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सरिस्का टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को बाघ के अलावा ड्रैगनफ्लाई और डेंसनफ्लाई की प्रजातियों की जानकारी भी मिलेगी

सरिस्का टाइगर रिजर्व में अब पर्यटक ड्रैगनफ्लाई, डेंसनफ्लाई और जंगल में उगने वाली 13 तरह की घास की प्रजातियों के बारे में जान सकेंगे. नवंबर में सर्वे शुरू होगा. सर्वे पूरा होने के बाद गाइड सफारी के दौरान पर्यटकों को इन जानवरों और पौधों की विस्तृत जानकारी देंगे.

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सरिस्का टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को ड्रैगनफ्लाई (Photo: Screengrab)
सरिस्का टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को ड्रैगनफ्लाई (Photo: Screengrab)

सरिस्का टाइगर रिजर्व में अब पर्यटक सिर्फ बाघ और अन्य जंगली जानवर ही नहीं बल्कि ड्रैगनफ्लाई, डेंसनफ्लाई और जंगल में उगने वाली घास की प्रजातियों के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. नवंबर महीने से यहां सर्वे शुरू होगा. सर्वे पूरा होने के बाद गाइड जंगल सफारी के दौरान पर्यटकों को इन प्रजातियों के बारे में विस्तार से बताएंगे.

 

सरिस्का का जंगल 886 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और इसमें 50 बाघ, बाघिन व शावक मौजूद हैं. इसके अलावा पैंथर, बारहसिंगा, नीलगाय, भालू, सांभर, चीतल और सैकड़ों तरह के पक्षी व वन्य जीव यहां देखे जा सकते हैं. साल भर देसी और विदेशी पर्यटक सरिस्का का भ्रमण करते हैं. अब उनके अनुभव में और अधिक जानकारी जुड़ जाएगी.

सरिस्का टाइगर रिजर्व में ड्रैगनफ्लाई और डेंसनफ्लाई

डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया कि सरिस्का में हजारों की संख्या में ड्रैगनफ्लाई और डेंसनफ्लाई पाई जाती हैं. इसके लिए प्रशासन जल्द ही सर्वे शुरू कर रहा है. इसके साथ ही जंगल में जानवरों के लिए उपयुक्त घास उगाने का काम भी चल रहा है. यह घास जानवरों की खाने की जरूरतों के अनुसार विकसित की जाएगी.

सरिस्का में 13 तरह की घास की प्रजातियां पाई जाती हैं. इनमें क्राइसोपोगोन और एरिस्तिडा प्रमुख हैं. प्रशासन विलायती बबूल हटाकर जंगल में घास उगाने पर काम कर रहा है. इस पहल से जानवरों को पर्याप्त भोजन मिलेगा और पर्यटकों को नई जानकारी मिलेगी.

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जंगल में जानवारों के लिए घास उगाने का काम शुरू 

सरिस्का देश का पहला टाइगर रिजर्व होगा जहां इस तरह के सर्वे किए जाएंगे. इससे पर्यटक जंगल के जीवों और उनकी जीवन शैली के बारे में और बेहतर समझ पाएंगे.

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