Mahalakshmi Vrat Samapan 2021: महालक्ष्मी व्रत का आज आखिरी दिन है. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को शुरू हुआ यह व्रत 16 दिन तक रखा जाता है. महालक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है और इन दिनों इनकी उपासना से बड़ा लाभ मिलता है. अगर आपने इस वर्ष महालक्ष्मी व्रत नहीं रखा है तो एक विशेष उपाय आपके लिए बेहद फलदायी साबित हो सकता है.
राधा अष्टमी से शुरू होता है महालक्ष्मी व्रत
महालक्ष्मी व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक चलता है. माना जाता है कि अगर विधि पूर्वक और श्रद्धा से महालक्ष्मी व्रत पूरा किया जाए तो देवी लक्ष्मी बहुत प्रसन्न हो जाती हैं. मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर धन के भंडार हमेशा भरे रहने का आशीर्वाद देती हैं.
क्या है महालक्ष्मी व्रत की समापन विधि? (Mahalakshmi Vrat Samapan 2021 vidhi)
महालक्ष्मी व्रत के समापन के दिन स्नान करके साफ कपड़े पहनें. एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर देवी लक्ष्मी की प्रतिमा विराजित करें. दीप प्रज्जवलित करें. महालक्ष्मी जी के मस्तक पर कुमकुम का तिलक लगाएं. माता महालक्ष्मी की स्तुति और चालीसा गाएं. फिर धूप, दीप, फूल और चंदन के साथ देवी की आरती करें.
इसके बाद देवी लक्ष्मी को फल और मिठाई का भोग लगाएं और चंद्रोदय होने पर अर्घ्य दें. इसके बाद व्रत का समापन करें. इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष कृपा आप पर भी बरस सकती है. समापन के साथ ही आपकी सारी आर्थिक मुश्किलें भी समाप्त हो सकती हैं. अगर आपने किसी कारण ये व्रत नहीं किया है तो कल यानी 10 सितंबर को एक खास भी उपाय आपकी तिजोरी भर सकता है.
ये उपाय जरूर कर लें
माता महालक्ष्मी की प्रतिमा की स्थापना करें. उनके सामने घी का चौमुखी दीपक जलाएं. माता को सफेद मिठाई अर्पित करें. माता को गुलाबी धागा भी अर्पित करें. इसके बाद श्री सूक्तम का पाठ करें. अगर सोलह बार पाठ कर सकें तो बहुत ही उत्तम होगा. इसके बाद गुलाबी धागा अपनी कलाई या गले में धारण करें. कहते हैं कि भगवान विष्णु ने इस दिन लक्ष्मी जी की प्राप्ति का मार्ग बताया था. इस व्रत को गजलक्ष्मी व्रत भी कहा जाता है. गजलक्ष्मी व्रत के दिन हाथी की पूजा और महालक्ष्मी के गजलक्ष्मी स्वरूप की पूजा की जाती है.