लोकसभा में मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सरकार पर जमकर निशाना साधा. राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने पायलटों के हाथ बांधकर उन्हें जंग लड़ने भेजा था और सरकार के पास राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है. उन्होंने 1971 की जंग का जिक्र करते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश की सेना को खुली छूट दे रखी थी, इसी वजह से एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर किया और पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए.
ट्रंप के दावे पर पूछा सवाल
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भारत के डीजीएमओ को सरकार ने युद्ध के बीच रात में तनाव बढ़ाने से मना किया था. उन्होंने कहा कि सरकार ने पाकिस्तान से कहा कि हम हमला तो कर रहे हैं लेकिन आपके सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाएंगे. राहुल ने कहा कि आपने खुद पाकिस्तान से कहा कि हमारी राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है, हम लड़ना नहीं चाहते.
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सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर राहुल गांधी ने कहा कि ट्रंप ने 29 बार कहा कि उन्होंने युद्ध रुकवाया दिया. अगर यह सच नहीं है, तो प्रधानमंत्री को इनकार करना चाहिए और ट्रंप से कहना चाहिए कि आप झूठे हैं. अगर आप में इंदिरा गांधी से आधी भी हिम्मत है तो संसद में कहें कि ट्रंप झूठे हैं.
पहलगाम का मास्टरमाइंड है मुनीर
विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री ने कहा कि हमने पाकिस्तान को रोका। सच में? भारत में आतंकवाद फैलाने वाले असीम मुनीर को राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस बुलाया था, जहां प्रधानमंत्री मोदी भी नहीं जा सकते. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि मैं उनको (आसिम मुनीर) धन्यवाद देना चाहता हूं. किस बात के लिए धन्यवाद? आतंकवाद फैलाने के लिए. मैं विदेश मंत्री से पूछना चाहता हूं कि आप किस ग्रह पर बैठे हैं? कृपया नीचे आइए.
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उन्होंने कहा कि न्यू नॉर्मल बात यह है कि पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ लंच कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार अब कहती है, कोई भी आतंकवादी कार्रवाई युद्ध कार्रवाई है. अब, सरकार ने सारी शक्ति आतंकवादियों को सौंप दी है, यह कहते हुए कि अगर युद्ध चाहिए तो भारत पर हमला कर दो, यह पागलपन है.
जंग पाकिस्तान से नहीं चीन से
उन्होंने कहा कि सरकार की विदेश नीति के लिए पाकिस्तान और चीन बहुत बड़ी चुनौती हैं. ऑपरेशन सिंदूर में भी सरकार को बाद में पता चला कि जंग पाकिस्तान से नहीं चीन के खिलाफ थी. राहुल गांधी ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तानी सेना और वायुसेना चीन के साथ मिल गई थीं. इतना ही नहीं, पाकिस्तानी वायुसेना की थ्योरी भी पूरी तरह बदल गई थी और चीन, पाकिस्तानियों को सैटेलाइट डेटा समेत युद्धक्षेत्र की अहम जानकारी मुहैया करा रहा था.
राहुल गांधी ने कहा कि इन दोनों देशों की जुगलबंदी भारत के खिलाफ खतरनाक है. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन से डरे हुए हैं. देश एक साथ दो मोर्चों पर लड़ रहा है. राहुल गांधी ने कहा कि मैंने कहा था कि भारत की विदेश नीति की सबसे बड़ी चुनौती पाकिस्तान और चीन को अलग रखना रही है. लेकिन हम इसमें नाकाम रहे और उन्होंने भारतीय विदेश नीति को बर्बाद कर दिया. भारत सरकार सोचती थी कि वे पाकिस्तान से लड़ रहे हैं, और जब वे सदन में आए, तो उन्हें एहसास हुआ कि वे पाकिस्तान और चीन से लड़ रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि यह बहुत ख़तरनाक वक्त है और हम ऐसे प्रधानमंत्री को बर्दाश्त नहीं कर सकते जो सेना का इस्तेमाल करना नहीं जानता. हम ऐसे प्रधानमंत्री को बर्दाश्त नहीं कर सकते जिसमें यहां से यह कहने की हिम्मत न हो कि डोनाल्ड ट्रंप झूठे हैं. उन्होंने लड़ाई नहीं रोकी, और अब वे विमानों के बारे में झूठ बोल रहे हैं.