश से आए थे. उनकी गुणवत्ता में दिक्कत आई.
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लॉन्च फेल्योर
IRNSS-1H (2017) और NVS-02 (2025) लॉन्च के दौरान फेल हो गए. 1H का रॉकेट शील्ड नहीं खुला. NVS-02 का इंजन काम नहीं किया.

पुराने सैटेलाइट्स
तकनीकी दिक्कतें: NVS-02 का इंजन फेल होने से वो सही ऑर्बिट में नहीं पहुंचा, जिससे PNT सर्विस प्रभावित हुई.
हालत: अभी IRNSS-1B, 1F, 1I और NVS-01 (IRNSS-1J) ही पूरी तरह काम कर रहे हैं. बाकी सैटेलाइट्स या तो मैसेजिंग सर्विस (NMS) के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं या पूरी तरह बंद हैं.
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सरकार का जवाब
हाल ही में सरकार ने संसद में और RTI के जवाब में माना कि नाविक की हालत खराब है...
नाविक की अहमियत
नाविक का मकसद था कि भारत को विदेशी सिस्टम पर निर्भर न रहना पड़े, खासकर सैन्य इस्तेमाल में. इसके फायदे...
1/6 India's NavIC navigation constellation is facing an unprecedented crisis. My latest RTI response reveals that the entire system is one atomic clock failure away from complete operational collapse, threatening the Indias navigational independence. Thread: #NavIC #ISRO #RTI https://t.co/vCnuJEJwtm
— SolidBoosters (@SolidBoosters) July 2, 2025
क्या हो सकता है असर?
भविष्य का प्लान
ISRO ने नई NVS सीरीज (NVS-03, 04, 05) लॉन्च करने की बात कही है, जो 2026 तक आएंगे. इनमें...
लेकिन सवाल ये है कि क्या ISRO अपनी लॉन्च रफ्तार और बजट को बढ़ा पाएगा? लोगों की मांग है कि सरकार को ISRO को और सपोर्ट करना चाहिए.